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हाई स्टॉक इंडिसेज और कम ब्याज दरों के चलते गोल्ड की मांग मजबूत बनी रहेगी.
Gold Demand: कोरोना महामारी के चलते पिछले साल 2020 में गोल्ड डिमांड में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. 2020 में वैश्विक स्तर पर गोल्ड डिमांड 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई थी. भारत की बात करें तो यहां भी गोल्ड डिमांड में 35.34 फीसदी की बड़ी गिरावट रही और पिछले साल 2020 में महज 446.4 टन गोल्ड की डिमांड रही. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की 2020 गोल्ड डिमांड ट्रेंड रिपोर्ट्स के मुताबिक भारत में 2019 में 690.4 टन की गोल्ड डिमांड थी. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) के मुताबिक, कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन और गोल्ड के रिकॉर्ड भाव के चलते इसकी मांग में गिरावट आई थी. हालांकि, WGC का मानना है कि इस साल अब स्थिति सामान्य हो रही है और ऐसे में गोल्ड की डिमांड बढ़ेगी.
ज्वैलरी की मांग में 42% तक की गिरावट
भारत में पिछले साल गोल्ड डिमांड में 35.34 फीसदी की गिरावट आई थी. इसे वैल्यू टर्म में देखें तो 2020 में गोल्ड डिमांड में 14 फीसदी की गिरावट आई थी. पिछले साल 1,88,280 करोड़ रुपये के गोल्ड की डिमांड थी जबकि 2019 में यह आंकड़ा 2,17,770 करोड़ रुपये था.
ज्वैलरी की बात करें तो वॉल्यूम के हिसाब से पिछले साल इसकी मांग 42 फीसदी तक कम हो गई थी और 2020 में 315.9 टन के ज्वैलर्स की मांग रही जबकि 2019 में यह आंकड़ा 544.6 टन रहा. वैल्यू में तुलना करें तो पिछले साल इसकी मांग में 22.42 फीसदी की गिरावट रही और 2020 में महज 1,33,260 करोड़ रुपये के ज्वैलरी की डिमांड रही जबकि 2019 में यह आंकड़ा 1,71,790 रुपये का था.
गोल्ड आयात में 47% की गिरावट
पिछले साल 2020 में गोल्ड के आयात में 47 फीसदी की भारी गिरावट रही और पिछले साल महज 344.2 टन गोल्ड ही आयात हुआ था. 2019 में 646.8 टन गोल्ड आयात हुआ था. WGC के एमडी (इंडिया) सोमासुंदरम पीआर के मुताबिक लॉकडाउन में ढील और धीरे-धीरे स्थिति सामान्य होने के कारण पिछले साल की अंतिम तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 2019 की अंतिम तिमाही की तुलना में 19 फीसदी गोल्ड आयात अधिक रहा.
2020 की चौथी तिमाही में कंज्यूमर सेंटिमेंट में सुधार हुआ और गोल्ड डिमांड में 2019 की चौथी तिमाही की तुलना में महज 4 फीसदी की गिरावट आई. 2020 की चौथी तिमाही में 186.2 टन की गोल्ड डिमांड रही. सोमासुंदरम के मुताबिक त्यौहारी सत्र और वैवाहिक सत्र के चलते चौथी तिमाही में गोल्ड ज्वैलरी की मांग में बढ़ोतरी रही और 137.3 टन गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड रही. चौथी तिमाही में इंवेस्टमेंट डिमांड भी 8 फीसदी बढ़कर 48.9 टन हो गया.
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अगले कुछ वर्षों तक भारत में बनी रहेगी मांग
हाई स्टॉक इंडिसेज और कम ब्याज दरों के चलते गोल्ड की मांग मजबूत बनी रहेगी. WGC के मुताबिक अगले कुछ वर्षों तक गोल्ड की मांग मजबूत बनी रहेगी जैसा कि 2009 में तेज गिरावट के बाद दिखा था. सोमासुंदरम के मुताबिक इस समय गोल्ड पर अधिक टैक्स है तो ऐसे में स्मगलिंग बढ़ सकती है. ऐसे में सरकार को इस पर ड्यूटी कम करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने गोल्ड को रिसाइकिलिंग, इनोवेशंस और डिजिचल इंटरवेंशंस पर टैक्स छूट भी देने की जरूरत बताई है.
11 साल के निचले स्तर पर वैश्विक गोल्ड डिमांड
पिछले साल कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में गोल्ड की मांग 11 साल के निचले स्तर पर चली गई थी. पिछले साल दुनिया भर में 3759.6 टन गोल्ड डिमांड रही जबकि 2019 में यह आंकड़ा 4386.4 टन था. इससे पहले 2009 में सबसे कम गोल्ड डिमांड थी. 2009 में वैश्विक गोल्ड डिमांड 3385.8 टन की रही. वैश्विक स्तर पर दुनिया भर में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में भी गोल्ड डिमांड बेहतर नहीं रही.
चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर 28% कम हुई गोल्ड डिमांड
2020 की चौथी तिमाही में वैश्विक स्तर पर गोल्ड डिमांड में 28 फीसदी तक की गिरावट आई. अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 783..4 टन गोल्ड की डिमांड-रही जबकि उसके पिछले समान अवधि में यह मांग 1082.9 टन की थी. वैश्विक स्तर पर ज्वैलरी की डिमांड में 34 फीसदी की गिरावट रही और इसकी मांग 2019 में 2122.7 टन की तुलना में पिछले साल महज 1411.6 टन रह गई. चौथी तिमाही में गोल्ड ज्वैलरी की वैश्विक डिमांड में 13 फीसदी की गिरावट रही थी और अक्टूबर-दिसंबर 2020 में 515.9 टन गोल्ड ज्वैलरी की डिमांड रही.
वैश्विक स्तर पर गोल्ड ETF में बढ़ा निवेश
WGC के सीनियर मार्केट्स एनालिस्ट, रिसर्च लुइस स्ट्रीट के मुताबिक पिछले साल लॉकडाउन, आर्थिक सुस्ती और गोल्ड के रिकॉर्ड भाव के कारण दुनिया भर में इसकी मांग प्रभावित हुई थी. हालांकि बढ़ती अनिश्चितता और महामारी के कारण सरकार की नीतियों ने निवेश को बढ़ावा दिया. पिछले साल 2020 में गोल्ड में निवेश 40 फीसदी बढ़ा. 2020 में 1173.2 टन गोल्ड में निवेश हुआ जबकि 2019 में यह आंकड़ा 1269.2 टन था. इसमें से अधिकतर ग्रोथ गोल्ड ईटीएफ, बार व क्वाइन के जरिए रहा.
2020 में ईटीएफ में निवेश 120 फीसदी बढ़कर 877.1 टन रहा. हालांकि चौथी तिमाही में गोल्ड ईटीएफ में निवेश कम हुआ और 130 टन का आउटफ्लो रहा. सप्लाई फ्रंट की बात करें तो पिछले साल गोल्ड की उपलब्धता में 4 फीसदी की गिरावट रही और 4633.1 टन गोल्ड उपलब्ध रहा. यह गिरावट 2013 के बाद से सबसे अधिक था. गोल्ड सप्लाई में गिरावट का सबसे बड़ा कारण कोरोना महामारी के चलते खनन में रूकावट रही. 2020 की दूसरी छमाही में बार और क्वाइन में भी मजबूत रिकवरी रही.
केंद्रीय बैंकों ने कम की खरीदारी
2020 में केंद्रीय बैंकों ने 59 फीसदी कम गोल्ड खरीदा. 2020 में केंद्रीय बैंकों ने 273 टन गोल्ड खरीदा जबकि 2019 में यह आंकड़ा 668.5 टन था. हालांकि चौथी तिमाही में ग्लोबल ऑफिशियल रिजर्व में 44.8 टन की बढ़ोतरी हुई. तीसरी तिमाही में केंद्रीय बैंकों ने 6.5 टन गोल्ड की नेट सेल्स की थी.