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साल 2017 में निवेशकों को शानदार रिटर्न देने वाले मिडकैप और स्मालकैप पिछले 2 साल से अंडरपरफॉर्मर रहे हैं. हालांकि इस साल की बात करें तो एक बार फिर मिडकैप और स्मालकैप सेग्मेंट में तेजी आती दिख रही है. एक्सपर्ट का मानना है कि 2019 में जहां लॉर्जकैप शेयरों ने दमदार प्रदर्शन किया, वहीं इस साल मिड कैप और स्मालकैप में रैली आने वाली है. उनका कहना है कि अर्थव्यवस्था के साथ साथ मांग बढ़ने से ब्रॉडर मार्केट में तेजी आएगी. यह तेजी बजट के बाद शुरू हो सकती है. ऐसे में मिडकैप और स्मालकैप को लो बेस का फायदा मिलेगा. निवेशकों को एक्सपर्ट की सलाह से इन दोनों सेग्मेंट से मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों का चुनाव करना चाहिए.
इस साल डबल डिजिट में रिटर्न देने वाले मिडकैप स्टॉक
इस साल की बात करें तो बीएसई मिडकैप इंडेक्स 2.15 फीसदी और स्मालकैप इंडेक्स 4 फीसदी से ज्यादा मजबूत हो चुका है. जबकि सेंसेक्स में 1.47 फीसदी और निफ्टी 50 में 1.32 फीसदी ही तेजी आई है. साफ है कि नए साल मार्केट की रैली में ब्रॉडर मार्केट का भी योगदान खासा रहा है. वहीं, जिन मिडकैप शेयरों ने इस साल अबतक डबल डिजिट में रिटर्न दिया है, उनमें अलकेम लैब में 17 फीसदी, सेल में 17 फीसदी, जीएमआर इंफ्रा में 13 फीसदी, वेरोक इंजीनियरिंग में 12 फीसदी, पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस में 11 फीसदी, टाटा ग्लोबल बेवरेजेज में 10 फीसदी और रैमको सीमेंट में 10 फीसदी रिटर्न मिला है.
बिल बुल के नाम से मशहूर शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला ने ET Now को दिए गए इंटरव्यू में कहा कि साल 2020 मिडकैप और स्मालकैप के नाम होगा. उनका कहना है कि बजट से बाजार को काफी उम्मीदें हैं. बजट के बाद ब्रॉडर माके्रट में तेजी आ सकती है. आने वाले दिनों में इकोनॉमी के साथ ही कंजम्शन में भी रिकवरी देखने को मिलेगी, जिसका फायदा बाजार को मिलेगा.
मिडकैप के लौटेंगे दिन
फॉर्च्यून फिस्कल के डायरेक्टर जगदीश ठक्कर का कहना है कि पिछले 2 साल से देखें तो ज्यादातर मिडकैप में निगेटिव रिटर्न मिला है. हालांकि इस दौरान अर्थव्यवस्था में नरमी के चलते मांग सुस्त रहने का असर भी इन पर दिखा. निगेटिव रिटर्न देने वाली सभी कंपनियों के साथ कोई इश्यू नहीं है. इनमें कई कंपनियां अच्छा मुनाफा कमाने की सिथति में हैं. उनका कारोबार बेहतर है. ऐसे में अगर अर्थव्यवस्था में रिकवरी आती है तो लो बेस का सबसे ज्यादा फायदा इन्हें ही मिलेगा. सरकार ने पिछले दिनों कुछ रिफॉर्म किए, वहीं आने वाजे बजट से भी बाजार को काफी उम्मीदें हैं. बजट में अर्थव्यवस्था को तेजी देने के लिए कुछ एपायों का एलान हो सकता है. कॉरपोरेट टैक्स कटौती का फायदा भी कंपनियों को मिलेगा और उनके मुनाफे पर धीरे धीरे दबाव कम होगा.
उनका कहना है कि लो बेस का मतलब यह नहीं है कि किसी भी शेयर पर दांव खेल दिया जाए. अभी कंजम्पशन सुधरने में कुछ समय लगेगा. इसलिए निवेशकों को एक्सपर्अ से सलाह करने के बाद फंडामेंटली मजबूत शेयरों में लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए. इस सेग्मेंट में कई मजबूत शेयरों का वैल्युएशन सस्ता है.
L&T इंफोटेक
ट्रेडिंग बेल्स के सीनियर एनालिस्ट संतोष मीना L&T इंफोटेक में निवेश की सलाह दी है. शेयर के लिए 2100 रुपये का लक्ष्य रखा है. शेयर का करंट प्राइस 1822 रुपये है. यानी प्रति शेयर 278 रुपये का फायदा हो सकता है.
वोल्टास
ब्रोकरेज हाउस इडेलवाइस ने वोल्टास के लिए 808 रुपये का लक्ष्य रखा है. वहीं, ब्रोकरेज हाउस HSBC ने शेयर के लिए 735 रुपये का लक्ष्य रखा है. करंट प्राइस 694 रुपये के लिहाज से प्रति शेयर 114 रुपये तक फायदा हो सकता है.
एक्साइड इंडस्ट्रीज
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने आटो एंसिलियरी कंपनी एक्साइड इंडस्ट्रीज में निवेश की सलाह देते हुए शेयर का लक्ष्य 224 रुपये रखा है. शेयर का करंट प्राइस 184 रुपये है. इस लिहाज से प्रति शेयर 40 रुपये का फायदा मिल सकता है.
(नोट: हमने यहां जानकारी ब्रोकरेज हाउस और एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी है. बाजार में अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.)