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Investment Tips: निवेश को लेकर हैं कनफ्यूज, कहां और कैसे लगाएं पैसे? ताकि मिले बेहतर रिटर्न

Best investment options: निवेशकों को बाजार की गिरावट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. गिरावट के दौर में आपको आकर्षक वैल्यूएशन पर शेयर मिलते हैं.

Best investment options: निवेशकों को बाजार की गिरावट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. गिरावट के दौर में आपको आकर्षक वैल्यूएशन पर शेयर मिलते हैं.

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Sushil Tripathi
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Investment Tips: निवेश को लेकर हैं कनफ्यूज, कहां और कैसे लगाएं पैसे? ताकि मिले बेहतर रिटर्न

Where to Invest: साल 2022 में अबतक भले ही बाजार पॉजिटिव हैं, लेकिन अनिश्चितताएं बनी हुई हैं.

Make Your Portfolio Strong: शेयर बाजार में कभी तेजी आ रही है तो कभी गिरावट. साल 2022 में अबतक भले ही बाजार पॉजिटिव हैं, लेकिन अनिश्चितताएं बनी हुई हैं. इसके पीछे कई तरह के ग्लोबल फैक्‍टर ज्यादा जिम्मेदार हैं. जैसे महंगाई, रट हाइक, मंदी की आशंका और जियो पॉलिटिकल टेंशन. फिलहाल इस बीच निवेशक अपने निवेश को लेकर या तो कनफ्यूज हो रहे हैं या डरे हुए हैं. आखिर मौजूदा हालात में उन्हें कहां निवेश करना चाहिए. इस बारे में हमने बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के CEO, सुरेश सोनी से बात की है.

भारतीय बाजारों का आउटलुक बेहतर

बड़ौदा बीएनपी परिबा म्यूचुअल फंड के CEO, सुरेश सोनी का कहना है कि अभी दुनिया भर के बाजारों अस्थिरता है. बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में पिछले 4 दशक में महंगाई का उच्चतम लेवल है. सेंट्रल बैंक ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इससे मंदी की आशंका बढ़ रही है और कैपिटल मार्केट में अस्थिरता भी.

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हालांकि इस दौरान भारतीय बाजारों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. भारत में महंगाई है, लेकिन मैनेजबल है. देश की अर्थव्यवस्था पर ग्लोबल मंदी का कम प्रभाव पड़ने की उम्‍मीद है. अच्‍छी बात है कि इक्विटी बाजार में घरेलू निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है.

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स्मॉल कैप स्पेस में क्‍या करना चाहिए?

स्मॉल कैप फंड अधिक वोलेटाइल होते हैं और कभी-कभी इनमें तेज गिरावट दिखती है. हालांकि, समय के साथ उनके पास लार्ज कैप की तुलना में अधिक रिटर्न देने की क्षमता होती है. इन कंपनियों की ग्रोथ रेट अधिक हो सकती है और उनमें से कुछ को रीसेट किया जा सकता है. स्मॉल कैप फंडों में निवेश लंबी अवधि के लिए होना चाहिए, मसलन 5 साल से अधिक.

निवेशक याद रखें ये मंत्र

निवेशकों को बाजार की गिरावट का इस्‍तेमाल करना चाहिए. गिरावट के दौर में आपको आकर्षक वैल्यूएशन पर शेयर मिलते हैं. बाजार हमेशा के लिए नीचे नहीं आते हैं. इसलिए लंबी अवधि के निवेशक के लिए, करेक्‍शन का दौर इक्विटी में पैसे लगाने और लंबी अवधि के पैसा बनाने के अवसर की तरह होता है. निवेशक अपना एसेट एलोकेशन तय करें और निवेश में बने रहें. रोज रोज कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव पर ध्यान न दें.

मौजूदा और नए निवेशक क्‍या करें?

इक्विटी बाजार लंबी अवधि के लिए आपकी दौलत में इजाफा करते हैं. इक्विटी निवेश के जरिए बड़े रिटर्न के लिए आपको लंबी अवधि तक अपने निवेश को बनाए रखना होगा.

इसलिए एसेट एलोकेशन सही करें. रिस्‍क लेने की क्षमता और निवेश के लक्ष्य को देखकर निवेश करें. इक्विटी निवेश को कम से कम 3-5 साल के लक्ष्‍य के साथ शुरू करें. छोटी अवधि के लिए, आप बैंक डिपॉजिट और डेट फंड पर विचार कर सकते हैं.

सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIPs) और सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान (STPs) का इस्तेमाल करें.

किन सेक्टर्स को लेकर पॉजिटिव

भारत की अर्थव्यवस्था अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में मजबूत बनी रहेगी, मुख्य रूप से घरेलू खपत और खर्च के चलते. इसलिए डोमेस्टिक ओरिएंटेड सेक्‍टर्स जैसे फाइनेंशियल, कंज्‍यूमर, इंडस्ट्रियल और हेल्‍थकेयर पर ओवरवेट हैं. कमोडिटी की कीमतों में नरमी से भारत को फायदा हो सकता है. कैपेक्स साइकिल के रिवाइवल के शुरुआती संकेत भी दिख रहे हैं.

पैसिव फंड्स (इंडेक्स फंड्स) पर क्‍या है सलाह

पैसिव फंड्स इंडस्‍ट्री में निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है. यह इंडस्‍ट्री एक्टिव फंडों की तुलना में तेजी से बढ़ रहा है, हालांकि अभी इसका बेस कम है. पैसिव फंड में ग्रोथ काफी हद तक EPFO / अन्य PF ट्रस्टों के साथ-साथ एचएनआई और अन्य संस्थागत निवेशकों द्वारा ड्राइव की गई है. अभी पैसिव फंड कुल इंडस्‍ट्री एसेट का 15 फीसदी हिस्सा है और आगे मार्केट शेयर में और बढ़ोतरी की उम्मीद है. पैसिव फंडों की डिमांड मजबूत रहेगी.

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में किस तरह के बदलाव

भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है. साल दर साल ग्रोथ देखने को मिली है. रिटेल निवेशक अब इंस्टीट्यूशनल इन्‍वेस्‍टर्स की तुलना में AuM के बड़े हिस्से का योगदान करते हैं. पिछले 12 महीनों में म्यूचुअल फंड अन्य डीआईआई के साथ बाजारों में नेट इन्‍वेस्‍टर रहे हैं, जबकि FPIs ने भारी मात्रा में पैसा निकाला है. मंथली बेसिस पर SIP AuM और अकाउंट में बढ़ोतरी इंडस्‍ट्री के लिए एक बड़ा और सपोर्ट देने वाला फैक्‍टर रहा है.

म्यूचुअल फंड में नए निवेशक क्‍या करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश आपके फाइनेंशियल गोल, इन्‍वेस्‍टमेंट हॉरिजॉन के साथ रिस्‍क लेने की क्षमता पर बेस होना चाहिए. जोखिम ले सकते हैं और लंबी अवधि का लक्ष्य है तो एसेट के अधिक रेश्‍यो को इक्विटी जैसे एसेट क्लास में रखना चाहिए.

म्यूचुअल फंड में नए निवेशकों को एसआईपी या हाइब्रिड फंड जैसे बैलेंस्ड एडवांटेज फंड या लार्ज कैप डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करने पर विचार करना चाहिए. निवेश के पहले अपने स्तर पर एडवाइजर से सलाह लें ताकि उनका पोर्टफोलियो बेहतर बन सके.

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