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विदेशी बाजार में लिस्टेड शेयरों को भारत में अनलिस्टेड शेयर माना जाता है. (Image- Pixabay)
Income Tax on Gains from the US stocks: अमेरिकी स्टॉक्स में मुनाफा कमाने के शानदार मौके के चलते भारतीय खुदरा निवेशकों का आकर्षण इसके प्रति तेजी से बढ़ा है. हालांकि जिस तरह से घरेलू स्टॉक्स में निवेश से हुए मुनाफे का आयकर विभाग के पास खुलासा करना होता है, वैसे ही अमेरिकी स्टॉक्स में निवेश से हुए मुनाफे की भी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को देनी होती है. हालांकि अमेरिकी स्टॉक्स के मामले में नियम थोड़े अलग हैं.
आज के समय में भारत में बैठे हुए भी अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेंड कंपनियों में निवेश करना संभव हो सका है. कुछ ऐसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म हैं जो भारतीय निवेशकों को अमेरिकी स्टॉक्स या US ETF (Exchange Traded Fund) में निवेश की सहूलियत प्रदान करते हैं. इससे पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई करने में मदद मिलती है.
अमेरिका में कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं
विदेशी बाजार में लिस्टेड शेयरों को भारत में अनलिस्टेड शेयर माना जाता है. अमेरिका में कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होता है और अमेरिकी स्टॉक्स पर हुआ पूरा मुनाफा आपके खाते में जमा हो जाता है. चूंकि अमेरिका में मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं चुकाया है तो भारत में कैपिटल गेन पर टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा भारत में इस पर टैक्स चुकाना होगा. टैक्स2विनडॉटइन के को-फाउंडर और सीईओ अभिषेक सोनी के मुताबिक भारतीय टैक्सपेयर्स को होल्डिंग पीरियड के हिसाब से अमेरिकी स्टॉक्स से शॉर्ट टर्म और लांग टर्म गेन की जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है.
24 महीने से कम की होल्डिंग को शॉर्ट टर्म माना जाता है और शॉर्ट टर्म में हुए मुनाफे पर आम स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. इसके विपरीत 24 महीने के बाद होल्डिंग्स की बिक्री करते हैं तो 20 फीसदी (अतिरिक्त सरचार्ज और स्वास्थ्य व शिक्षा सेस) टैक्स चुकाना होगा. लांग टर्म कैपिटल गेन के मामले में इंडेक्सेशन का बेनेफिट मिलेगा.
डिविडेंड इनकम पर अमेरिका में 25% टैक्स
अमेरिका में लाभांश से हुई आय पर 25 फीसदी का टैक्स चुकाना होता है. उदाहरण के लिए अगर अमेरिका में डिविडेंस से 1 हजार डॉलर का डिविडेंड हासिल हुआ है तो 25 फीसदी टैक्स काटकर सिर्फ 750 डॉलर ही निवेशक के खाते में क्रेडिट होंगे. हालांकि जब भारत में आईटीआर फाइल करेंगे तो डिविडेंड की पूरी राशि को रुपये में बदलकर दिखा सकते हैं और फिर 250 डॉलर के क्रेडिट के लिए क्लेम कर सकते हैं.
अगर अमेरिका में टैक्स चुका दिया तो ये है नियम
अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्टेड स्टॉक्स में निवेश करने वाले भारतीय निवेशकों पर वहां के टैक्स रूल्स भी लागू होते हैं. हालांकि डबल टैक्सेशन अवाइडेंस एग्रीमेंट (डीटीएए) के जरिए यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि आपको एक ही आय पर दो बार टैक्स न चुकाना हो. सोनी के मुताबिक इस एग्रीमेंट के प्रावधानों के तहत रेजिडेंट इंडिविजुअल्स भारत से बाहर चुकाए गए टैक्स पर बेनेफिट के लिए क्लेम कर सकते हैं. टैक्सपेयर्स को आईटीआर में मुनाफे और नुकसान का पूरा खुलासा करना होता है.
(आर्टिकल: राजीव कुमार)