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Hindustan Zinc Stake Sale : हिंदुस्तान जिंक में अपना पूरा हिस्सा बेचेगी सरकार, 38 हजार करोड़ मिलने की उम्मीद, CCEA ने दी मंजूरी

HZL Stake Sale : आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बुधवार को हुई बैठक में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में सरकार की पूरी 29.5% हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी मिल गई है. यह खबर सूत्रों के हवाले से आई है.

HZL Stake Sale : आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बुधवार को हुई बैठक में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में सरकार की पूरी 29.5% हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी मिल गई है. यह खबर सूत्रों के हवाले से आई है.

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Hindustan Zinc Stake Sale

हिंदुस्तान जिंक के शेयर बुधवार को 4 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ 307.50 रुपये पर बंद हुए.

Hindustan Zinc (HZL) Stake Sale : आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) की बुधवार को हुई बैठक में हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड में सरकार की पूरी 29.5% हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी मिल गई है. यह खबर सूत्रों के हवाले से आ रही है. सूत्रों के मुताबिक इस विनिवेश से सरकार को करीब 38 हजार करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद की जा रही है.

सूत्रों का कहना है कि हिंदुस्तान जिंक में सरकार की पूरी हिस्सेदारी बेचने के फैसले से मोदी सरकार को मौजूदा कारोबारी साल के दौरान अपने विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी. सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में सरकारी कंपनियों को बेचने और उनमें विनिवेश के जरिए 65 हजार करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है.

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हिंदुस्तान जिंक के शेयर बुधवार को 4 फीसदी से ज्यादा तेजी के साथ 307.50 रुपये पर बंद हुए. दिन के कारोबार के दौरान बीएसई पर कंपनी के शेयर 318 रुपये की ऊंचाई तक भी पहुंचे. कंपनी में सरकार के 29.5 फीसदी यानी 124.96 करोड़ से ज्यादा शेयर हैं. मौजूदा बाजार भाव के हिसाब से इन शेयरों को बेचने पर सरकार को करीब 38,000 करोड़ रुपये मिल सकते हैं.

हिंदुस्तान जिंक 2002 तक पूरी तरह से सरकारी मिल्कियत वाली कंपनी थी. अप्रैल 2002 में सरकार ने कंपनी की 26 फीसदी हिस्सेदारी कंपनी स्टर्लाइट ऑपर्च्युनिटी एंड वेंचर्स लिमिटेड (SOVL) को 445 करोड़ रुपये में बेच दी. इसी के साथ सरकार ने कंपनी का मैनेजमेंट कंट्रोल भी वेदांता ग्रुप को सौंप दिया. बाद में वेदांता ग्रुप ने शेयर मार्केट से कंपनी के 20 फीसदी शेयर खरीद लिए. नवंबर 2003 में उसने एक बार फिर हिंदुस्तान जिंक के 18.92 फीसदी शेयर सरकार से खरीद लिए. इसके साथ ही कंपनी में वेदांता समूह की हिस्सेदारी बढ़कर 64.92 फीसदी हो गई. माइनिंग सेक्टर के बड़े कारोबारी अनिल अग्रवाल के वेदांता समूह ने हाल ही में कहा था कि वे हिंदुस्तान जिंक के मौजूदा शेयर प्राइस को देखते हुए फिलहाल इसके और 5 फीसदी शेयर ही खरीद सकते हैं.
(इनपुट - पीटीआई)

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