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HUL Q4 Results : HUL ने 24 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (जिसका फेस वैल्यू 1 रुपये है) का फाइनल डिविडेंड घोषित किया है. (File Photo : Reuters)
Hindustan Unilever Dividend : एफएमसीजी सेक्टर (FMCG) की लीडिंग कंपनियों में शामिल हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) का नेट प्रॉफिट वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में 3.7 फीसदी घटकर 2,464 करोड़ रुपये रहा है. यह बाजार की उम्मीदों से कमजोर है. बाजार को मुनाफे में बढ़ोतरी का अनुमान था. कंपनी के मुनाफे में गिरावट अर्बन डिमांड में कमी, कच्चे माल की ज्यादा लागत, और मार्जिन पर दबाव को माना जा रहा है. HUL का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू चौथी तिमाही में 3.5 फीसदी बढ़कर 15,979 करोड़ रुपये हो गया. होम केयर सेगमेंट ने इस कंसो रेवेन्यू में 5,815 करोड़ रुपये का योगदान दिया.
HUL ने 24 रुपये प्रति इक्विटी शेयर (जिसका फेस वैल्यू 1 रुपये है) का फाइनल डिविडेंड घोषित किया है. इस तरह से, वित्त वर्ष 2024-25 के लिए HUL का कुल डिविडेंड पेमेंट 53 रुपये प्रति शेयर हो गया है, जिसमें 19 रुपये का इंटरिम डिविडेंड और 10 रुपये का स्पेशल डिविडेंड शामिल है.
शेयर में बड़ी गिरावट
रिजल्ट के बाद एचयूएल के शेयरों में बड़ी गिरावट आ गई है. शेयर 3 फीसदी टूटकर 2350 रुपये पर आ गया है. जबकि बुधवार को यह 2424 रुपये पर बंद हुआ था. शेयर में इस साल तकरीबन फ्लैट ग्रोथ रही है. जबकि 6 महीने में यह 6 फीसदी कमजोर हुआ है.
पर्सनल केयर सेगमेंट
पर्सनल केयर सेगमेंट के मुनाफे में 5 फीसदी की ग्रोथ रही है, हालांकि बिक्री में लोअर सिंगल डिजिट ग्रोथ रही, जिसका कारण प्राइसिंग प्रेशर है. बॉडीवॉश सेग्मेंट में डबल डिजिट ग्रोथ रही, जिससे कंपनी ने बाजार में अपनी लीडरशिप पोजीशन को मजबूत किया. नॉन-हाइजीन उत्पादों में हायर सिंगल डिजिट की ग्रोथ हुई, जबकि स्किन क्लीएनजिंग में लोअर सिंगल डिजिट ग्रोथ रही.
होम केयर सेगमेंट
होम केयर सेगमेंट ने रेवेन्यू में 5,815 करोड़ रुपये का योगदान दिया, जो सालाना बेसिस पर 2 फीसदी बढ़ा है. प्रीमियम फैब्रिक वॉश और फैब्रिक कंडीशनर में बेहतर प्रदर्शन ने ग्रोथ में मदद की. लिक्विड्स पोर्टफोलियो ने भी बिक्री को बढ़ाने में योगदान दिया.
पेय पदार्थ (Beverages)
चाय में ग्रोथ सुस्त रही, जिसका कारण कीमतों में बदलाव रहा, लेकिन कॉफी सेग्मेंट में डबल डिजिट ग्रोथ के साथ मजबूत प्रदर्शन दिखा. कंपनी ने चाय में वैल्यू और वॉल्यूम में अपनी लीडरशिप पोजीशन को बरकरार रखा. फूड बिजनेस में का मुनाफा 15 फीसदी घटकर 627 करोड़ रुपये पर आ गया.