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देश में 2021 के पहले तीन महीनों के दौरान हाउसिंग प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट आई है.
Housing Property Price : देश में इस साल जनवरी से मार्च के बीच हाउसिंग प्रॉपर्टी ( Housing Property) की कीमतों में कमी आई है. वर्ष 2020 के जनवरी-मार्च की तुलना में 2021 के जनवरी-मार्च अवधि में देश में मकानों की कीमत में 1.6 फीसदी की गिरावट आई है. हाउसिंग प्रॉपर्टी के दाम में इजाफे के मामले में भारत की ग्लोबल रैंकिंग भी काफी नीचे है . इस रैंकिंग में भारत 55वें नंबर पर है. रैंकिंग में 56 देशों में हाउसिंग प्रॉपर्टी की कीमतें शामिल की जाती है.
तुर्की में सबसे ज्यादा बढ़ी हाउसिंग प्रॉपर्टी की कीमत
प्रॉपर्टी कन्सलटेंट फर्म नाइट फ्रैंक के मुताबिक मकानों की सबसे ज्यादा कीमत तुर्की में बढ़ी है. जनवरी-मार्च, 2021 में यहां इसकी कीमतों में 32 फीदी का इजाफा हुआ है. यह कीमतों में बढ़ोतरी के आधार पर बनाई गई रैंकिंग में सबसे ऊपर है. भारत को सिर्फ एक पायदान की बढ़त मिली है. पिछले साल यह 56वें नंबर पर था लेकिन इस साल यह 55वें नंबर पर पहुंचा. इससे नीचे सिर्फ स्पेन है. प्रॉपर्टी कन्सलटेंट फर्म नाइट फ्रैंक ने गुरुवार को अपनी रिसर्च रिपोर्ट 'Global House Price Index - Q1 2021'जारी की. इसमें 56 देशों के प्रमुख मार्केट में प्रॉपर्टी के दाम के आधार पर रैंकिंग की जाती है.
भारत और स्पेन की हालत सबसे खराब
मकानों की सबसे ज्यादा कीमत तुर्की में बढ़ी. यहां इनके दाम 32 फीसदी बढ़े . इसके बाद न्यूजीलैंड में मकानों की कीमत 22.1 फीसदी बढ़ी. लक्जमबर्ग में यह बढ़ोतरी 16.6 फीसदी रही. सबसे ज्यादा खराब हालत भारत और स्पेन की रही. भारत 2021 की पहली तिमाही में 12 पायदान नीचे लुढ़क कर 55वें पोजीशन पर जा पहुंचा. 2020 में जनवरी-मार्च के दौरान यह 43वें नंबर पर था. जनवरी से मार्च, 2021 के बीच रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के दाम में सिर्फ 1.4 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2005 से मकानों के दाम में सबसे ज्यादा 13.2 फीसदी बढ़ोतरी अमेरिका में रही है. नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा कि 2021 की पहली तिमाही में सेल्स वॉल्यूम में ठीकठाक बढ़ोतरी दिखी. इससे मकानों के दाम स्थिर रहे.