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ICICI Bank आज अपने तिमाही नतीजे जारी करेगा. मुनाफा थोड़ा बढ़ सकता है, लेकिन बैंक की कमाई (मार्जिन) पर दबाव रहेगा. (File Photo : Reuters)
ICICI Bank आज चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के नतीजे घोषित करने वाला है. जानकारों का मानना है कि इस बार बैंक का परफार्मेंस ठीक-ठाक रहेगा, लेकिन ज्यादा दमदार नहीं होगा. इसकी वजह नेट इंटरेस्ट मार्जिन (Net Interest Margin) पर दबाव, लोन कॉस्ट (Credit Cost), और लोन ग्रोथ में थोड़ी सुस्ती बताई जा रही है.
हालांकि पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च 2025) में बैंक ने अच्छा प्रदर्शन किया था, लेकिन इस बार के नतीजों में RBI द्वारा ब्याज दर में की गई 100 बेसिस पॉइंट की कटौती का असर दिख सकता है. इससे बैंक की कमाई और मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है.
11% बढ़ सकता है मुनाफा, लेकिन ग्रोथ धीमी रहने का अनुमान
Kotak Institutional Equities का मानना है कि ICICI Bank का नेट प्रॉफिट इस तिमाही में सालाना आधार पर करीब 11% बढ़कर 1,232 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. हालांकि तिमाही आधार पर (quarter-on-quarter) ग्रोथ की रफ्तार थोड़ी धीमी रह सकती है. इसकी वजह है ब्याज से होने वाली कमाई (Net Interest Margin - NIM) में गिरावट का खतरा, कर्ज पर रिस्क को देखते हुए प्रॉविजनिंग बढ़ने की संभावना और लोन डिमांड में थोड़ी नरमी. इन सभी वजहों से बैंक के कुल प्रदर्शन पर हल्का दबाव दिख सकता है.
6% बढ़ सकती है ब्याज से कमाई, लेकिन मार्जिन और कर्ज ग्रोथ पर दबाव
विशेषज्ञों का अनुमान है कि ICICI Bank की नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) यानी ब्याज से होने वाली कुल कमाई सालाना आधार पर करीब 6% बढ़कर 20,710 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है. वहीं, प्री प्रॉविजन ऑपरेटिंग प्रॉफिट (Pre-provision operating profit - PPOP) 7% की बढ़त के साथ 17,130 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.
हालांकि, बैंक के नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में 10 से 15 बेसिस पॉइंट की गिरावट आ सकती है. आने वाले तिमाहियों में यह दबाव और भी बढ़ सकता है, क्योंकि RBI ने हाल ही में ब्याज दर में 100 बेसिस प्वाइंट्स की कटौती की है, जिसका असर धीरे-धीरे कमाई पर दिखेगा.
कर्ज देने की रफ्तार सुस्त, लेकिन डिपॉजिट में तेजी
Q1 FY26 यानी अप्रैल-जून तिमाही में बैंक की क्रेडिट ग्रोथ (कर्ज वृद्धि) घटकर 11.9% रहने का अनुमान है. बैंक के कुल कर्ज 13.69 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकते हैं, जो एक साल पहले 12.2 लाख करोड़ रुपये थे. वहीं, डिपॉजिट (जमा) के मामले में बैंक की स्थिति बेहतर लग रही है. जमा राशि में 15.2% सालाना बढ़त के साथ 16.43 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है.
मार्जिन और प्रॉफिट पर दबाव के बीच ICICI Bank का Q1 प्रदर्शन सीमित रह सकता है: InCred
वहीं InCred Equities का मानना है कि वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1) में ICICI Bank का परफार्मेंस थोड़ा धीमा रह सकता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है हाल ही में RBI द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती, जिससे बैंक की कमाई और मार्जिन दोनों पर असर पड़ रहा है.
जानकारों के मुताबिक, बैंक का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) गिरकर 4.19% तक आ सकता है, जो पिछली तिमाही (जनवरी-मार्च) में 4.41% था. इसकी वजह यह है कि बैंक को कर्ज से मिलने वाला ब्याज तेजी से घट रहा है, जबकि फंडिंग की लागत उतनी तेजी से नहीं घटी है.
इस तिमाही में बैंक का नेट प्रॉफिट करीब 11,400 करोड़ रुपये (114 अरब रुपये) रहने का अनुमान है. यह पिछली तिमाही से लगभग 9.7% कम हो सकता है, लेकिन सालाना आधार पर इसमें 3.2% की बढ़त रहने की उम्मीद है.
PPOP और ब्याज कमाई में गिरावट, लेकिन कर्ज में हल्की बढ़त; अनसिक्योर्ड लोन पर दबाव बढ़ा
ICICI Bank की PPOP इस तिमाही में पिछली तिमाही के मुकाबले 5.6% गिरकर 16,700 करोड़ रुपये तक रह सकती है. वहीं, नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) यानी ब्याज से होने वाली कमाई भी 1.2% कम होकर 20,900 करोड़ रुपये रह सकती है. हालांकि, यह पिछले साल की तुलना में अब भी 7.1% ज्यादा है.
बैंक के कुल कर्ज (Advances) बढ़कर 13.65 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है, जो सालाना 11.6% और तिमाही दर तिमाही 1.7% की बढ़त को दिखाता है.
हालांकि, इस तिमाही में क्रेडिट कॉस्ट (Credit Cost) यानी डिफॉल्ट से बचाव के लिए रखी जाने वाली राशि बढ़कर 46 बेसिस पॉइंट (bps) तक जा सकती है, जो पिछली तिमाही में 27 bps थी. इसकी वजह है त्योहारी सीज़न में EMI चूक (slippages) और अनसिक्योर्ड लोन (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड) पर ज्यादा रिस्क को देखते हुए बढ़ा हुआ प्रावधान.
ICICI Bank का पिछली तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन, लेकिन इस बार मुनाफे की रफ्तार थोड़ी धीमी रह सकती है
ICICI Bank आज अपनी पहली तिमाही (Q1 FY26) के नतीजे जारी करेगा. विश्लेषकों का मानना है कि इस बार मुनाफे में मामूली बढ़त हो सकती है क्योंकि बैंक को ब्याज मार्जिन (Net Interest Margin) पर दबाव, प्रावधानों में बढ़ोतरी और कर्ज ग्रोथ में सुस्ती जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ये असर RBI की 1% (100 बेसिस पॉइंट) रेपो रेट कटौती से जुड़ा है.
पिछली तिमाही (Q4 FY25) में शानदार प्रदर्शन
ICICI Bank ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में जबरदस्त प्रदर्शन किया था. बैंक का नेट प्रॉफिट 18% बढ़कर 12,630 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो एक साल पहले 10,708 करोड़ रुपये था.
नेट इंटरेस्ट इनकम (NII) 11% बढ़कर 21,193 करोड़ रुपये रही, जो 4.41% के मजबूत मार्जिन से सपोर्ट मिली.
फीस इनकम (Fee Income) 16% बढ़कर 6,306 करोड़ रुपये रही, जिसमें रिटेल, ग्रामीण और बिजनेस बैंकिंग का बड़ा योगदान रहा.
लोन ग्रोथ 13.9% रही, जिसमें रिटेल लोन 8.9% और बिजनेस बैंकिंग लोन 33.7% बढ़े.
जमा (Deposits) में भी 14% सालाना बढ़त के साथ 16.10 लाख करोड़ रुपये तक का आंकड़ा छू लिया, और CASA रेशियो 38.4% रहा.
बैलेंस शीट और NPA स्टेटस
बैंक की कुल लोन बुक में 37% लोन रेपो रेट से जुड़े हैं, 11% MCLR लिंक्ड हैं और 23% फिक्स्ड रेट वाले लोन हैं. इससे ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव का असर कुछ हद तक सीमित रहता है.
बैंक की कुल देनदारियों में 83% हिस्सा डिपॉजिट का है और CASA रेशियो 34% है.
ग्रोस NPA घटकर 1.67% और नेट NPA गिरकर 0.39% पर आ गया, जो एसेट क्वालिटी में सुधार को दिखाता है.
बैंक ने 891 करोड़ रुपये के प्रॉविजन (provisions) किए और 16.55% का मजबूत कैपिटल एडिक्वेसी रेशियो बनाए रखा है.
FY25 के लिए डिविडेंड
बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 11 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का प्रस्ताव भी रखा है.