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Ideaforge to List: आइडियाफोर्ज टेक के शेयर की 7 जुलाई को स्टॉक मार्केट में मजबूत लिस्टिंग हो सकती है.
Ideaforge Tech Share to List: ड्रोन कंपनी आइडियाफोर्ज टेक (Ideaforge Tech) का शेयर 7 जुलाई को स्टॉक मार्केट में बंर लिस्टिंग के लिए तैयार है. लिस्टिंग डे के ठीक पहले ग्रे मार्केट में इसका अनलिस्टेड शेयर आईपीओ प्राइस की तुलना में करीब 76 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है. इस आईपीओ को निवेशकों का भी जबरदस्त रिस्पांस मिला है. यह आईपीओ ओवरआल 106 गुना सब्सक्राइब हुआ है. यह 2023 का सबसे ज्यादा सब्सक्राइब होने वाला इश्यू है.
Ideaforge Tech IPO: ग्रे मार्केट से मजबूत संकेत
Ideaforge Tech के अनलिस्टेड शेयरों को लेकर ग्रे मार्केट में जबरदस्त क्रेज है. लिस्टिंग से पहले ग्रे मार्केट में कंपनी का शेयर 510 रुपये के प्रीमियम पर है. अपर प्राइस बैंड 672 रुपये के लिहाज इसका प्रीमियम करीब 76 फीसदी है. यानी अगर इसी प्रीमियम पर शेयर लिस्ट हो तो निवेशकों को 76 फीसदी रिटर्न मिल सकता है.
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106 गुना हुआ था सब्सक्राइब
ड्रोन कंपनी आइडियाफोर्ज टेक (Ideaforge Tech) के आईपीओ को लेकर निवेशकों में क्रेज देखने को मिला है. यह आईपीओ ओवरआल 106 गुना के करीब सब्सक्राइब हुआ है. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स यानी QIB के लिए 75 फीसदी हिस्सा रिजर्व था और यह 125.81 गुना सब्सक्राइब हुआ है. 10 फीसदी हिस्सा रिटेल निवेशकों के लिए था और यह 85.20 गुना सब्सक्राइब हुआ है. जबकि 15 फीसदी हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NII) के लिए रिजर्व था और यह 80.58 गुना सब्सक्राइब हुआ है. इसमें कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा 96.65 गुना भरा है.
कंपनी के साथ कौन से फैक्टर पॉजिटिव
Swastika Investmart Ltd. के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट, अनुभूति मिश्रा के अनुसार भारतीय मानव रहित विमान प्रणाली (UAS) में 50% बाजार हिस्सेदारी के साथ IdeaForge ने इंडस्ट्री में मजबूत ग्रोथ और डॉमिनेंस का प्रदर्शन किया है. वित्त वर्ष 2020 से वित्त वर्ष 2022 के बीच कंपनी के रेवेन्यू में 237.48% सीएजीआर की शानदार ग्रोथ रही है.इस ग्रोथ को फेवरेबल बिजनेस एन्वायरमेंट, ऑर्डर में बढ़ोतरी और सरकार द्वारा पीएलआई योजना जैसी पहल से भी सपोर्ट मिला है.
क्या है निगेटिव फैक्टर्स
हालांकि, इसमें कुछ रिस्क भी नजर आ रहा है. IdeaForge काफी हद तक सरकारी सहायता प्राप्त परियोजनाओं पर निर्भर करता है, जो रेवेन्यू के सिंगल सोर्स पर निर्भरता के कारण एक महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करता है. विदेशी ड्रोन कंपनियों के साथ ज्वॉइंट वेंचर के माध्यम से अडानी ग्रुप जैसे अन्य प्रमुख खिलाड़ियों के बाजार में प्रवेश से प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी. इसके अलावा, कंपनी में लॉन्ग टर्म कांट्रैक्ट की कमी और डील हासिल करने के लिए स्थापित रिश्तों पर निर्भरता भी एक कमजोरी है.
(Disclaimer: कंपनी के बारे में विचार एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं.)