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India's Manufacturing PMI in January 2020: मोदी सरकार के लिए अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर एक राहत की खबर है. बाजार में मांग सुधरने से जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी 8 साल के टॉप पर पहुंच गई है. इससे प्रोडक्टशन और जॉब एक्टिविटी में भी तेजी दिखाई दे रही है. सोमवार को जारी आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई सर्वे में यह खुलासा हुआ है. आर्थिक विकास दर में सुस्ती, निवेश और मांग के मोर्चे पर मौजूदा चुनौतियों के बीच मैन्युफैक्चरिंग एक्टिविटी में सुधार सकारात्मक संकेत हैं.
लगातार 30वें महीने मैन्युफैक्चरिंग PMI 50 से ऊपर
कंपनियों के परचेजिंग मैनेजर्स के बीच हुए मासिक सर्वेक्षण आईएचएस मार्किट मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई इंडेक्स जनवरी में 55.3 अंक रहा है. यह 2012 से 2020 की अवधि में इसका सबसे ऊंचा स्तर है. इससे पहले दिसंबर में यह 52.7 अंक था. जबकि साल भर पहले जनवरी 2019 में यह आंकड़ा 53.9 अंक था. यह लगातार 30वां महीना है जब मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई 50 अंक से ऊपर रहा है. पीएमआई का 50 अंक से ऊपर रहना गतिविधियों में विस्तार जबकि 50 अंक से नीचे रहना संकुचन के रुख को दर्शाता है.
मांग में सुधार ने दिया बूस्ट
जनवरी में मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई के उच्च स्तर पर रहने की अहम वजह मांग में सुधार होना है. इसकी वजह से नए ऑर्डर मिलने, उत्पादन, निर्यात और मैन्युफैक्चरिंग के लिए खरीदारी और रोजगार में बढ़त देखी गई है. साथ ही बिजनेस सेंटीमेंट में भी सुधार हुआ है. आईएचएस मार्किट में प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डे लीमा ने कहा, ‘‘जनवरी में देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है. आपरेटिंग हालातों में जिस रफ्तार से सुधार देखा गया है, ऐसा पिछले आठ साल की अवधि में नहीं देखा गया.’’
बीते 5 साल में नए ऑर्डर सबसे ज्यादा!
सर्वेक्षण में कंपनियों ने माना कि नए ऑर्डर मिलने में जो मजबूती देखी गई है वह पिछले 5 साल की अवधि में नहीं देखी गई. इसकी प्रमुख वजह मांग का बढ़ना और ग्राहक की जरूरतों का सुधार होना है. कंपनियों की कुल बिक्री में विदेशी बाजारों से बढ़ी मांग की अहम भूमिका है. यह नवंबर 2018 के बाद निर्यात के नए ऑर्डरों में सबसे तेज बढ़त है.
मैन्युफैक्चरिंग जॉब ग्रोथ रेट 7.5 साल में सबसे ज्यादा
रोजगार के स्तर पर जनवरी में रोजगार गतिविधियों में भी सुधार देखा गया है. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार की दर पिछले साढ़े सात साल में सबसे तेज है. बाजार को रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति जारी होने का भी इंतजार है. इसमें बाजार मांग को और बढ़ाने और आर्थिक वृद्धि को सहारा देने के उपाय किए जा सकते हैं. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक 4-6 फरवरी 2020 को होना तय है.