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इंडसइंड बैंक ने कहा है कि गलत तरह से लोन बांटने के आरोपों में कोई दम नहीं है
IndusInd Bank ने शनिवार को माना कि मई महीने में उसने ग्राहकों से मंजूरी लिए उन्हें लोन बांट दिए थे. ऐसे लोन 84 हजार ग्राहकों को दिए गए.इससे एक दिन पहले खबर आई थी कि कुछ अज्ञात व्हिस्लब्लोअर्स ने बैंक मैनेजमेंट और आरबीआई को चिट्ठी लिख कर शिकायत की है कि बैंक की माइक्रोफाइनेंस फोकस्ड सब्सिडियरी BFIL ने लोन की Evergreening की है. Loan Evergreening के तहत मौजूदा ग्राहक को लोन न चुकाने के बावजूद लोन दे दिया जाता है.
बैंक ने कहा- व्हिस्लब्लोओर गलत, लोन की एवरग्रीनिंग नहीं हुई
बैंक ने व्हिस्लब्लोअर की शिकायतों को गलत बताया है और कहा है कि लोन एवरग्रीनिंग नहीं हुई है. ये सारे लोन BFIL ने दिए है और वही इसे मैनेज भी कर रही थी. इनमें कोविड के पहले और दूसरे दौर के दौरान ग्राहकों को दिए लोन शामिल हैं और इनमें सभी नियमों का पालन किया गया है. हालांकि बैंक ने माना है कि मई, 2021 में ग्राहकों से पूछे गए बगैर ही 84 हजार लोन बांट दिए गए थे. लेकिन ऐसा तकनीकी खामी की वजह से हुआ था.
बैंक ने कहा, SOP दुरुस्त किया गया, कैश लोन नहीं दिया जा रहा है
बैंक ने बताया कि कोरोनावायरस संक्रमण, कंटेनमेंट जोन और गांव-पंचायत लेवल पर पाबंदियों के कारण कुछ लोन कैश के तौर पर बांटे गए. इसके बाद बैंक के SOP की समीक्षा की गई है और लोन का सौ फीसदी ग्राहकों के खाते में ट्रांसफर किया गया है.कैश लोन बिल्कुल नहीं दिया गया है. सितंबर 2021 के अंत तक इन 84,000 ग्राहकों में से 26,073 एक्टिव थे और इनपर 34 करोड़ रुपये का बकाया है. यह सितंबर तिमाही के लोन पोर्टफोलियो का 0.12 फीसदी है.