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Services PMI : सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन लगातार तीसरे महीने खराब, कंपनियों ने नौकरियां भी घटाई

जून महीने में सर्विसेज पीएमआई ( Service PMI) 41.2 पर था लेकिन जुलाई में यह बढ़ कर 45.4 पर पहुंचा है. यह लगातार तीसरा महीना है जब सर्विस सेक्टर में गिरावट दिख रही है.

जून महीने में सर्विसेज पीएमआई ( Service PMI) 41.2 पर था लेकिन जुलाई में यह बढ़ कर 45.4 पर पहुंचा है. यह लगातार तीसरा महीना है जब सर्विस सेक्टर में गिरावट दिख रही है.

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Services PMI : सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन लगातार तीसरे महीने खराब, कंपनियों ने नौकरियां भी घटाई

सर्विस सेक्टर का लगातार तीसरा महीना खराब प्रदर्शन

Service Sector Slowdown : देश में सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन जुलाई महीने में भी धीमा रहा है. हालांकि जून महीने की तुलना में यह थोड़ा तेज हुआ है लेकिन अभी तक IHS मार्किट के सर्विस PMI पर यह 50 पर नहीं पहुंचा है. जून महीने में सर्विसेज पीएमआई ( Service PMI) 41.2 पर था लेकिन जुलाई में यह बढ़ कर 45.4 पर पहुंचा है. यह लगातार तीसरा महीना है जब सर्विस सेक्टर में गिरावट दिख रही है. पीमआई पर 50 से नीचे का स्कोर संबंधित सेक्टर में गतिविधयों की गिरावट दर्शाता है.

कोरोना की मार से उबर नहीं पा रहा सर्विस सेक्टर

कोरोना की पहली लहर के बाद अर्थव्यवस्था के सर्विस सेक्टर (Service Sector) में भारी गिरावट दर्ज की गई थी और यह लगभग ठप हो गया था. इसके बाद इसमें थोड़ी रफ्तार दिखी थी लेकिन दूसरी लहर को रोकने के लिए अलग-अलग राज्यों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से होटल, रेस्तरां, एविएशन और टूरिज्म सेक्टर में शुरू हुई गतिविधियां थम गईं. इससे सर्विस सेक्टर को भारी झटका लगा है. इससे जीडीपी में भारी गिरावट की आशंका पैदा हो गई है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था में सर्विस सेक्टर की हिस्सेदारी लगभग 54 फीसदी पर पहुंच गई है.

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सर्विस सेक्टर में नौकरियों में भारी कटौती

जून में सर्विस सेक्टर की डिमांड में भारी गिरावट आई थी. IHS Markit में इकोनॉमिक्स एसोसिएट डायरेक्टर पोलियाना डी लीमा ने कहा कोविड-19 का सर्विस सेक्टर के प्रदर्शन पर गहरा असर पड़ा है. जुलाई महीने का डेटा भी निराशाजनक रहा है. पिछले एक महीने के दौरान नए कारोबार और आउटपुट में गिरावट दिख रही है. हालांकि गिरावट की रफ्तार थोड़ी कम हुई है. डिमांड कम रहने और आगे इसमें कमजोरी की आशंका की वजह से सर्विसेज सेक्टर की कंपनियों ने नौकरियों में कटौती की है. इससे ये साफ हो गया है कि रोजगार के लिहाज से कोरोना पूर्व की स्थिति आने में भी काफी देरी है. इसके साथ ही सर्विस सेक्टर की सामने और दिक्कतें भी हैं. पिछले महीने लागतों में भी तेज इजाफा हुआ है. पिछले आठ महीनों में इसमें सबसे तेज रफ्तार दिखी है. महंगाई बढ़ने का ही असर है कि आरबीआई ब्याज दरों की ओर से किसी परिवर्तन की संभावना नहीं लग रही है.

Pmi