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Gold Demand in India: महंगाई ने घटाया गोल्ड का चार्म, मार्च तिमाही में 18% घटी डिमांड, क्या है वजह

Gold Demand in India: महंगाई के चलते मार्च 2022 तिमाही में गोल्ड का आकर्षण फीका रहा. वहीं लोगों ने अपने घर से अधिक सोना बाहर निकाला.

Gold Demand in India: महंगाई के चलते मार्च 2022 तिमाही में गोल्ड का आकर्षण फीका रहा. वहीं लोगों ने अपने घर से अधिक सोना बाहर निकाला.

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India Q1 gold demand declines 18 percent amid higher prices according to WGC World Gold Council

इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च 2022 में देश में सोने की डिमांड 18 फीसदी घटी तो रिसाइकल होने वाला गोल्ड 88 फीसदी बढ़ गया. (Image- Reuters)

Gold Demand in India: महंगाई के चलते गोल्ड को लेकर आकर्षण भी फीका हो रहा है. यह खुलासा वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट से हुआ है. इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च 2022 में देश में सोने की डिमांड 18 फीसदी घटी तो रिसाइकल होने वाला गोल्ड 88 फीसदी बढ़ गया. रिसाइकल का मतलब पुराने सोने को ही फिर से बाजार में लाना है. गोल्ड की मांग में कमी के चलते इसका आयात 58 फीसदी फिसलकर 132.2 टन रह गया. मार्च 2022 तिमाही में महंगे भाव के अलावा कम शुभ मौके जैसे कि शादियां और कीमतों में गिरावट के आसार को देखते हुए लोगों द्वारा गोल्ड की खरीदारी को स्थगित करने के चलते इसकी मांग पर असर पड़ा. इसके अलावा रिसाइकल गोल्ड यानी पुराना सोना बाजार में वापस आने के चलते इसकी मांग प्रभावित हुई.

डब्ल्यूजीसी के क्षेत्रीय सीईओ (इंडिया) सोमसुंदरम का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते जनवरी से बढ़ना शुरू हुआ और मार्च तिमाही में सोना 8 फीसदी महंगा होकर 45434 रुपये प्रति दस ग्राम (बिना टैक्स) पर पहुंच गया जिसके चलते इसकी मांग में गिरावट रही. पिछले साल की पहली तिमाही में गोल्ड के भाव 42045 रुपये प्रति दस ग्राम पर था.

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गोल्ड की मांग में 18 फीसदी की गिरावट

डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च 2022 में भारत में सोने की मांग 18 फीसदी गिरकर 135.5 टन रही. सोने के बढ़ते भाव के चलते इसकी मांग में यह गिरावट रही. पिछले साल की समान तिमाही में गोल्ड डिमांड 165.8 टन पर थी. अगर वैल्यू टर्म में देखें तो 'Gold Demand Trends Q1 2022' रिपोर्ट के मुताबिक भारत में गोल्ड की मांग मार्च 2020 तिमाही में सालाना आधार पर 12 फीसदी फिसलकर 61550 करोड़ रुपये रही.

गोल्ड ज्वैलरी की मांग 100 टन से भी कम

रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2022 तिमाही में ज्वैलरी की मांग सालाना आधार पर 26 फीसदी गिरकर 94.2 टन रही. सोमसुंदरम के मुताबिक अगर कोरोना के समय को छोड़ दें तो 2010 के बाद यह तीसरी तिमाही थी जब गोल्ड ज्वैलरी की मांग 100 टन से भी कम रही. अगर वैल्यू टर्म में देखें तो यह 20 फीसदी गिरकर 42800 करोड़ रुपये रहा. एक साल पहले की समान अवधि में 53200 करोड़ रुपये की ज्वैलरी बिकी थी.

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निवेश के लिए बढ़ा गोल्ड का चार्म

गोल्ड में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक मार्च 2022 तिमाही में 41.3 टन गोल्ड में निवेश हुआ जो सालाना आधार पर 5 फीसदी अधिक रहा. वैल्यू टर्म में सालाना आधार पर 13 फीसदी अधिक यानी 18750 करोड़ रुपये गोल्ड में निवेश हुआ. निवेश के लिए आमतौर पर गोल्ड बार्स और क्वाइन्स की खरीदारी होती है. आरबीआई ने सोने की खरीदारी जारी रखा और मार्च तिमाही में 8 टन गोल्ड खरीदा.

88 फीसदी अधिक सोना हुआ रिसाइकल

मार्च तिमाही में गोल्ड रिसाइकलिंग अधिक हुआ. डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी-मार्च 2022 में 88 फीसदी अधिक 27.8 टन गोल्ड रिसाइकिल हुआ जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह 27.8 टन था.

इस साल का क्या है गोल्ड आउटलुक?

इस पूरे साल 2022 की बात करें तो गांव के बाजारों के पटरी पर लौटने और मानसून के सामान्य होने का पूर्वानुमान इस साल गोल्ड की मांग को प्रभावित करेगा. वहीं रूस-यूक्रेन के जंग के बीच वैश्विक स्तर पर फैली अनिश्चितता के चलते निवेशक गोल्ड के प्रति निवेश के लिहाज से आकर्षित हो सकते हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल 2022 में 800-850 टन गोल्ड की ओवरऑल डिमांड रह सकती है.

(Input: PTI)

Gold Price World Gold Council