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लॉकडाउन अब बढ़ा तो यह देश के लिए आर्थिक हारा-किरी: आनंद महिन्द्रा

महिन्द्रा ने एक सहयोगी की बात दोहराते हुए ट्वीट किया, हमें वायरस के साथ ही जीना होगा. यह (वायरस) पर्यटक वीजा पर किसी एक्सपायरी डेट के साथ नहीं आया है.

महिन्द्रा ने एक सहयोगी की बात दोहराते हुए ट्वीट किया, हमें वायरस के साथ ही जीना होगा. यह (वायरस) पर्यटक वीजा पर किसी एक्सपायरी डेट के साथ नहीं आया है.

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लॉकडाउन अब बढ़ा तो यह देश के लिए आर्थिक हारा-किरी: आनंद महिन्द्रा

Suggesting steps for the way forward, he said, "What we must focus on & control is the number of fatalities & the availability of beds/ICU beds". 

if the COVID19 lockdown is extended for much longer, we will be risking economic hara-kiri: Anand Mahindra इसे और बढ़ाया गया तो यह समाज के निचले तबके के लिए गंभीर मुश्किलें खड़ी कर सकता है. (Image: Reuters)

उद्योगपति आनंद महिन्द्रा (Anand Mahindra) ने कहा है कि अगर लॉकडाउन को अधिक लंबी अवधि के लिए बढ़ाया जाता है, तो यह देश के लिए आर्थिक हारा-किरी यानी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है. जापान में युद्ध में पराजित होने वाले योद्धाओं के बंदी बनने से बचने के लिए अपने ही चाकू को अपने पेट में घोंप कर आत्महत्या करने की प्रथा को हाराकीरी कहा जाता था. महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन ने कुछ ट्वीट्स के जरिए कहा कि लॉकडाउन से लाखों लोगों की जान बची है, लेकिन यदि इसे और बढ़ाया गया तो यह समाज के निचले तबके के लिए गंभीर मुश्किलें खड़ी कर सकता है.

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आनंद महिन्द्रा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में ग्राफ की तेजी पर अंकुश लगने के बावजूद कोविड19 के नए मामलों की संख्या बढ़ी है. हमारी आबादी और शेष दुनिया के सापेक्ष कम मामलों को देखते हुए अधिक जांच के साथ-साथ संक्रमण के नए मामलों में वृद्धि होनी ही है. हम ग्राफ के फ्लैट होने की उम्मीद नहीं कर सकते हैं.

लॉकडाउन से फायदा तो हुआ है

आगे कहा, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि लॉकडाउन ने मदद नहीं की है. भारत ने अपनी सामूहिक लड़ाई में लाखों संभावित मौतों को टाला है. भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर मृत्यु की दर 1.4 है, वहीं अमेरिका में यह दर 228 है, ज​बकि वैश्विक औसत 35 है. हमें लॉकडाउन से चिकित्सा क्षेत्र के इंफ्रांस्ट्रक्चर को बेहतर बनाने का भी समय मिला है.

लेकिन अगर लॉकडाउन को लंबे समय तक बढ़ाया जाता है, तो देश आर्थिक हारा-किरी करने के जोखिम में पहुंच जाएगा. चालू और वृद्धि करती हुई अर्थव्यवस्था आजीविका के लिए इम्यून सिस्टम जैसी है. लॉकडाउन इस इम्यून सिस्टम को कमजोर करता है और हमारे समाज के गरीबों को सबसे अधिक हानि पहुंचाता है.

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क्या होने चाहिए हमारे लक्ष्य?

महिन्द्रा ने आगे कहा कि देश का लक्ष्य टाली जा सकने वाली मौतों का टाला जाना होना चाहिए. हमें तेजी से ऑक्सीजन लाइनों से लैस फील्ड अस्पताल बनाने, व्यापक जांच करने और संक्रमित लोगों के संपर्क में आए लोगों को खोज निकालने की जरूरत है. कंटेनमेंट पर फोकस जोन्स के जरिए नहीं बल्कि सब पिन कोड लेवल्स के जरिए होना चाहिए. साथ ही हमें अपने बुजुर्गो और चिकित्सकीय रूप से कमजोरों को सुरक्षित रखना होगा. महिन्द्रा ने एक सहयोगी की बात दोहराते हुए ट्वीट किया, हमें वायरस के साथ ही जीना होगा. यह (वायरस) पर्यटक वीजा पर किसी एक्सपायरी डेट के साथ नहीं आया है.

Anand Mahindra