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IT Sector: आईटी शेयरों में एक बार में न फंसाएं पैसा, धीरे धीरे निवेश से होगा फायदा, कम से कम 3 साल का बनाएं लक्ष्‍य

IT Shares: पिछले कुछ महीनों में टेक शेयरों में गिरावट आई है. जिसके बाद इन शेयरों का वैल्‍युएशन आकर्षक हुआ है.

IT Shares: पिछले कुछ महीनों में टेक शेयरों में गिरावट आई है. जिसके बाद इन शेयरों का वैल्‍युएशन आकर्षक हुआ है.

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Sushil Tripathi
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IT Sector: आईटी शेयरों में एक बार में न फंसाएं पैसा, धीरे धीरे निवेश से होगा फायदा, कम से कम 3 साल का बनाएं लक्ष्‍य

IT Sector: आईटी सेक्‍टर पिछले कुछ महीनों में वैश्विक और घरेलू स्तरों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है.

IT Sector Investment: आईटी सेक्‍टर से जुड़े शेयरों में पिछले साल अच्‍छी खासी बिकवाली आई थी. इस साल भी अबतक निफ्टी आईटी इंडेक्‍स लाल निशान में हैं. हालांकि यह सेक्‍टर लॉन्‍ग टर्म ग्रोथ ओरिएंटेड सेक्‍टर है और हिस्‍ट्री देखें तो यह पता चलता है कि सेक्‍टर की दिग्‍गज कंपनियों ने बीते कई साल में चुनौतियों का मजबूती से सामना किया है. ब्रोकरेज हाउस एमके ग्‍लोबल का कहना है कि भारतीय आईटी कंपनियां चुनौतियों से निपटने, जियोग्राफिकल प्रेजेंस बदलने, करंसी गेन, आकर्षक वैल्‍युएशन, वेस्‍ट में इकोनॉमिक रिकवरी और अपेक्षाकृत अपरिवर्तित टेक एक्‍सपेंस के अपने अनुभव के आधार पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी. उम्मीद है कि आईटी कंपनियों के लिए डिजिटल रेवेन्‍यू 25% से 30% की लिमिट में बढ़ेगा.

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घरेलू टेक स्‍पेस के फंडामेंटली मजबूत होने की वजह

(i) तकनीकी कंपनियों ने पिछले 2 दशक के दौरान कम से कम 3 बार मंदी की स्थिति और सुस्त आर्थिक परिस्थितियों का सामना किया है. बिजनेस मॉडल वर्तमान में स्थिर हैं.

(ii) बिजनेस का जियोग्राफिक डाइवर्सिफिकेशन पहले अमेरिका की ओर अधिक झुका हुआ था, लेकिन अब बदलाव आया है. यूरोप, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया में बिजनेस का विस्तार हो रहा है.

(iii) रुपये में डॉलर के मुकाबले कमजोरी आई है, जिससे सेक्‍टर का सपोर्ट मिल रहा है.

(iv) आकर्षक मूल्यांकन: पिछले कुछ महीनों में टेक शेयरों में 25-30% की गिरावट आई है. जिसके बाद इन शेयरों का वैल्‍युएशन आकर्षक हुआ है. मिड-कैप शेयरों का वैल्‍युएशन बहतु ज्‍यादा हो गया था, जो अब वाजिब दिख रहा है. पिछले 3 महीनों में नैस्डैक में लगातार गिरावट आ रही है और यह ट्रेंड कुछ और समय तक जारी रह सकता है.

(v) महंगाई और इसके चलते रेट हाइक और मार्केट यील्‍ड में बढ़ोतरी से मैक्रो कंडीशंस पर असर है. लेकिन एक्‍सपर्ट का मानना है कि अमेरिका या यूरोप में मंदी कमजोर और कम समय के लिए हो सकती है. यह आर्थिक गतिविधियों को बहुत प्रभावित नहीं कर सकती है.

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सेक्‍टर का वैल्‍युएशन हुआ आकर्षक

आईटी सेक्‍टर पिछले कुछ महीनों में वैश्विक और घरेलू स्तरों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है. वैश्विक स्तर पर महंगाई और रेट हाइक से मंदी की आशंका है. स्‍लोडाउन के लो डिजिटल खर्च में बदलने की संभावना घरेलू आईटी कंपनियों के प्राइस परफॉर्मेंस पर असर हुआ. हाई एट्रिशन रेट और क्रॉस-करेंसी मूवमेंट ने मार्जिन दबाव बनाया. रेवेन्‍यू के साथ-साथ मार्जिन के लिए जोखिम की दोहरी मार ने आईटी सेक्‍टर में मूल्यांकन को आसान बना दिया है.

एक साथ नहीं, धीरे धीरे करें निवेश

निकट-अवधि की प्रतिकूल परिस्थितियां निवेशकों को एक स्‍ट्रक्‍चरल रूप से लचीले और लॉन्‍ग टर्म ग्रोथ ओरिएंटेड सेक्‍टर में निवेश का मौका भी दे रही हैं. आईटी स्‍पेंडिंग निकट अवधि में मॉडरेट हो सकता है लेकिन मौजूदा आईटी इंफ्रा के रखरखाव और बिजनेस के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और बिजनेस के साइज से भारतीय आईटी सर्विसेज की मांग मजबूत रहेगी. निकट-अवधि की चुनौतियों को देखते हुए, निवेशकों को सलाह है कि वे कम से कम 3 साल के लक्ष्‍य के साथ इस सेक्‍टर में म्‍यूचुअल फंड के जरिए धीरे-धीरे निवेश करें.

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(Source: emkay global)

अर्थव्यवस्था और विकास में योगदान

भारतीय टेक सेक्‍टर ओवरआल अर्थव्यवस्था, रोजगार, इनोवेशन और रेजिलेंस में अपने योगदान के देने के मामले में लीडिंग सेक्‍टर में शामिल है. भारत की जीडीपी में सेक्‍टर की सापेक्ष हिस्सेदारी 7.40 फीसदी है और सर्विस एक्‍सपोर्ट में हिस्सेदारी 51 फीसदी है. यह सेक्‍टर 50 लाख से अधिक लोगों को रोजगार देता है, और यह ट्रेंड धीरे-धीरे और तेज हो रहा है.

ब्रोकरेज का कहना है कि सेक्‍टर का डिजिटल रेवेन्‍यू 25-30 फीसदी बढ़ने की संभावना है. इंडस्‍ट्री के सभी प्रमुख सेग्‍मेंट डबल डिजिट की दर से बढ़ रहे हैं, आईटी सर्विसेज लगभग 17 फीसदी की दर से बढ़ रही हैं. इंफ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, क्लाउड-बेस्ड टेस्टिंग सर्विसेज, क्लाउड माइग्रेशन, कंसल्टिंग सभी में ग्रोथ मोमेंटम बना हुआ है.

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