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One should review his/her policy preferably, 2-3 months before they are due for renewal: Experts
Health Insurance Industry growth during covid-19 Pandemic: कोरोना महामारी ने एक सबसे बड़ा बदलाव स्वास्थ्य प्राथमिकताओं और स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर आम आदमी खासकर मध्य वर्ग के नजरिए में किया है. अब महानगर हो या छोटे शहर/कस्बे हर जगह लोग स्वास्थ्य बीमा यानी हेल्थ कवर को लेकर संजीदा हैं. इंडस्ट्री के आंकड़े बताते हैं कि महामारी के दौर में हेल्थ रिटेल सेगमेंट की ग्रोथ पिछले साल की तुलना में तीन गुनी बढ़ी है. इस बीच, अधिक से अधिक लोगों को हेल्थ कवर के दायरे में लाने के लिए न केवल इंश्योरेंस रेग्युलेटर भारतीय बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (IRDAI) की तरफ से सुधारात्मक कदम उठाए गए, बल्कि बीमा कंपनियों ने भी हेल्थ कवर के नियमों को आसान बनाया. मसलन, बीमा कंपनियों ने टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन जैसी यूनिक पहल की.
इंडस्ट्री एक्सपर्ट और स्टार हेल्थ एंड अलाइड इंश्यारेंस के एमडी आनंद रॉय का कहना है, महामारी में हेल्थ इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ी है. लोगों में इसकी जरूरत को लेकर जागरूकता बढ़ी है. आम लोगों को यह बात समझ में आई कि क्वालिटी हेल्थ केयर के साथ-साथ बढ़ते हॉस्पिटलाइजेशन लागत की चुनौतियों से निपटने का इंतजाम करना आवश्यक है. कोरोना महामारी के दौर में हेल्थ इंश्योरेंस इंडस्ट्री में व्यापक बदलाव आया, कि पहले बीमा कंपनियां अपने एजेंट या अन्य चैनल के जरिए सबसे अधिक प्रोडक्ट बेचती थीं. लेकिन अब ग्राहकों की तरफ से खुद ही बीमा खरीदने की पहल देखने को मिली है.
रॉय बताते हैं, महामारी के दौरान स्वास्थ्य बीमा कंपनियों ने कई यूनिक पहल की. जैसेकि टेलीमेडिसिन कंसल्टेशन जैसी सुविधाएं उपभोक्ताओं को दी गईं. ग्राहकों की सर्विस के नजरिए से देखें तो इसमें कई सुधार हुए. इनमें बीमा नियामक इरडा की तरफ से स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में कवर आइटम का स्टैंडर्ड बनाया गया और नॉन कवर्ड आइटम्स की संख्या 199 से घटकर 68 हो गई. इसके अलावा, नियामक ने 68 नॉन कवर्ड आइटम के लिए भी कवरेज का प्रावधान बनाया.
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ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचा हेल्थ इंश्योरेंस
महामारी में यह तो साफ हो गया कि आम लोग खासकर युवा हेल्थ इंश्योरेंस लेने के लिए आगे आए. रॉय का कहना है, अब लोगों को इस बात की गंभीरता का अंदाजा लग रहा है कि बढ़ते हॉस्टिपलाइजेशन खर्च से उनकी गाढ़ी कमाई और बचत को बचाना जरूरी है. हेल्थ इंश्योरेंस को लेकर एक पहलू यह भी उत्साहित करता है कि इसकी डिमांड टियर-2, टियर-3 शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से भी बढ़ रही है. यही नहीं, अधिकांश ग्राहक हॉस्पिटलाइजेशन खर्च में बढ़ोतरी को देखते हुए सम इंश्योर्ड रकम भी बढ़वा रहे हैं.
हेल्थ सेंगमेंट करीब तीन गुना बढ़ा?
हेल्थ इंश्योरेंस का खुदरा मार्केट भी इस आपदा के दौर में तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2019-20 में अक्टूबर तक हेल्थ रिटेल सेगमेंट की ग्रोथ रेट 10.95 फीसदी और रिटेल सेगमेंट का मार्केट शेयर 36.26 फीसदी था. जबकि, चालू वित्त वर्ष में अक्टूबर 2020 तक हेल्थ सेगमेंट की ग्रोथ रेट 33.64 फीसदी और मार्केट शेयर 42.30 फीसदी दर्ज किया गया.
2021: सबसे तेज रहेगी हेल्थ इश्योरेंस की ग्रोथ
रॉय का कहना है कि आने वाले साल में बीमा इंडस्ट्री में सबसे अधिक ग्रोथ हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट की रह सकती है. परिवार और माता-पिता के लिए हेल्थ कवरेज की बढ़ती डिमांड के लिए रिटेल हेल्थ इंश्योरेंस सेगमेंट का मार्केट शेयर तेजी से बढ़ेगा. बीमा कंपनियां अधिक से अधिक ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट से जोड़ने के लिए कई इनोवेटिव प्रोडक्ट्स लाएंगी. जैसेकि बीमारी स्पेसिफिक प्लान, ओपीडी प्रोडक्ट्स एंड वेलनेस आधारित हेल्थ इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स, इनकी डिमांड तेजी से बढ़ेगी. बीमा कंपनियां ग्राहकों की बदलती जरूरतों और उम्मीदों के अनुरूप टेक्नोलॉजी पर भारी निवेश कर रही है. इसमें प्रोडक्ट डिजाइन की बात हो या क्लेम को प्रभावी तरीके से निपटाने की सेवाएं दोनों में कंपनियां तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल कर रही है.
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2021: मिडिल क्लास में बढ़ेगी डिमांड
रॉय का कहना है, 2021 में हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच खासकर मिडिल इनकम सेगमेंट वाली आबादी में बढ़ेगी. क्योंकि, अभी भी इस आबादी के पास स्वास्थ्य के खर्चों को लेकर पर्याप्त सपोर्ट नहीं है और यह आबादमी किसी सरकारी बीमा प्रोग्राम के तहत भी कवर नहीं है. ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस की डिमांड देश के सभी सेगमेंट से आएगी. इसमें टियर-2, टियर-3 शहरों के साथ-साथ ग्रामीण बाजार भी शामिल है.