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सरकार ने एलन मस्क की कंपनी को भारत में सर्विस देने से रोका
सरकार ने एलन मस्क की कंपनी StarLink Internet Service को बगैर लाइसेंस लिए सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस की प्री-सेलिंग और बुकिंग के लिए फटकार लगाई है. संचार मंत्रालय ने कहा है कि कंपनी भारत में तुरंत प्रभाव से इंटरनेट सर्विस की बुकिंग और सेटेलाइट के जरिये इस सर्विस की डिलीवरी बंद करे.
सरकार ने कहा, कंपनी नियमों का पालन करे
'इंडियन एक्सप्रेस' की खबर के मुताबिक संचार मंत्रालय ने शुक्रवार को जारी एक प्रेस रिलीज में कहा कि स्टारलिंक इंटरनेट सर्विसेज (Spacex की डिवीजन ) के पास भारत में सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस का लाइसेंस नहीं है लेकिन पब्लिक को यह बात नहीं बताई जा रही है. इसलिए आम लोगों को यह सूचित किया जाता है कि कंपनी ने भारत में सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस देने का लाइसेंस नहीं लिया है. जबकि इसकी वेबसाइट पर इस सर्विस के लिए बुकिंग की जा रही है. इसलिए सरकार ने कंपनी को रेगुलेटरी कंप्लायंस का पालन करने के लिए कहा है. संचार मंत्रालय ने कहा है कि अगर कंपनी भारत में सेटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस देना चाहती है तो इसे नियमों का पालन करना होगा.
इस महीने की शुरुआत में सर्विस देने का किया था ऐलान
इस महीने की शुरुआत में स्टारलिंक ने भारत में अपनी सौ फीसदी स्वामित्व वाली सब्सिडियरी स्टारलिंक सेटेलाइट कम्यूनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के जरिये रजिस्ट्रेशन कराया था. अपने प्रजेंटेशन में कंपनी ने कहा था कि इसका इरादा 2022 तक दो लाख स्टारलिंक डिवाइस लगाने का है. इनमें से 80 फीसदी ग्रामीण इलाकों में होंगे. प्रजेंटेशन के मुताबिक उसे भारत में 5 हजार प्री-ऑर्डर मिल चुके हैं. इंडियन एक्सप्रेस ने इस साल की शुरुआत की खबर में कहा था कि संचार मंत्रालय को अमेजन, भारती एयरटेल की कंपनी वन वेब और मस्क की स्पेसएक्स ( Spacex) की ओर से कोई कम्यूनिकेशन नहीं मिला था. स्पेसएक्स के फाउंडर एलेन मस्क ने सितंबर में ट्वीट करके के कहा था स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस 2022 तक अपना कॉमर्शियल इंटरनेट सर्विस शुरू करेगी.