/financial-express-hindi/media/post_banners/Ax55L1gnI0kTmnNtcTCI.jpg)
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर पर 1% TDS की घोषणा की थी.
TDS on Virtual Digital Assets: 1 जुलाई से सभी क्रिप्टो समेत सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांजैक्शन पर निवेशकों को 1 फीसदी TDS का भुगतान करना होगा. इस टैक्स का एलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 2022 के बजट भाषण में सभी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के ट्रांसफर पर 1% TDS की घोषणा की थी. इसके अलावा, उन्होंने बजट में यह भी एलान किया था कि क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर निवेशकों को 30 फीसदी की दर से टैक्स देना होगा. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने हाल ही में VDA के ट्रांसफर पर लागू टैक्स के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले सवालों (FAQs) के जवाब देने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है. आइए जानते हैं कि CBDT ने अपने इस सर्कुलर में क्या बताया है.
बायर्स किस हिसाब से करें TDS की कटौती?
किसी भारतीय रेजिडेंट से वर्जुअल डिजिटल एसेट खरीदने वाले को पेमेंट करते समय टीडीएस काटना होगा, अगर -
- एक वित्त वर्ष के दौरान एक बार में या कुल मिलाकर किए गए भुगतान की राशि 50,000 रुपये या उससे ज्यादा हो (पेमेंट करने वाले स्पेसिफाइड शख्स या HUF के लिए अपने खातों का ऑडिट कराना जरूरी होने की स्थिति में)
- एक वित्त वर्ष के दौरान एक बार में या कुल मिलाकर किए गए भुगतान की राशि 10,000 रुपये या उससे ज्यादा हो (पेमेंट करने वाला शख्स ऊपर बताई गई स्पेसिफाइड कैटेगरी के अलावा किसी अन्य श्रेणी में आता हो)
टीडीएस और टाइमलाइन से जुड़ी डेट्स
प्रावधानों के अनुसार VDA खरीदने वाले को भुगतान करते समय ही टीडीएस की कटौती करनी चाहिए. इसके बाद, जिस महीने में टीडीएस काटा गया है, उसके 30 दिनों के भीतर टीडीएस सरकार के पास जमा कराना जरूरी है. मिसाल के तौर पर VDA खरीदने वाले ने अगर भुगतान 15 अगस्त 2022 को किया, तो उसे टीडीएस भी उसी दिन यानी 15 अगस्त 2022 को काटना होगा और फिर उसे 30 सितंबर 2022 तक सरकार के खाते में जमा करना होगा. इसके बाद 15 अक्टूबर 2022 तक फॉर्म 16 ई जारी किया जाएगा. 1 जुलाई 2022 से पहले के ट्रांजैक्शन इस प्रावधान के दायरे में नहीं आते.
फॉर्म और दस्तावेज फाइल करना
CBDT ने TDS काटने वाले शख्स द्वारा जारी किए जाने वाले फॉर्म 16E के साथ स्पेसिफाइड पर्सन के लिए फॉर्म 26QE और अन्य लोगों के लिए फॉर्म 26Q में टीडीएस रिटर्न भरना नोटिफाइ किया है. इसके अलावा ऐसे मामलों में फॉर्म 26QF दाखिल करने की जरूरत हो सकती है जहां टीडीएस कई पार्टियों को किए गए भुगतान से काटा गया हो.
VDA का एक्सचेंज या ब्रोकर के जरिए लेनदेन
वीडीए के ट्रांसफर में विक्रेता और खरीदार के अलावा कई बार ब्रोकर और एक्सचेंज भी शामिल हो सकते हैं. अगर वीडीए किसी व्यक्ति की मिल्कियत है और उसके लिए पेमेंट एक्सजेंच के जरिए किया जा रहा है, तो टीडीएस भी उसी एक्सचेंज को करना होगा. लेकिन अगर वीडीए का स्वामित्व ब्रोकर के पास है, तो ब्रोकर द्वारा एक्सचेंज को दी जाने वाली रकम पर भी टीडीएस कटौती करनी होगी. लेकिन अगर ब्रोकर वीडीए का मालिक नहीं है और सिर्फ लेन-देन में मदद कर रहा है, तो टीडीएस की जिम्मेदारी खरीदार और विक्रेता दोनों की होगी. लेकिन अगर एक विशेष लिखित एग्रीमेंट के जरिए यह साफ किया गया हो कि सभी ट्रांजैक्शन के लिए टीडीएस की जिम्मेदारी सिर्फ ब्रोकर की होगी, तो ऐसा भी किया जा सकता है. अगर वीडीए का ओनर एक्सचेंज है, तो टीडीएस काटने और जमा करने की जिम्मेदारी खरीदार या ब्रोकर की होगी.
दो वीडीए की अदला-बदली होने पर
अगर दो वीडीए की आपस में अदला-बदली होती है, तो खरीदार तभी भुगतान करेंगे जब विक्रेता टैक्स के भुगतान का प्रमाण पेश कर दें. अगर यह लेनदेन एक्सचेंज के जरिए होता है, तो एक्सचेंज को दोनों पक्षों के लिए लिखित एग्रीमेंट के साथ टीडीएस कटौती का इंतजाम करना होगा.
पेमेंट गेटवे की TDS से जुड़ी जिम्मेदारी
पेमेंट गेटवे अपने यूजर्स के लिए फंड ट्रांसफर की सुविधा मुहैया कराते हैं. इसमें बैंक खातों, वॉलेट, UPI वगैरह से किए जाने वाले ट्रांसफर शामिल हैं. सरकार की तरफ से जारी सर्कुलर में साफ किया गया है कि टीडीएस कटौती की जिम्मेदारी पेमेंट गेटवे की नहीं होगी, बशर्ते इसके लिए जिम्मेदार लोगों ने ऐसा कर दिया हो.
सेक्शन 194S और 194Q में क्या है?
सर्कुलर में यह भी साफ किया गया है कि एक बार सेक्शन 194S के तहत टीडीएस काट लिए जाने के बाद सेक्शन 194Q या किसी भी अन्य प्रावधान के तहत दोबारा कोई टीडीएस नहीं काटना होगा.
(Article : Sudhakar Sethuraman, Tax Partner, Deloitte Haskins & Sells LLP)