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अर्थव्यवस्था में रिकवरी, दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI 7 माह के टॉप पर

IHS मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (PMI) दिसंबर में बढ़कर 52.7 रहा.

IHS मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (PMI) दिसंबर में बढ़कर 52.7 रहा.

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PTI
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अर्थव्यवस्था में रिकवरी, दिसंबर में मैन्युफैक्चरिंग PMI 7 माह के टॉप पर

The last industrial policy was implemented in 1991.

India's manufacturing sector activity rises in December 2020 दिसंबर 2020 में मैन्युफैक्चरिंग PMI 7 माह के टॉप पर है.

India's manufacturing PMI in December 2020:  कारखानों के नए ऑर्डर और उत्पादन में तेजी से देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की गतिविधियों में दिसंबर में सुधार हुआ और यह 7 माह के उच्च स्तर पर पहुंच गया. इससे रोजगार के मोर्चे पर भी सुधार हुआ है. एक मासिक सर्वेक्षण में बृहस्पतिवार को यह बात कही गई है. सर्वेक्षण में कहा गया है कि दिसंबर में परिचालन गतिविधियों के सुधार के बावजूद कंपनियां 2020 के वार्षिक परिदृश्य को लेकर सतर्क रुख बरत रही हैं. इससे रोजगार सृजन और निवेश पर असर पड़ सकता है.

IHS मार्किट इंडिया का मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक (PMI) दिसंबर में बढ़कर 52.7 रहा. नवंबर में यह 51.2 पर था.

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मई के बाद दिसंबर में सबसे तेजी से बढ़ा उत्पादन

IHS मार्किट की प्रधान अर्थशास्त्री पॉलियाना डी लीमा ने कहा, "कारखानों ने मांग में सुधार का लाभ उठाया है और मई के बाद सबसे तेजी से उत्पादन को बढ़ाया है. दिसंबर में रोजगार और खरीद के मोर्चे पर भी नए सिरे से बढोत्तरी हुई है." सर्वेक्षण के मुताबिक, नए कारोबारी ऑर्डर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की हालत में सुधार को दर्शाते हैं. नए कारोबार ऑर्डर जुलाई के बाद सबसे तेज गति से बढ़े हैं.

लगातार 29वें माह रहा विस्तार

इसके अलावा वैश्विक स्तर पर अधिक मांग से कुल बिक्री बढ़ी है. नए निर्यात ऑर्डर में लगातार 26वें महीने वृद्धि हुई है, भले ही वो मामूली हो. मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का पीएमआई लगातार 29वें महीने 50 अंक से ऊपर है. सूचकांक का 50 से ऊपर होना विस्तार का सूचक है, जबकि 50 से नीचे का स्तर गिरावट को दर्शाता है.

2020 के शुरू में निवेश, जॉब क्रिएशन में आ सकती हैं अड़चनें

हालांकि, लीमा ने कहा कि सर्वेक्षण में कारोबारी विश्वास के मोर्चे पर कुछ सतर्कता दिखाई दी है. साल 2019 के अंत में कारोबार को लेकर कंपनियों का आत्मविश्वास करीब तीन साल में सबसे निचले स्तर पर रहा. यह बाजार स्थितियों को लेकर उपजी चिंताओं को दर्शाता है. इससे 2020 के शुरू में निवेश और रोजगार सृजन में कुछ अड़चनें आ सकती हैं."

सर्वेक्षण के मुताबिक, आगामी 12 महीनों में उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है लेकिन कंपनियों का आगे के बाजार को लेकर आत्मविश्वास का स्तर कमजोर होकर 34 महीने के निम्न स्तर पर है. इसमें कहा गया है कि मुद्रास्फीति की दर 13 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है.

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