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IndusInd Bank : इंडसइंड बैंक का शेयर 12 मार्च 2025 के लो (605 रुपये) से करीब 41 फीसदी मजबूत हो चुका है. (Reuters)
IndusInd Bank Stock Price : संकट में चल रहे निजी लेंडर इंडसइंड बैंक के शेयरों में आज अच्छी तेजी देखने को मिल रही है. शेयर करीब 3 फीसदी बढ़कर 852 रुपये के भाव पर पहुंच गया, जो सोमवार को 830 रुपये पर बंद हुआ था. वहीं शेयर 12 मार्च 2025 के लो (605 रुपये) से करीब 41 फीसदी मजबूत हो चुका है. लेटेस्ट डेवलपमेंट यह है कि बैंक के डिप्टी चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर अरुण खुराना ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया है, जिसका मुख्य कारण बैंक के डेरिवेटिव्स बिजनेस में हाल की ऑडिटिंग गड़बड़ियां हैं.
जनवरी में चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (सीएफओ) गोविंद जैन के इस्तीफे के बाद यह 2025 में दूसरा हाई-प्रोफाइल एग्जिट है. खुराना, जिन्होंने इंटरिम सीएफओ की जिम्मेदारी भी संभाली थी, नवंबर 2021 में बैंक में शामिल हुए.
अरुण खुराना ने क्या कहा
अरुण खुराना ने इस्तीफा देते हुए लेटर में लिखा कि हाल के दुर्भाग्यपूर्ण घटनाक्रमों को देखते हुए, जहां बैंक ने इंटरनल डेरिवेटिव ट्रेड्स के गलत लेखांकन के कारण P&L पर प्रतिकूल प्रभाव पाया है, मैं, जो ट्रेजरी फ्रंट ऑफिस वर्क का निरीक्षण करता हूं और पूरे समय के निदेशक, डिप्टी सीईओ और सीनियर मैनेजमेंट का हिस्सा हूं, तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहा हूं. उन्होंने लिखा कि वह अपने उत्तरदायित्वों के ट्रांसफर में मदद करेंगे.
यह इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब इंडसइंड बैंक के निदेशक मंडल ने कहा है कि वे अकाउंटिंग संबंधी गड़बड़ियों के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय करने औरसीनियर मैनेजमेंट की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को फिर से व्यवस्थित करने के लिए 'आवश्यक कदम' उठा रहे हैं. यह कदम एक इंडीपेंडेंट फर्म द्वारा 26 अप्रैल, 2025 को बैंक को सौंपी गई रिपोर्ट के बाद उठाया गया है.
इंडीपेंडेंट प्रोफेशनल फर्म ने की जांच
निजी क्षेत्र के लेंडर इंडसइंड बैंक ने स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी दी है कि इंडीपेंडेंट प्रोफेशनल फर्म ग्रांट थॉर्नटन, जिसे बैंक के बोर्ड द्वारा अन्य बातों के अलावा डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगति के पीछे मूल कारण का पता लगाने के लिए नियुक्त किया गया था. उसने बैंक द्वारा आंतरिक डेरिवेटिव ट्रेडों के गलत लेखांकन की पहचान की है, जिसके परिणामस्वरूप बैंक को 1,959.98 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
इंडसइंड बैंक ने कहा, बैंक वित्त वर्ष 2024-25 के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में अकाउंटिंग संबंधी विसंगतियों के परिणामी प्रभाव को उचित रूप से दर्शाएगा और उसी अनुसार इंटरनल कंट्रोल को मजबूत करने के उपाय करेगा. बैंक ने 1 अप्रैल, 2024 से इंटरनल डेरिवेटिव ट्रेड्स को पहले ही बंद कर दिया है.
खातों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया के एक भाग के रूप में, बैंक का आंतरिक लेखा परीक्षा विभाग (IAD), बैंक के माइक्रोफाइनेंस संस्थान (MFI) बिजनेस की समीक्षा कर रहा है, ताकि बैंक के ध्यान में लाई गई कुछ चिंताओं की जांच की जा सके. इससे पहले, इंडसइंड बैंक ने कहा था कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में लेखांकन की गड़बड़ियों का बैंक के नेट एसेट्स पर 1,979 करोड़ रुपये का निगेटिव प्रभाव पड़ेगा.