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2020: कोरोना ने रियल एस्टेट का भी बिगाड़ा गणित, नए साल से क्या हैं उम्मीदें

साल 2020 हर व्यक्ति और सेक्टर के लिए चुनौती भरा साबित हुआ है. कोविड19 महामारी की वजह से कुछ ऐसे हालात पैदा हुए, जिनसे शायद ही कोई अछूता रहा हो.

साल 2020 हर व्यक्ति और सेक्टर के लिए चुनौती भरा साबित हुआ है. कोविड19 महामारी की वजह से कुछ ऐसे हालात पैदा हुए, जिनसे शायद ही कोई अछूता रहा हो.

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Image: PTI

Year Ender 2020 for Real Estate: साल 2020 हर व्यक्ति और सेक्टर के लिए चुनौती भरा साबित हुआ है. कोविड-19 महामारी की वजह से कुछ ऐसे हालात पैदा हुए, जिनसे शायद ही कोई अछूता रहा हो. महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन ने पूरी दुनिया में गतिविधियों पर ब्रेक लगाया. भारत के लॉकडाउन से देश का हर सेक्टर प्रभावित हुआ, जिसमें रियल एस्टेट भी शामिल है. भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लिए वर्ष 2020 बड़ा ही चुनौती भरा रहा. साल की शुरुआत में इंडस्ट्री में पिछले कई सालों के स्लोडाउन की झलक साफ दिखाई दी. फिर चाहे वह घरों के दामों को लेकर हो या बढ़ती इन्वेंटरी को लेकर. घरों की उच्च कीमतों ने घर खरीद पर अंकुश लगाया. फिर कोविड आ गया, जिसने रही सही कसर पूरी कर दी.

हाल ही में प्रॉपर्टी कंसल्टेंट फर्म एनारॉक ने एक रिपोर्ट में बताया है कि प्रमुख सात शहरों दिल्ली-एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र, पुणे, बेंगलुरु, हैदराबाद, चेन्नई और कोलकाता में घरों की बिक्री 2020 में 47 फीसदी गिरकर 1.38 लाख यूनिट रह सकती है. डेटा एनालिटिक्स फर्म PropEquity के मुताबिक, इस साल अप्रैल-जून में घरों की बिक्री केवल 24,936 यूनिट्स रही. हालांकि जुलाई-सितंबर में यह सुधरी और 50,983 यूनिट्स हो गई. लेकिन यह आंकड़ा सालाना आधार पर 35 फीसदी कम रहा.

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नाहर ग्रुप की वाइस चेयरपर्सन और नरेडको महाराष्ट्र की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट मंजू याग्निक कहती हैं कि लॉकडाउन के चरणबद्ध तरीके से खुलने के बाद देश के रियल एस्टेट क्षेत्र ने अप्रैल-जून तिमाही के बाद अच्छी रिकवरी देखी है. पिछली दो तिमाहियों में नए नीतिगत उपायों, बढ़ी हुई लिक्विडिटी, ऑफर्स और योजनाओं की पेशकश के साथ सभी स्टेक होल्डर्स की लगातार कोशिशों के चलते प्रमुख शहरों में घरों की बिक्री में इजाफा देखा गया.

किराये पर मकान की डिमांड घटी

एज्लो रियल्टी के सीईओ कृष रवेशिया का कहना है कि भारत में महामारी आते ही लीजिंग गतिविधि नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई और कंपनियों को अपने वर्कफोर्स को वर्क फ्रॉम होम करने देने पर मजबूर हुईं. इसके कारण साल की पहली छमाही में लीजिंग गतिविधि में 36% की गिरावट आई. लॉकडाउन के कारण व्यवसायों को नुकसान हुआ, जिसने उन्हें किराया रिनेगोशिएट करने पर मजबूर कर दिया. महामारी ने डेवलपर्स को अपने संभावित ग्राहक तक पहुंचने के लिए डिजिटल मोड के अनुकूल बनने के लिए मजबूर किया. बिक्री और मार्केटिंग रणनीतियों को अच्छी तरह से डिजिटल रूप से अलाइन करने पर न केवल लागत बचाने में मदद हुई बल्कि लक्षित पहुंच भी सुनिश्चित हुई.

आगे कहा कि वर्क फ्रॉम होम ट्रेंड कमर्शियल रियल एस्टेट के लिए एक संभावित जोखिम के रूप में माना जाता था लेकिन अनलॉक उपायों द्वारा कार्यालयों को एक निश्चित सीमा तक कर्मचारियों को बुलाने की की इजाजत मिलने से भावनाएं स्थिर हैं. कमर्शियल रियल एस्टेट, ऑफिस स्पेस एग्रीमेंट की अवधि लॉन्ग टर्म नेचर की होती है और कुछ तिमाही के अवरोध इसे बड़े पैमाने पर प्रभावित नहीं कर सकते हैं. वर्क फ्रॉम होम केवल एक क्षणिक चरण हो सकता है, लेकिन ग्राहकों के साथ फेस-टू-फेस मीटिंग्स, कर्मचारियों के बीच बातचीत को लंबे समय तक वर्चुअल साधनों द्वारा रिप्लेस नहीं किया जा सकता है.

2021 को लेकर क्या आशा?

मंजू याग्निक के मुताबिक, आगामी वर्ष 2021 घर खरीदने के लिए खरीदारों की अधिक दिलचस्पी के साथ बिक्री में वृद्धि देखेगा. भारत द्वारा कोरोना वैक्सीन को मंजूरी के तुरंत बाद शुरू होने वाला टीकाकरण कार्यक्रम घर खरीदारों के विश्वास को अधिक बढ़ावा देगा, जिससे बाजार में और अधिक उत्साह आएगा. हम 2021 में सरकार से नीति, कराधान, स्टांप ड्यूटी में कटौती और सर्कल रेट्स पर जारी समर्थन देखना चाहते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले वर्ष में 'हाउसिंग-फॉर-ऑल' के विजन को सकारात्मक बढ़ावा देना जारी रखने के लिए सबसे कम ब्याज दर और आसान लिक्विडिटी व्यवस्था का विस्तार हो.

क्या होगा नया ट्रेंड

रवेशिया के मुताबिक, कोविड के बाद के युग में, कार्यालयों का लेआउट और डिजाइन बदल जाएगा. विशाल कार्यालय, बैठने की व्यवस्था और लेआउट जहां सोशल डिस्टेंसिंग संभव हो, ये आवश्यकताएं होंगी.अब तक ऑफिस स्पेस के प्रमुख ऑक्युपायर आईटी, बीएफएसआई और मैन्युफैक्चरिंग थे. लेकिन अब स्टार्ट-अप, को-वर्किंग और डेटा सेंटर के आगे चलकर मांग को लीड करने की उम्मीद है. नए साल 2021 में कई प्रमुख कमर्शियल माइक्रो मार्केट, सैटेलाइट ऑफिसेस का उदय होगा. किरायेदारों को वेलनेस सबसे आगे रखकर एक संपन्न अनुभव देने पर फोकस होगा. आर्थिक गतिविधियों में तेजी के साथ, हम उम्मीद करते हैं कि अगली कुछ तिमाहियों में कीमतों में मजबूती आएगी, किराये से अर्निंग में बढ़ोतरी होगी.

2021 रियल एस्टेट के लिए होगा कैलकुलेशन का साल

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन व एमडी शिशिर बैजल के मुताबिक, 2020 की दूसरी छमाही में जब लॉकडाउन धीरे-धीरे खुलना शुरू हुआ, उपभोक्ताओं ने विशेष रूप से हाउसिंग सेगमेंट में, एक नए जोश के साथ वापसी की. टाइमबाउंड और फोकस्ड सरकारी हस्तक्षेपों ने बाजार की भावना को फिर से जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 2021 में जैसे-जैसे उपभोक्ता और व्यवसाय आगे बढ़ेंगे, इस महामारी की अनिश्चितता के बीच जिंदगी और आजीविका का जिम्मेदारी से प्रबंधन करते हुए 2020 के मुकाबले बाजार की स्थिति सार्थक रूप से सुधरेगी.

हाउसिंग सेक्टर के, अपनी अव्यक्त मांग क्षमता और कई बेहतर मांग की गतिशीलता के साथ इस मार्ग में आगे रहने की उम्मीद है. कमर्शियल सेगमेंट के भीतर, डेटा सेंटर एक चमकते सितारे के रूप में उभरेंगे. कुल मिलाकर, हम उम्मीद करते है कि 2021 भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए कैलकुलेशन करने का वर्ष होगा.

एस रहेजा रियल्टी के निदेशक राम रहेजा का कहना है कि आवासीय घर की बिक्री के लिए चीजें उज्ज्वल दिख रही हैं क्योंकि सरकार के दिए प्रोत्साहन जैसे कम होम लोन दरें और स्टाम्प ड्यूटी में कटौती ने उत्प्रेरक के रूप में कार्य किया है. आने वाले वर्ष में बढ़ती लिक्विडिटी, बेहतर रेगुलेशंस और कम ब्याज दरों के कारण रियल एस्टेट में और तेजी देखने को मिलेगी. 2021 रेंटल कल्चर से प्रॉपर्टी खरीदने की ओर एक निरंतर बदलाव देखेगा.

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