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(Image: Reuters)
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देश का सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उपक्रम (MSME) क्षेत्र 2020 में बड़े बदलाव के लिए तैयार है. विशेषज्ञों का कहना है कि अलीबाबा जैसे ई-मार्केटप्लेस, लोगों को लुभाने वाले खादी उत्पादों और उद्यमियों को डिजिटल डाटा आधारित रेटिंग्स आदि कर्ज की सुविधा से नए साल में इस क्षेत्र में कई नए बदलाव दिखेंगे. MSME क्षेत्र का देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान रहता है. इस क्षेत्र के लिए कर्ज की सुविधा में बड़े सुधारों और नीतिगत हस्तक्षेप की मांग उठती रही है. इस क्षेत्र में कारोबार सुगमता की स्थिति में सुधार आधुनिकीकरण से रोजगार के नए अवसरों के सृजन की बड़ी संभावनाएं हैं. इससे आयात की जरूरत को भी कम किया जा सके.
GDP में MSME का योगदान 29 फीसदी
देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में MSME क्षेत्र का योगदान 29 फीसदी का है, जबकि देश के निर्यात में इस क्षेत्र का हिस्सा 48 फीसदी है. केंद्र सरकार ने 2024 तक देश की अर्थव्यवस्था को 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. ऐसे में केंद्र का उम्मीद है कि इसमें एमएसएमई क्षेत्र का हिस्सा 2,000 अरब डॉलर रहेगा.
नितिन गडकरी की अगुवाई वाले MSME मंत्रालय ने उस समय क्षेत्र में पांच करोड़ अतिरिक्त रोजगार के अवसरों के सृजन का लक्ष्य भी रखा है. इन दो महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पाने के लिए एक तेजतर्रार नीतिगत रूपरेखा की जरूरत है.
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MSME की परिभाषा में बदलाव जल्द
गडकरी ने हाल में कहा था कि सरकार जल्द एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव को अंतिम रूप देगी. विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र के लिए एक बड़ा सुधार होगा. एमएसएमई को संयंत्र और मशीनरी में निवेश के बजाय सालाना कारोबार के आधार पर वर्गीकृत करने से कारोबार सुगमता की स्थिति भी बेहतर हो सकेगी. हालांकि, एमएसएमई क्षेत्र को सस्ता कर्ज उपलब्ध कराना आज भी एक बड़ी चुनौती है.
क्रेडिटवॉच की संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मेघना सूर्यकुमार ने कहा कि देश में पांच करोड़ लघु एवं मझोले उपक्रम हैं, जिनकी समक्ष नकदी का संकट है. भरोसे की कमी और गारंटी के लिए कुछ उपलब्ध नहीं करा पाने की वजह से इनमें से सिर्फ 15 फीसदी की फॉर्मल लोन तक पहुंच है.
2020 में 1 लाख करोड़ के पार होगा कारोबार
खादी एवं ग्रामोद्योग खंड (KVIC) एमएसएमई की वृद्धि में प्रमुख योगदान देगा. KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने भरोसा जताया कि यह क्षेत्र 2020 में एक लाख करोड़ रुपये के कारोबार के आंकड़े को पार कर जाएगा जिससे उल्लेखनीय रूप से रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
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सक्सेना ने कहा कि 2020 तक चार लाख लाभार्थियों को KVIC की विभिन्न योजनाएं के तहत रोजगार मिलेगा। इनमें 20,000 को हनी मिशन, 1,20,000 को कुम्हार सशक्तीकरण कार्यक्रम, 75,000 को चमड़ा कारीगरों के सशक्तीकरण और 1,97,000 को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत इन योजनाओं का लाभ मिलेगा.