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अप्रैल में कुछ कम हुई खुदरा महंगाई दर, मार्च में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ा; सरकार ने जारी किए आंकड़े

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित रिटेल इंफ्लेशन को अहमियत देता है. 

भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित रिटेल इंफ्लेशन को अहमियत देता है. 

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PTI
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Industrial production grows in March and Retail inflation eases in April

In the case of rural labourers, it recorded a rise in the range of 1-18 points in 17 states and a decrease of 1-4 points in three states. Tamil Nadu, with 1,233 points, topped the index table; whereas Bihar, with 851 points, stood at the bottom.

अप्रैल में खुदरा महंगाई दर यानी कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI)  में कुछ गिरावट दर्ज की गई है. आज 12 मई को केंद्र सरकार ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए. मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में फूड प्राइसेज में कमी के चलते खुदरा महंगाई दर (CPI) 4.29 फीसदी रही जबकि मार्च में यह 5.52 फीसदी थी. महंगाई दर से जुड़े आंकड़े कितने महत्वपूर्ण हैं, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) मौद्रिक नीतियों के निर्धारण में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) पर आधारित रिटेल इंफ्लेशन को अहमियत देता है.

पिछले वित्त वर्ष के अंतिम महीने मार्च 2021 में इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में 22.4 फीसदी की ग्रोथ दिखी. नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (NSO) द्वारा जारी इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर आउटपुट 25.8 फीसदी की दर से बढ़ा. पिछले साल मार्च 2020 में कोरोना महामारी के चलते लगाए गए लॉकडाउन का असर इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन पर दिखा था और आईआईपी में 18.7 फीसदी की गिरावट आई थी.

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पावर जेनेरेशन में 22.5 फीसदी का उछाल

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2021 में माइनिंग आउटपुट में 6.1 फीसदी और पावर जेनेरेशन में 22.5 फीसदी की उछाल रही. वित्त वर्ष 2020-21 में आईआईपी में 8.6 फीसदी की गिरावट रही जबकि 2019-20 में 0.8 फीसदी की गिरावट रही थी. पिछले वित्त वर्ष में कोरोना महामारी के चलते इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन में गिरावट रही थी. पिछले साल फरवरी में आईआईपी में 5.2 फीसदी की बढ़ोतरी रही थी.

तीन माह के निचले स्तर पर अप्रैल 2021 में सीपीआई इंफ्लेशन

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल में फूड बॉस्केट इंफ्लेशन 2.02 फीसदी था जो कि उसके पिछले महीने मार्च 2021 में 4.87 फीसदी था. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर के मुताबिक अप्रैल 2020 में खुदरा महंगाई दर काफी ऊंचे स्तर पर थी, क्योंकि तब देश भर में लागू लॉकडाउन के कारण सप्लाई में काफी रुकावटें आई थीं. उससे तुलना करें तो अप्रैल 2021 में सीपीआई इंफ्लेशन तीन महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया. हालांकि अनुमानों के मुकाबले यह फिर भी अधिक ही रहा. बहरहाल, नायर के मुताबिक अप्रैल 2021 की कीमतों पर स्थानीय स्तर पर लागू पाबंदियों का ज्यादा असर नहीं दिख रहा है.