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CERC Order : क्या अब 50 रुपये में मिलेगी एक यूनिट बिजली? महंगी बिजली बेचने की इस छूट का क्या है मतलब?

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को 'महंगी बिजली' के लिए 50 रुपये प्रति यूनिट तक कीमत वसूलने की छूट दे दी है.

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को 'महंगी बिजली' के लिए 50 रुपये प्रति यूनिट तक कीमत वसूलने की छूट दे दी है.

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Viplav Rahi
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CERC Order : पावर रेगुलेटर के ताजा आदेश का क्या है मतलब? क्या अब 50 रुपये में मिलेगी एक यूनिट बिजली?

CERC has fixed the ceiling for expensive power at 50 Rupees/unit : देश में बिजली क्षेत्र की निगरानी करने वाले पावर रेगुलेटर सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज को 'महंगी बिजली' के लिए 50 रुपये प्रति यूनिट तक की कीमत वसूलने की छूट दे दी है. CERC ने यह छूट हाल ही में जारी एक आदेश में दी है. इसके लिए CERC ने महंगी बिजली (expensive power) की ट्रेडिंग के लिए स्पॉट मार्केट में एक अलग सेगमेंट शुरू करने की इजाजत भी दे दी है. देश में बिजली की ट्रेडिंग के सबसे बड़े प्लेटफॉर्म इंडियन एनर्जी एक्सचेंज ने ऊंची लागत वाली 'महंगी बिजली' के लिए अधिकतम 99 रुपये प्रति यूनिट की लिमिट तय करने का अनुरोध किया था. लेकिन CERC ने अपने आदेश में कहा है कि उसने पावर मार्केट और उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अधिकतम सीमा 50 रुपये प्रति यूनिट ही रखी है. कमीशन ने पिछले साल स्पॉट मार्केट के सभी सेगमेंट्स के लिए बिजली की अधिकतम दर को 20 रुपये से घटाकर 12 रुपये प्रति यूनिट कर दिया था.

IEX के प्रस्ताव पर सुनवाई के बाद जारी हुआ आदेश

इंडियन एनर्जी एक्सचेंज (IEX) की अर्जी पर सुनवाई के बाद जारी आदेश में CERC ने कहा है, "इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के प्रपोजल से जुड़े तमाम पहलुओं का विश्लेषण करने के बाद कमीशन ने याचिकाकर्ता के HP-DAM शुरू करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने का फैसला किया है. यहां HP-DAM का मतलब है "हाई प्राइस डे-अहेड मार्केट" (High Price Day Ahead Market) जिसमें महंगी बिजली की ट्रेडिंग स्पॉट प्राइस पर की जाएगी.

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कंज्यूमर और मार्केट के हित में खारिज किया 99 रुपये का रेट : CERC

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन ने गुरुवार को जारी अपने आदेश में कहा है, "हम मानते हैं कि प्राइस लिमिट को 99 रुपये//kWh रखने की याचिकाकर्ता की मांग को मान लिया जाए तो उसके सिग्नलिंग इफेक्ट की वजह से बाजार के दूसरे सेगमेंट्स में अनचाही उथल-पुथल मच सकती है. इसलिए कंज्यूमर्स के हितों और मार्केट की एकरूपता को ध्यान में रखते हुए…हमने HP-DAM में बिजली के रेट की ऊपरी सीमा को 50 रुपये/kWh ही रखने का फैसला किया है. यह फैसला करते समय इंपोर्टेड गैस की कीमतों के मौजूदा रुझान को भी ध्यान में रखा गया है."

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50 रुपये का रेट कंज्यूमर के लिए नहीं

CERC ने बिजली के लिए 50 रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम कीमत इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में होने वाली स्पॉट ट्रेडिंग के लिए तय की है, कंज्यूमर के लिए नहीं. यह कीमत उन पावर प्रोड्यूसर्स के लिए है, जो HP-DAM में शामिल होने के लिए एलिजिबल हैं. इनमें वे पावर प्लांट्स शामिल हैं, जो इंपोर्टेड गैस और नाफ्था, इंपोर्टेड कोयले या बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के जरिए बिजली उत्पादन करते हैं. जिसकी वजह से उनकी लागत काफी अधिक होती है. इससे साफ है कि फिलहाल यह कीमत उपभोक्ताओं यानी हमारे-आपके लिए नहीं है.

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गर्मी के मौसम में पता चलेगा पूरा असर

50 रुपये प्रति यूनिट की अधिकतम कीमत भले ही कंज्यूमर के लिए न हो, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि कंज्यूमर्स पर इसका कुछ भी असर नहीं पड़ेगा. खुद CERC ने 99 रुपये प्रति यूनिट की कीमत को खारिज करते हुए यही दलील दी है कि HP-DAM के लिए रखी गई अधिकतम कीमत का सिग्नलिंग इफेक्ट पावर मार्केट के दूसरे सेगमेंट्स और कंज्यूमर्स पर भी पड़ सकता है. जाहिर है, कमीशन ने पिछले साल स्पॉट मार्केट के सभी सेगमेंट्स के लिए बिजली की अधिकतम दर को 20 रुपये से घटाकर 12 रुपये प्रति यूनिट करते समय भी इसी बात को ध्यान में रखा होगा. महंगी बिजली की प्राइस लिमिट को 50 रुपये करने के कमीशन के ताजा आदेश का पावर मार्केट और कंज्यूमर पर क्या असर पड़ेगा, इसका सही अंदाजा तो गर्मी के दिनों में मिलेगा, जब बिजली की मांग पीक पर पहुंचने के कारण तमाम राज्यों को स्पॉट मार्केट से बिजली खरीदनी पड़ती है.

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