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मूडीज के मुताबिक कोरोना की अगली लहर, गलत मौद्रिक नीतियां और हाई इंफ्लेशन के चलते सोशल रिस्क के चलते ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक प्रभावित हो सकता है.
Indian Economy Growth Outlook: तेल के बढ़ते भाव और खाद आयात बिल में बढ़ोतरी के चलते सरकार कैपिटल एक्सपेंडिचर घटा सकती है. बॉन्ड क्रेडिट की रेटिंग करने वाली कंपनी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने इसके चलते इस साल भारतीय इकॉनमी के ग्रोथ अनुमान में कटौती की है. मूडीज के मुताबिक भारतीय इकॉनमी इस साल 9.1 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. पहले यह अनुमान 9.5 फीसदी पर था.
मूडीज ने अपनी ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2022-23 (मार्च 2022 अपडेट) में कहा है कि रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते इकनॉमिक ग्रोथ पर नकारात्मक असर दिखेगा. रूस की भी इकॉनमी हमले के पहले बढ़ने का अनुमान था लेकिन अब इसमें तेज गिरावट के आसार दिख रहे हैं. मूडीज के मुताबिक कोरोना की अगली लहर, गलत मौद्रिक नीतियां और हाई इंफ्लेशन के चलते सोशल रिस्क के चलते ग्लोबल ग्रोथ आउटलुक प्रभावित हो सकता है.
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कृषि सेक्टर से इकॉनमी को सहारे की उम्मीद
तेल की ऊंची कीमतें भारतीय इकॉनमी को झटका दे सकती हैं क्योंकि यह अपनी जरूरत का बड़ा हिस्सा आयात करता है लेकिन शॉर्ट टर्म में एग्री एक्सपोर्ट्स से इसे फायदा मिलेगा क्योंकि भारत अपनी जरूरत से अधिक अनाज का उत्पादन करता है. तेल की ऊंची कीमतों और खाद की बढ़े भाव से भारत कैपिटल एक्सपेंडिचर घटा सकती है. मूडीज के मुताबिक भारतीय इकॉनमी इस साल 2022 में 9.1 फीसदी और अगले साल 5.4 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. वहीं रेटिंग एजेंसी ने इस साल 6.6 फीसदी इंफ्लेशन का अनुमान लगाया है. पिछले साल 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी थी जबकि उसके पिछले साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते 6.7 फीसदी की दर से सिकुड़ गया था.
रूस की इकॉनमी को तगड़ा झटका
रेटिंग एजेंसी मूडीज के मुताबिक यूक्रेन पर रूसी हमले ने वैश्विक इकॉनमी को तीन तरीके से प्रभावित किया है- कमोडिटी के भाव में उछाल, वित्तीय व कारोबारी दिक्कतों से वैश्विक अर्थव्यवस्था को रिस्क और वैश्विक स्तर पर राजनीतिक तनाव से प्रभावित सेंटिमेंट. हालांकि मूडीज का मानना है कि जी-20 देशों में सिर्फ रूस की अर्थव्यवस्था में इस साल गिरावट हो सकती है और यह इस साल 7 फीसदी व अगले साल 2023 में 3 फीसदी की दर से सिकुड़ सकती है. यूक्रेन पर हमले से पहले मूडीज ने इस साल रूस की इकॉनमी के 2 फीसदी और अगले साल 1.5 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था. चीन की इकॉनमी इस साल 5.2 फीसदी और अगले साल 5.1 फीसदी की दर से बढ़ सकती है.
(Input: PTI)