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इंफोसिस ने शेयर बायबैक के तहत अपने शेयर को 25 फीसदी प्रीमियम पर खरीदने का फैसला किया है, कंपनी अपने एक शेयर के लिए 1750 रुपये चुकाने को तैयार है
Infosys Buyback Plan: देश की प्रमुख सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी इंफोसिस ने अपने शेयर धारकों को पंद्रह रुपये प्रति शेयर की दर से फाइनल डिविडेंड यानी लाभांश देने का एलान किया है. इस एलान पर अमल शेयरधारकों की मंजूरी के बाद ही किया जाएगा. डिविडेंड के लिए रिकॉर्ड डेट 1 जून 2021 रखी गई है, जबकि लाभांश का भुगतान 25 जून 2021 को किया जाएगा.
25 फीसदी प्रीमियम पर शेयर बायबैक का एलान
इसके साथ ही कंपनी ने आज शेयर बायबैक की बड़ी योजना का एलान भी किया है. कंपनी ने अपने शेयर को 25 फीसदी के प्रीमियम पर वापस खरीदने का फैसला किया है. 1398 रुपये के मौजूदा बाजार भाव के मुकाबले कंपनी अपने एक शेयर के लिए 1750 रुपये तक कीमत चुकाने को तैयार है.
मार्च में खत्म तिमाही में शुद्ध मुनाफा 5076 करोड़ रुपये
इंफोसिस के बायबैक की खबर कंपनी के वित्तीय परिणामों के साथ ही आई है. जनवरी से मार्च की तिमाही के दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 17 फीसदी बढ़कर 5076 करोड़ रुपये हो गया है. पिछले साल के इन्हीं महीनों के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ 4,321 करोड़ रुपये रहा था. इस तिमाही के दौरान कंपनी की कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू 26,311 करोड़ रुपये रही है. पिछले साल की इसी अवधि के दौरान कंपनी की रेवेन्यू 23,267 करोड़ रुपये रही थी.
1 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू का माइलस्टोन पार किया
कंपनी ने अपने आज घोषित नतीजों में कहा है कि उसने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान एक लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू का पड़ाव पार कर लिया है. कॉन्सटैंट करेंसी (CC) के आधार पर कंपनी की कन्सॉलिडेटेड रेवेन्यू ग्रोथ 2 फीसदी रही है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 1,00,472 करोड़ रुपये की रेवेन्यू पर 19,351 करोड़ रुपये का कन्सॉलिडेट मुनाफा दर्ज किया है. पिछले साल के मुकाबले कंपनी के रेवेन्यू में 16.6 फीसदी और कन्सॉलिडेट प्रॉफिट में 10.7 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई. कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट भी इस दौरान 27.1 फीसदी बढ़कर 24,622 करोड़ रुपये पर जा पहुंचा. जबकि मार्जिन पिछले साल के मुकाबले 320 बेसिस प्वाइंट बढ़कर 24.5 फीसदी हो गए.
चौथी तिमाही में ऑपरेटिंग प्रॉफिट घटा, खर्च बढ़ा
हालांकि मार्च 2021 में खत्म तिमाही के दौरान कंपनी का प्रदर्शन उतना बढ़िया नहीं रहा. इस दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 2.3 फीसदी गिरकर 6440 करोड़ रह गया, जबकि मार्जिन (QoQ) 90 बेसिस प्वाइंट घटकर 24.5 फीसदी रह गए. इस दौरान यानी चौथी तिमाही में इंफोसिस के परिचालन खर्च (operating expenses) 5.7 फीसदी बढ़कर 2707 करोड़ हो गए.
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12 से 14 फीसदी का रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस
वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इंफोसिस ने कॉन्सटैंट करेंसी (CC) के आधार पर 12 से 14 फीसदी का रेवेन्यू ग्रोथ गाइडेंस सामने रखा है. कंपनी ने आगामी कारोबारी साल के लिए अपना EBIT मार्जिन ग्रोथ फोरकास्ट 22 से 24 फीसदी तक घोषित किया है. इंफोसिस का कहना है कि उसने समीक्षा अवधि के दौरान 130 नए क्लाइंट जोड़े हैं, जिन्हें मिलाकर उसके अब कुल 1626 क्लाइंट हो चुके हैं.
बायबैक प्लान के लिए 9200 करोड़ रुपये मंजूर किए
इंफोसिस के बोर्ड ने अपने प्रस्तावित बायबैक प्लान के लिए 9200 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं. पिछले पांच साल में यह तीसरा मौका है, जब कंपनी ने अपने शेयरों के बायबैक का एलान किया है. मार्च 2021 की स्थिति के अनुसार इंफोसिस में कंपनी के प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप की कुल इक्विटी 12.95 फीसदी थी, जबकि बाकी शेयर आम निवेशकों, वित्तीय संस्थानों, म्युचुअल फंड्स और फॉरेन पोर्टफोलिया इनवेस्टर्स के पास थे.
पिछले वित्त वर्ष के दौरान 11 फीसदी बढ़ी शेयर की कीमत
शेयर बाजार में प्रदर्शन की बात करें तो 2020-2021 के दौरान कंपनी के शेयर की कीमत करीब 11 फीसदी बढ़ी, जबकि इसी दौरान निफ्टी आईटी इंडेक्स में 6.6 फीसदी की बढ़त देखी गई. हालांकि सालाना नतीजों के एलान से एक दिन पहले यानी 13 अप्रैल को कंपनी के शेयर में 2 फीसदी की गिरावट भी देखने को मिली.