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Defence Sector: सरकार के मेक इन इंडिया पहल का डिफेंस सेक्टर को फायदा मिल रहा है. (PTI)
Defence Sector Stocks: भारत के डिफेंस सेक्टर को लेकर मोदी सरकार का फोकस लगातार बढ़ रहा है. इस सेक्टर में आत्मनिर्भर भारत या मेक इन इंडिया पहल को लगातार लागू किया जा रहा है. वहीं डिफेंस को मजबूत करने के लिए सरकार लगातार सेक्टर के लिए रिफॉर्म पर काम कर रही है. वहीं इस सेक्टर में निवेश बढ़ाने की कोशिशें भी जारी हैं, जिनका फायदा अब मिलता दिख रहा है. ब्रोकरेज हाउस फिलिप कैपिटल का कहना है कि सरकार द्वारा डिफेंस सेक्टर को लेकर लिए जा रहे इनिशिएटिव और इस सेक्टर में मजबूत ऑडर्रबुक, निवेश के बड़े अवसर को देखते हुए काफी संभावनाएं हैं. फिलहाल निवेशकों को मजबूत डिफेंस शेयरों को पोर्टफोलियो में शामलि करने का बेहतर अवसर है.
डिफेंस स्टॉक फेवरेबल पोजिशन में
ब्रोकरेज हाउस फिलिप कैपिटल का कहना है कि डिफेंस स्टॉक फेवरेबल पोजिशन में हैं, जिसके पीछे वजह ये हैं कि (1) लॉन्ग टर्म एग्जीक्यूशन ग्रोथ विजिबिलिटी , मजबूत ऑर्डर बुक और एक हेल्दी पाइपलाइन का होना, (2) लोकलाइजेशन, इंटीग्रेटेड मॉड्यूलर निर्माण और सबकॉन्ट्रैक्टिंग के चलते समय पर एग्जीक्यूशन, (3) डोमेन एक्सपर्टीज/सरकारी प्राथमिकता, (4) कैश-रिच बैलेंस शीट जो स्टेज पेमेंट के कारण प्रमुख वर्किंग कैपिटल के इश्यू से बचती हैं, (5) इन-हाउस आर एंड डी निवेश और डीआरडीओ से उचित तकनीकी सहायता, (6) अनुकूल नीतियां जिनमें लोकल मैन्युफैक्चरिंग लिए टॉप प्राथमिकता, अग्निपथ योजना, स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और आयात प्रतिबंध, और (7) 30-60% का डिविडेंड पेमेंट शामिल हैं. पिछले कुछ साल में विकसित हुई दक्षताओं और स्वदेशीकरण के कारण मुख्य डिफेंस प्रोडक्ट का मार्जिन बढ़ सकता है.कुल मिलाकर, ब्रोकरेज उिफेंस सेक्टर पर पॉजिटिव है. हालांकि, फेवरेबल रिस्क रिवार्ड रेश्यो को देखते हुए ब्रोकरेज ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BHE), भारत डायनेमिक्स (BDL), सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया (SOIL), और MTAR के शेयरों पर भरोसा जताया है.
110 अरब अमेरिकी डॉलर के अवसर
मौजूदा समय में भारत को अपने रक्षा खर्च को बढ़ाने और इंपोर्ट सब्सट्यूशन का सहारा लेने की जरूरत है. ब्रोकरेज ने हालांकि, इस रिपोर्ट में, इसकी बजाय अपने कवरेज में 6-8 साल में 110 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 9 लाख करोड़ के अवसर का अनुमान लगाया है. जबकि उनका कम्युलेटिव रेवेन्यू वित्त वर्ष 2023 के लिए सिर्फ 8 बिलियन डॉलर है. फिलहाल ऑर्डरबुक में 44 बिलियन अमेरिकी डॉलर रक्षा एयरोस्पेस में, 40 बिलियन डॉलर डिफेंस शिपबिल्डिंग, और 26 अरब डॉलर मिसाइल/आर्टिलेरी गंस सिस्टम के लिए होने का अनुमान है.
फेवरेबल गवर्नमेंट पॉलिसीज
भारतीय रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार हुए हैं, जिससे एफिसएंसी, आत्मनिर्भरता और क्षमताओं में सुधार हुआ है. मेक इन इंडिया पहल ने घरेलू रक्षा पूंजी खरीद को वित्त वर्ष 2013 में 38 फीसदी से बढ़ाकर वित्त वर्ष 2023 में कुल 68 फीसदी करने में योगदान दिया है. रक्षा खरीद प्रक्रियाओं (डीपीपी) को सुव्यवस्थित करने और ऑफसेट क्लॉज में ढील ने विदेशी निवेश को आकर्षित किया है. आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) सफलतापूर्वक लाभदायक बन गया है, जो इस बात का उदाहरण है कि जवाबदेही कैसे प्रदर्शन को आगे बढ़ाती है. कर्मियों और पेंशन (रक्षा बजट का 51%) के लिए भारी आवंटन में कमी को लक्षित करने वाली अग्निपथ योजना से महत्वपूर्ण रक्षा पूंजी खरीद के लिए पर्याप्त कैश होने की उम्मीद है.
किस शेयर के लिए कितना टारगेट प्राइस
Bharat Electronics (BHE IN) (TP: 159 रुपये) - Buy
Bharat Dynamics (BDL IN) (TP: 1428 रुपये) - Buy
MTAR Technologies (MTARTECH IN) (TP: 2,637 रुपये) - Buy
Solar Industries (SOIL IN) (TP: 4,318 रुपये) - Buy
Data Patterns (DATAPATT IN) (TP: 1,858 रुपये) - Neutral
Hindustan Aeronautics (HNAL IN) (TP: 3,975 रुपये) - Neutral
(Source: Phillip Capital)
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)