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संकट में मकान रहेगा सेफ एसेट, सस्ता लोन दे रहा मौका; कोरोना संकट में घर खरीदारों की बदली सोच

होम लोन पर कम ब्याज दर और फिजिकल एसेट से जुड़ी सुरक्षा की भावना लोगों के घर खरीदने के फैसले को तय करते हैं.

होम लोन पर कम ब्याज दर और फिजिकल एसेट से जुड़ी सुरक्षा की भावना लोगों के घर खरीदने के फैसले को तय करते हैं.

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home loan and sense of security are the factors which affects people decision of buying home says report

होम लोन पर कम ब्याज दर और फिजिकल एसेट से जुड़ी सुरक्षा की भावना लोगों के घर खरीदने के फैसले को तय करते हैं.

home loan and sense of security are the factors which affects people decision of buying home says report होम लोन पर कम ब्याज दर और फिजिकल एसेट से जुड़ी सुरक्षा की भावना लोगों के घर खरीदने के फैसले को तय करते हैं.

होम लोन (Home Loan) पर कम ब्याज दर और फिजिकल एसेट से जुड़ी सुरक्षा की भावना लोगों के घर खरीदने के फैसले को तय करते हैं. ANAROCK के कंज्यूमर सेंटिमेंट सर्वे में यह बात सामने आई है. इसके अलावा सर्वे में यह बात भी ध्यान देने वाली है कि सर्वे में घर खरीदने को प्राथमिकता देने वाले अधिकतर लोगों की उम्र 25 से 35 साल की है. सर्व में सामने आया है कि वे सभी लोग जो पहले प्रॉपर्टी खरीदने की बिल्कुल नहीं सोच रहे थे और लॉकडाउन के दौरान उन्होंने अपना फैसला बदला है, उन लोगों में से 92 फीसदी लोगों ने इस बदलाव की दो वजहें बताईं हैं. इनमें फिजिकल संपत्ति के होने से ऐसे संकट के समय में सुरक्षा की भावना रहना और होम लोन पर कम ब्याज दर शामिल हैं. होम लोन पर ब्याज दर वर्तमान में सबसे कम स्तर पर हैं जो 7.15 फीसदी से 7.8 फीसदी तक हैं.

घर खरीदने के फैसले में सबसे आगे 25-35 साल के लोग

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इसके अलावा सर्वे के मुताबिक, कोरोना वायरस के संकट ने घर खरीदने को लेकर युवाओं की सोच में भी बदलाव लाया है. इस सर्वे में जितने लोगों ने रियल एस्टेट को निवेश के लिए सबसे बेहतर एसेट क्लास बताया है, उनमें कम से कम 55 फीसदी लोग 25 से 35 साल की उम्र के बीच थे. सर्वे के मुताबिक, पिछले सर्वे में यह आंकड़ा 42 फीसदी का था. रिपोर्ट में कहा गया है कि फिजिकल एसेट लोगों को कोविड-19 जैसी संकट की स्थिति में बेहद सुरक्षा देते हैं जब शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आती है और वित्तीय बाजार में भी उथल-पुथल होती है.

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कोरोना का किफायती घरों की श्रेणी पर ज्यादा असर नहीं

ऐसा माना जा रहा था कि कोरोना वायरस की वजह से 2020 में सबसे ज्यादा बुरा असर किफायती घरों की श्रेणी पर होगा क्योंकि कोरोना वायरस की वजह से इसके खरीदारों को सीमित आय और बेरोजगारी बढ़ने का खतरा बना रहेगा. हालांकि, सर्वे में ऐसा नहीं लगता है. पिछले सर्वे के समान इसमें भी 36 फीसदी से ज्यादा लोगों ने 45 लाख रुपये के बजट में घर को प्राथमिकता दे रहे हैं.

ऐसा भी हो सकता है कि वर्तमान में कोविड-19 की स्थिति में बहुत से खरीदार, जिनका पहले ज्यादा बजट हो, उन्होंने अब उसे कम कर दिया है. बहुत से लोग इस अनिश्चित्ता के समय में बड़ी राशि को कहीं नहीं लगाना चाहेंगे. वह अपनी मौजूदा जरूरतों के मुताबिक ही घर खरीदेंगे.

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