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कोरोना के चलते जून में सर्विस सेक्टर एक्टिविटीज में जबरदस्त गिरावट, नौकरियों में जारी रही छंटनी

देश में पिछले महीने सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जबरदस्त गिरावट रही.

देश में पिछले महीने सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जबरदस्त गिरावट रही.

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PTI
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India services sector activities slump at fastest rate in 11 months in June PMI

देश में पिछले महीने सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में जबरदस्त गिरावट रही. कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते देश के कई हिस्सों में पाबंदियां लगाने के कारण मांग में कमी आई. मासिक सर्वे के मुताबिक जून 2021 में एडजस्टेड इंडिया सर्विस बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मई में 46.4 की तुलना में गिरकर 41.2 रह गया. यह जुलाई 2020 के बाद से सबसे तेज निचला स्तर है. इसके चलते कंपनियों ने एक बार फिर छंटनी की. आईएचएस मार्किट के पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) पर 50 से अधिक स्कोर का मतलब विस्तार हो रहा है जबकि 50 से कम के स्कोर का मतलब संकुचन हो रहा है.

लगातार 16वें महीने नए निर्यात ऑर्डर्स में गिरावट

आईएचएस मार्किट के इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पॉलीअन्ना डी लीमा के मुताबिक कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह अनुमान लगाया गया था कि सर्विसेज सेक्टर प्रभावित होंगे. जून के पीएमआई डेटा के मुताबिक नए कारोबार, आउटपुट और रोजगार में गिरावट जबरदस्त रही लेकिन इस बार पिछले साल 2020 में लगाए गए पहले लॉकडाउन की तुलना में संकुचन कम रही. भारतीय सेवाओं की वैश्विक स्तर पर मांग जून में नकारात्मक रूप से प्रभावित हुई और लगातार 16वे महीने नए निर्यात ऑर्डर्स में गिरावट रही. ओवरऑल बिजनस सेंटिमेंट की बात करें तो लगातार तीसरे महीने जून में इसमें गिरावट आई और यह अगस्त 2020 के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई.

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वैक्सीनेशन में तेजी से सुधरेगी इकोनॉमिक रिकवरी

सर्वे में शामिल लोगों के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान कोरोना महामारी के चलते हुआ है. महामारी की अनिश्चितता के चलते सर्विस कंपनियों के बीच कारोबारी भरोसा कमजोर हुआ जोकि इससे पहले आउटपुट के अनुमान को लेकर आमतौर पर न्यूट्रल रहते थे. लीमा के मुताबिक ओवरऑल लेवल पर सेंटिमेंट की बात करें तो यह 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. लीमा के मुताबिक वैक्सीनेशन कार्यक्रम में तेजी लाकर महामारी को नियंत्रण में लाया जा सकता है और इकोनॉमिक रिकवरी हो सकती है. महामारी के चलते जून में लगातार दूसरे महीने निजी सेक्टर के कंपनियों की कारोबारी गतिविधियों में गिरावट आई है.

कंपोजिट इंडेक्स में भी जबरदस्त गिरावट

सर्विसेज और मैन्यूफैक्चरिंग आउटपुट को मिलाकर बनने वाले कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स की बात करें तो मई 2021 में 48.1 की तुलना में यह जून में घटकर 43.1 रह गया. यह जुलाई 2020 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. हालांकि इस बीच खाने वाले तेल और प्रोटीनयुक्त चीजों के दाम बढ़ने से खुदरा महंगाई मई में बढ़कर छह महीने के शीर्ष स्तर 6.3 फीसदी पर पहुंच गई जिससे हाल-फिलहाल में ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम दिख रही है.