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आईआईटी कानपुर ने बायो टेक कंपनी आई-2 क्योर के साथ एक अहम करार किया है, जिसके तहत मॉलेक्यूलर आयोडीन आधारित एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल प्रोडक्ट्स का विकास किया जाएगा.
आईआईटी कानपुर ने बायो टेक कंपनी आई-2 क्योर (I2 Cure) के साथ एक महत्वपूर्ण करार किया है. इस समझौते के तहत दोनों संस्थान मॉलेक्यूलर आयोडीन पर आधारित एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल प्रोडक्ट्स के विकास के लिए काम करेंगे. आईआईटी कानपुर का बायोलोजिकल साइन्सेज़ एंड बायो-इंजीनियरिंग विंग इस प्रोजेक्ट की अगुवाई करेगा. दोनों संस्थान इस प्रोजेक्ट में इक्विटी पार्टनर के तौर पर काम करेंगे.
बायोशील्ड बनाने वाली बायो-टेक कंपनी से मिलाया हाथ
आई-2 क्योर, कोविड-19 वायरस को नष्ट करने में 99.99 फीसदी असरदार पाए गए प्रोडक्ट बायोशील्ड का उत्पादन करने वाली बायो-टेक कंपनी है. कंपनी के मुताबिक बायोशील्ड एक ब्रॉड-स्पैक्ट्रम एंटी-माइक्रोबियल है, जो स्किन पर लगाने के कई घंटे बाद तक कोविड-19 वायरस समेत कई तरह के नुकसानदेह बैक्टीरिया और सूक्ष्म जीवों के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है. आईआईटी कानपुर के साथ हुए इस करार के बाद अब दोनों संस्थान कोविड-19 वायरस के खिलाफ असरदार 'बायोशील्ड' समेत कई नए प्रोडक्ट्स के विकास के लिए मिलकर काम करेंगे.
अंतरराष्ट्रीय रिसर्च का भारतीय परिस्थियों में परीक्षण
आईआईटी कानपुर की तरफ इस बारे में जारी बयान के मुताबिक आई-2 क्योर के साथ हुए समझौते के तहत भविष्य में कंपनी के प्रोडक्ट्स को और विकसित करने के लिए जरूरी रिसर्च आईआईटी कानपुर में किया जाएगा. इस दौरान मशहूर वैज्ञानिक डॉ. जैक केसलर की अंतरराष्ट्रीय रिसर्च का भारतीय परिस्थियों के मुताबिक परीक्षण करके उनकी पुष्टि भी आईआईटी कानपुर के शोधकर्ता करेंगे. आई-2 क्योर का एंटी वायरल प्रोडक्ट बायोशील्ड डॉ. केसलर की रिसर्च का ही नतीजा है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए विकसित होंगे मेक इन इंडिया प्रोडक्ट
आईआईटी कानपुर की तरफ से जारी बयान के मुताबिक आईआईटी कानपुर आई-2 क्योर के साथ मिलकर मॉलेक्युलर आयोडीन पर आधारित नए मेक इन इंडिया प्रोडक्ट्स भी विकसित करेगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए विकसित किए जाने वाले यह प्रोडक्ट्स प्रिवेंटिव हेल्थ, वेटनरी साइंस और कृषि क्षेत्र से जुड़े होंगे. आईआईटी कानपुर की तरफ से जारी बयान के मुताबिक मॉलेक्युलर आयोडीन पर आधारित इन उत्पादों की मदद से किसानों की कुल आय में सालाना 15 अरब डॉलर से अधिक की बढ़ोतरी हो सकती है। आईआईटी कानपुर में यह रिसर्च डॉ गणेश एस, डॉ अशोक कुमार, डॉ अमिताभ बंदोपाध्याय के निर्देशन में की जाएगी.
सारी दुनिया में पहुंचेंगे आईआईटी कानपुर में विकसित प्रोडक्ट
कानपुर आईआईटी के डॉ. अशोक कुमार का मानना है कि इस प्रोजेक्ट से आईआईटी-कानपुर के रिसर्च और यहां विकसित प्रोडक्ट को सारी दुनिया में खास पहचान मिलेगी. साथ ही संस्थान के फैकल्टी मेंबर्स और रिसर्च स्कॉलर्स को डॉ जैक केसलर जैसे प्रतिष्ठित वैज्ञानिक के साथ नॉलेज शेयरिंग का मौका मिलेगा. डॉ केसलर आयोडीन टेक्नॉलजी, खास तौर पर मॉलेक्युलर आयोडीन के क्षेत्र में जानेमाने वैज्ञानिक हैं, जिनके नाम कई अंतरराष्ट्रीय पेटेंट दर्ज हैं.
आई-2 क्योर के संस्थापक चेयरमैन अनिल केजरीवाल के मुताबिक उनकी कंपनी आईआईटी-कानपुर के साथ मिलकर भारत में बनाए गए प्रोडक्ट्स को सारी दुनिया में पहुंचाने का काम करेगी. आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र अनिल केजरीवाल ने भरोसा जाहिर किया कि दोनों संस्थाओं का साझा प्रयास मेक इन इंडिया मिशन को आगे बढ़ाकर भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने का लक्ष्य हासिल करने में मददगार साबित होगा.