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SEBI ने सख्त किए IPO के नियम, बैंक अकाउंट में बिना जरूरी फंड रखे नहीं लगा सकेंगे बोली

अब IPO में सिर्फ सब्सक्रिप्शन बढ़ाने के मकसद से बोली लगाना आसान नहीं रह गया है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आईपीओ में बोली लगाने के नियम सख्त कर दिए हैं.

अब IPO में सिर्फ सब्सक्रिप्शन बढ़ाने के मकसद से बोली लगाना आसान नहीं रह गया है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आईपीओ में बोली लगाने के नियम सख्त कर दिए हैं.

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SEBI ने सख्त किए IPO के नियम, बैंक अकाउंट में बिना जरूरी फंड रखे नहीं लगा सकेंगे बोली

अगर आप भी प्राइमरी मार्केट में इंटरेस्ट रखते हैं और IPO में निवेश करते हैं तो यह खबर जरूरी है. (File)

SEBI IPO Rules Change: अगर आप भी प्राइमरी मार्केट में इंटरेसट रखते हैं और आगे कंपनियों के आने वाले IPO में निवेश करने की सोच रहे हैं तो यह खबर जरूरी है. अब IPO में सिर्फ सब्सक्रिप्शन बढ़ाने के मकसद से बोली लगाना आसान नहीं रह गया है. मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने आईपीओ में बोली लगाने के नियम सख्त कर दिए हैं. सेबी का कहना है कि आईपीओ के एप्लिकेशन को तभी प्रॉसेस किया जाएगा, जब उसके लिए जरूरी फंड निवेशक के बैंक अकाउंट में होगा. यह नियम 1 सितंबर से सभी तराह की कटेगिरी के निवेशकों पर लागू होगा.

इस नियम के क्या हैं मायने

इस नियम के पीछे SEBI का उद्देश्य यह है कि सिर्फ सब्सक्रिप्शन डाटा बढ़ाने के लिए जो निवेशक या संस्थान बोली लगाते हैं, उन पर रोक लगाई जा सके. सिर्फ वहीं निवेशक अब बोली लगा सकते हैं, जो वास्तव में कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं. इस मामले में मार्केट रेगुलेटर को कई शिकायतें मिली थीं, जिसके बाद सर्कुलर जारी किया गया है.

सर्कुलर में क्या है

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SEBI ने सर्कुलर में यह साफ किया है कि आईपीओ में ASBA व्यवस्था के तहत किए गए आवेदनों को तभी मंजूरी दी जाएगी, जब निवेशक के बैंक खातों में आवेदन की राशि रोककर रखी गई हो. यानी स्टॉक एक्सचेंज अपने इलेक्ट्रॉनिक बुक बिल्डिंग प्लेटफॉर्म में एएसबीए आवेदन को केवल तभी स्वीकार करेंगे, जब रोकी गई आवेदन राशि पर अनिवार्य पुष्टि मिल जाए. यह व्यवस्था सभी कटेगिरी के निवेशकों यानी रिटेल इन्वेस्टर्स, QIB और NII पर 1 सितंबर से लागू होगा. अभी ASBA के आधार पर फंड ब्लॉक किए जाने से QIB और NII काके कुछ छूट है.

2009 में लाई गई थी ASBA सुविधा

दिसंबर, 2009 में SEBI ने QIB को छोड़कर अन्य सभी कटेगिरी के निवेशकों के लिए आईपीओ में ASBA की सुविधा निर्धारित की थी. इसके बाद मई 2010 में सेबी ने QIB को भी यह सुविधा दे दी. ASBA किसी निवेशक की तरफ से किया जाने वाला वह आवेदन है, जिसमें किसी आईपीओ का हिस्सा बनने के लिए स्व-प्रमाणित सिंडिकेट बैंक (ASBA) को बैंक खाते में आवेदन की राशि रोकने का अधिकार दिया जाता है. अगर कोई निवेशक ASBA के माध्यम से आवेदन कर रहा है, तो उसके आवेदन का पैसा बैंक खाते से तभी काटा जाएगा, जब आवंटन के आधार को अंतिम रूप देने के बाद उसके आवेदन को आवंटन के लिए चुना जाता है.

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