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बच्चों के कोरोना टीके को मंजूरी
घरेलू फार्मास्यूटिकल्स कंपनी Zydus Cadila की कोरोना वैक्सीन ZyCoV-D को DGCI ने शुक्रवार को इमरजेंसी यूज के लिए अप्रूवल दे दिया है. ये दुनिया की पहली डीएनए बेस्ड वैक्सीन है. इसे 12 साल और उससे ज्यादा उम्र के बच्चों और बड़ों को लगाया जा सकेगा. Zydus Cadila ने कहा है कि भारत में अब तक 50 से ज्यादा सेंटर पर इस वैक्सीन का ट्रायल किया गया है. भारत में अब तक सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, भारत बायोटेक की कोवैक्सिन और रूस की स्पुतनिक-V इस्तेमाल हो रही हैं. मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन के टीके की मंजूरी मिली है, लेकिन अभी ये भारत में उपलब्ध नहीं हैं.
कंपनी हर साल 24 करोड़ डोज बनाएगी
Zydus Cadila ने साफ कहा है कि साल में 24 करोड़ डोज बनाएगी. हर महीने 2 करोड़ वैक्सीन का प्रोडक्शन करेगी. प्रोडक्शन के इजाफा के लिए दूसरे मैन्यूफैक्चरर्स से भी बात चल रही है. कंपनी पहले महीने में करीब एक करोड डोज बनाएगी. इसके बाद अगले महीने से उत्पादन दोगुना कर दिया जाएगा. Zydus Cadila की बनी Zycov-D वैक्सीन को DCGI ने आज शुक्रवार को मंजूरी दी है. वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज अथॉराइजेशन मिलने के बाद इसकी 0, 28 और 56 दिन पर तीनों डोज दी जा सकती हैं. इस वैक्सीन पर अब तक का सबसे बड़ा ट्रायल हुआ है, जिसमें करीब 28000 लोग शामिल हुए थे.
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दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन
ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह वायरस से निकाले गए आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है. बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के साथ मिल कर विकसित Zydus Cadila का टीका, भारत बायोटेक के Covaxin के बाद भारत में आपातकालीन प्राधिकरण प्राप्त करने वाला दूसरी घरेलू वैक्सीन है.