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Rupee Vs Dollar: रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर, पहली बार 1 डॉलर का भाव 77.40 रु के पार, क्यों आ रही है गिरावट?

आज रुपया डॉलर के मुकाबले पहली बार 77.40 के लेवल को पार कर गया. डॉलर के मुकाबले आज इसमें करीब 52 पैसे की कमजोरी आई है.

आज रुपया डॉलर के मुकाबले पहली बार 77.40 के लेवल को पार कर गया. डॉलर के मुकाबले आज इसमें करीब 52 पैसे की कमजोरी आई है.

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Rupee Vs Dollar: रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर, पहली बार 1 डॉलर का भाव 77.40 रु के पार, क्यों आ रही है गिरावट?

आज यानी 9 मई के कारोबार में रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. (File)

Rupee on Record Low: आज यानी 9 मई के कारोबार में रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. आज रुपया डॉलर के मुकाबले पहली बार 77.40 के लेवल को पार कर गया. डॉलर के मुकाबले आज इसमें करीब 52 पैसे की कमजोरी आई है. इसके पहले कारोबारी दिन रुपया 76.90 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. जबकि आज यह 77.42 के लेवत तक पहुंच गया. ग्लोबल इक्विटी मार्केट में गिरावट, महंगाई फॉरेन फंड्स की बिकवाली और डॉलर में मजबूती के चलते रुपये में गिरावट आई है.

इस साल रुपया 4 फीसदी कमजोर

इसा साल की बात करें तो रुपये में करीब 4 फीसदी की कमजोरी देखने को मिली है. वहीं एक हफ्ते में भी 1 फीसदी टूटा है. आज के कारोबार में रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77.17 के लेवल पर पर खुला और फिर गिरावट दर्ज करते हुए 77.42 पर आ गया. रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 55 पैसे की गिरावट के साथ 76.90 पर बंद हुआ था.

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डॉलर इंडेक्स 104.02 पर

विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने कहा कि महंगाई को लेकर बढ़ी चिंताओं के कारण निवेशक जोखिम नहीं लेना चाहते हैं. इस बीच 6 प्रमुख करंसी के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति मजबूत हुई है. डॉलर इंडेक्स 0.35 फीसदी की बढ़त के साथ 104.02 पर पहुंच गया. वहीं ब्रेंट क्रूड फ्यूचर आज 0.14 फीसदी बढ़कर 112.55 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर आ गया है. इससे महंगाई दर हाई लेवल पर बनी हुई है. बता दें कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को शुद्ध रूप से 5,517.08 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे, जिसका असर करंसी पर पड़ा है.

अन्य फैक्टर्स

इस समय रेट हाइक साइकिल की वजह से भी इक्विटी मार्केट पर असर हो रहा है. आरबीआई ने हाल ही में रेपो रेट 0.40 फीसदी बढ़ा दिया है. वहीं यूएस फेड ने भी ब्याज दरों में आधे फीसदी की बढ़ोतरी की है. कहा जा रहा है कि महंगाई को काबू में करने के लिए आगे कई बार दरें बढ़ाई जा सकती हैं. भारत में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 7.484 फीसदी पर है.

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