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इस साल 2022 में विदेशी निवेशकों ने अब तक ताइवान के बाद सबसे अधिक निकासी भारत से की जबकि सबसे अधिक 1250 करोड़ डॉलर (95.6 हजार करोड़ रुपये) निवेश ब्राजील में हुआ. (Image- Pixabay)
पिछले कुछ महीने से विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों के शेयरों की भारी बिकवाली कर रहे हैं. अब एक अमेरिकी रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि मार्च 2022 में विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) का एनएसई 500 कंपनियों में स्वामित्व तीन साल के निचले स्तर पर फिसल गया है. बैंक ऑफ अमेरिका के मल्टीनेशनल इंवेस्टमेंट बैंकिंग डिविजन BofA Securities की रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआईज का एनएसई 500 में स्वामित्व महज 19.5 फीसदी रह गया है. हालांकि बोफा का मानना है कि आने वाले समय में निवेश बढ़ने पर ओनरशिप लेवल में फिर उछाल दिख सकती है.
बोफा सिक्योरिटीज के प्रमुख (इंडिया रिसर्च) अमीश शाह के मुताबिक इस साल के आखिरी तक निफ्टी 17 हजार के लेवल पर बना रह सकता है लेकिन फाइनेंशियल, इंडस्ट्रियल, कुठ ऑटो कंपनियों, यूटिलिटीज व हेल्थकेयर में निवेश को प्रिफरेंस दिया जा सकता है. मार्च 2022 में निफ्टी करीब 4 फीसदी मजबूत हुआ था और अभी की बात करें तो निफ्टी 50 शुक्रवार (22 अप्रैल) को 1.27 फीसदी की गिरावट के साथ 17,171.95 पर बंद हुआ था.
ताइवान के बाद सबसे अधिक निकासी भारत से
- मार्च तक विदेशी पोर्टफोलियो इंवेस्टर्स (FPIs) का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट 61.9 हजार करोड़ डॉलर (4733.10 करोड़ रुपये) का रहा. इसमें सबसे अधिक 16.2 फीसदी आवंटन एनर्जी, 14.8 फीसदी आईटी और 4 फीसदी कम्यूनिकेशन में हुआ जबकि फाइनेंशियल में सबसे अधिक गिरावट रही. इस साल 2022 में विदेशी निवेशकों ने अब तक ताइवान के बाद सबसे अधिक निकासी भारत से की जबकि सबसे अधिक 1250 करोड़ डॉलर (95.6 हजार करोड़ रुपये) निवेश ब्राजील में हुआ.
- रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने मार्च में मार्च 2020 के बाद सबसे अधिक निकासी हुई. जियोपॉलिटिकल रिस्क, लगातार बढ़ती महंगाई दर, सप्लाई की दिक्कतें और कमोडिटी के बढ़ते भाव के चलते निवेशकों ने पिछले महीने भारतीय बाजार से 540 करोड़ डॉलर (41.3 हजार करोड़ रुपये) निकाल लिए. मार्च 2020 में विदेशी निवेशकों ने 840 करोड़ डॉलर (6.42 लाख करोड़ रुपये) निकाले थे.
यहां बढ़ा निवेश
- हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक एमर्जिंग मार्केट फंड्स ने पिछले एक साल में चीन की बजाय भारत में निवेश बढ़ाया. इस साल मार्च तक भारत में इनका एलोकेशन जनवरी 2021 में 13.3 फीसदी की तुलना में 19 फीसदी रहा जबकि चीन में 42.2 फीसदी की तुलना में 34.6 फीसदी आ गया.
- घरेलू संस्थागत निवशकों (DIIs) की बात करें तो मार्च में लगातार दूसरे महीने निवेश 500 करोड़ डॉलर (38.2 हजार करोड़ रुपये) के पार पहुंच गया. डीआईआईज का मार्च 2022 में निवेश मासिक आधार पर 19 फीसदी अधिक 600 करोड़ डॉलर (45.9 हजार करोड़ रुपये) के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया. इस साल डीआईआईज ने 1460 करोड़ डॉलर (1.12 लाख करोड़ रुपये) का निवेश किया.
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