scorecardresearch

ICRA Report: बॉन्ड यील्ड में तेजी से बैंकों की मुश्किलें बढ़ीं, 13 हजार करोड़ के नुकसान का अनुमान

ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक मुनाफे में कमी के बावजूद लोन की बेहतर ग्रोथ और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार के चलते बैंक कुल मिलाकर प्रॉफिटेबल बने रहेंगे.

ICRA की रिपोर्ट के मुताबिक मुनाफे में कमी के बावजूद लोन की बेहतर ग्रोथ और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में सुधार के चलते बैंक कुल मिलाकर प्रॉफिटेबल बने रहेंगे.

author-image
FE Hindi Desk
New Update
Rising Bond Yields A Challenge For Banks

बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी बैंकों के लिए मुश्किल चुनौती बनी हुई है: ICRA

Rising Bond Yields A Challenge For Banks: बॉन्ड यील्ड में लगातार बढ़ोतरी बैंकों के लिए एक मुश्किल चुनौती बनी हुई है, जिससे उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. बॉन्ड यील्ड में इस तेजी की वजह से देश के बैंकों को अप्रैल-जून 2022 की तिमाही के दौरान करीब 13 हजार करोड़ रुपये का मार्क-टू-मार्केट (Mark-To-Market) नुकसान उठाना पड़ सकता है. ये बात भारतीय रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने मंगलवार 12 जुलाई को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कही है.

बेहतर लोन ग्रोथ के कारण बना रहेगा मुनाफा

रिपोर्ट के मुताबिक इस तिमाही के दौरान बैंकों के मुनाफे में कमी आएगी. लेकिन लोन की बेहतर ग्रोथ और ऑपरेटिंग प्रॉफिट की मजबूती के चलते वे पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान कुल मिलाकर प्रॉफिटेबल बने रहेंगे. एजेंसी का मानना है कि वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान देश के वित्तीय संस्थान कुल मिलाकर 12-13 लाख करोड़ रुपये, यानी 10.1 से 11 फीसदी तक की क्रेडिट ग्रोथ दर्ज करने में कामयाब रहेंगे.

सरकारी सिक्योरिटीज ने बढ़ाईं चुनौतियां

Advertisment

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय बैंकों के निवेश पोर्टफोलियो में सरकारी सिक्योरिटीज अधिक हैं. खासकर वे सिक्योरिटीज ज्यादा हैं जो लंबी अवधि की हैं. इसकी वजह से बॉन्ड यील्ड बढ़ने पर लाभ के नजरिये से बैंकों के सामने चुनौतियां बढ़ गई हैं.

रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को बॉन्ड पोर्टफोलियो पर 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ सकता है. निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए यह नुकसान 2,400 से 3,000 करोड़ रुपये तक रहने का अनुमान है.

ऑपरेटिंग प्रॉफिट में बढ़ोतरी से मिलेगी राहत

इक्रा के वाइस प्रेसिडेंट अनिल गुप्ता का मानना है कि ‘‘मार्क टू मार्केट नुकसान के बावजूद 2022-23 में ऑपरेटिंग प्रॉफिट 11-12 प्रतिशत बढ़ने की संभावना को देखते हुए हमारा अनुमान है कि बैंकों का मुनाफा बना रहेगा. ऑपरेटिंग प्रॉफिट बढ़ने से ‘मार्क टू मार्केट’ नुकसान का असर कम होगा.’’

हालांकि उन्होंने कहा कि अगर यील्ड आने वाले समय में और अधिक बढ़ता है, तो वित्त वर्ष 2022-23 में लाभ पर कुछ असर पड़ सकता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंकों के लिए कर्ज वृद्धि 2022-23 की पहली तिमाही में सकारात्मक बनी हुई है. यह वृद्धि कर्ज के सभी मोर्चों पर है. इक्रा का मानना है कि ब्याज दर बढ़ने से आने वाले समय में कर्ज की मांग पर असर पड़ने की आशंका है. लेकिन चालू वित्त वर्ष में कर्ज वृद्धि 11 प्रतिशत तक रह सकती है जो 2021-22 में 9.7 प्रतिशत थी.

Banking Sector Icra Bank Loans Net Profit Bond Market