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Banking Sector Outlook: FY23 में डबल डिजिट में रहेगी बैंकों की क्रेडिट ग्रोथ! लेकिन PSU बैंकों को रेटिंग एजेंसी ने किया अलर्ट

Banking Sector Outlook: पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ दोहरे अंकों में नहीं पहुंच पा रही थी लेकिन अब अगले वित्त वर्ष 2023 में यह 10 फीसदी की दर से बढ़ सकता है.

Banking Sector Outlook: पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ दोहरे अंकों में नहीं पहुंच पा रही थी लेकिन अब अगले वित्त वर्ष 2023 में यह 10 फीसदी की दर से बढ़ सकता है.

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FE Online
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India Ratings and Research reposrt expects Banks to see 10 percent credit growth in FY23

रेटिंग एजेंसी के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों में तेजी इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर पर बढ़ते खर्च और खुदरा मांग के पटरी पर लौटने के चलते क्रेडिट ग्रोथ में उछाल के संकेत दिख रहे हैं.

Banking Sector Outlook: पिछले कुछ वर्षों में बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ दोहरे अंकों में नहीं पहुंच पा रही थी लेकिन अब अगले वित्त वर्ष 2023 में यह 10 फीसदी की दर से बढ़ सकता है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों में तेजी इंफ्रास्ट्रक्टर सेक्टर पर बढ़ते खर्च और खुदरा मांग के पटरी पर लौटने के चलते क्रेडिट ग्रोथ में उछाल के संकेत दिख रहे हैं. हालांकि चालू वित्त वर्ष के लिए रेटिंग एजेंसी ने बैंकिंग सेक्टर के क्रेडिट ग्रोथ के अनुमान में कटौती की है. अब चालू वित्त वर्ष 2021-22 में बैंकिंग सेक्टर की क्रेडिट ग्रोथ 8.9 फीसदी की बजाय 8.4 फीसदी रह सकती है. वहीं इस रिपोर्ट में वित्त वर्ष 2023 में एसेट क्वालिटी भी सुधरने का अनुमान लगाया है. ग्रॉस एनपीए अगले वित्त वर्ष के आखिरी तक सुधरकर 6.1 फीसदी पर पहुंच सकता है.

कॉरपोरेट सेग्मेंट में बैंक क्रेडिट ग्रोथ पॉजिटिव

रेटिंग्स एजेंसी का मानना है कि कैपिटल एक्सपेंडिचर के पटरी पर लौटने, हायर आउटपुट के चलते वर्किंग कैपिटल डिमांड बढ़ने, अधिक निर्यात और कमोडिटी इंफ्लेशन का कंपनियों को फायदा मिलेगा. परफॉर्मेंस-लिंक्ड इंसेटिंव (पीएलआई) स्कीम से जुड़े सेक्टर्स में 2 लाख करोड़ रुपये का प्राइमरी इंवेस्टमेंट हो सकता है और यह निवेश आगे भी निवेश को बढ़ावा दे सकता है. इंडिया रेटिंग्स के फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के निदेशक करण गुप्ता के मुताबिक कॉरपोरेट सेग्मेंट में बैंक क्रेडिट ग्रोथ सालाना आधार पर वित्त वर्ष 2023 में करीब 8 फीसदी रह सकता है.

MSMEs में दबाव की आशंका

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इंडिया रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है कि कॉरपोरेट सेग्मेंट का स्ट्रेस्ड एसेट्स बेहतर रिकवरी के चलते वित्त वर्ष 2021 में 10.8 फीसदी की तुलना में मौजूदा वित्त वर्ष 2022 में 10.4 फीसदी और अगले वित्त वर्ष 2023 में 10.3 फीसदी पर रह सकती है. हालांकि एमएसएमईज में स्ट्रेस्ड एसेट दबाव के चलते बढ़कर 16.7 फीसदी पर पहुंच सकती है. खुदरा सेक्टर के लिए स्ट्रेस्ड एसेट रिकवरी के चलते फिसलकर 4.9 तक लुढ़क सकती है. हालांकि इस एनालिसिस में उस ग्रॉस एनपीए के राइट ऑफ को नहीं शामिल किया गया है.

पुराने सरकारी बैंकों को किया आगाह

हायर क्रेडिट ग्रोथ, हेल्दी कैपिटल पोजिशन और बैड लोन पोजिशन में सुधार के चलते इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023 के लिए बैंकिंग सेक्टर के आउटलुक को 'स्टेबल' से 'इंप्रूविंग' किया है. एजेंसी के मुताबिक निजी सेक्टर के बड़े बैंकों का मार्केट शेयर सभी एसेट्स और लाइबिलिटीज में लगातार मजबूत बना रहेगा. हालांकि इंडिया रेटिंग्स ने पुराने सरकारी बैंकों को एसेट क्वालिटी को लेकर सतर्क रहने को कहा है क्योंकि इनके लोनबुक का बड़ा हिस्सा छोटे व मध्य श्रेणी के एंटरप्राइजेज को दिए गए लोन का है.

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