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Stock Market: मार्च के 5 दिनों में ही निवेशकों को 10 लाख करोड़ का घाटा, गिरते बाजार में क्या करें, कहां लगाएं पैसे

मौजूदा संकट बहुत ज्यादा लंबा नहीं चलना चाहिए, जैसा कि कोविड 19 महामारी के दौरान देखने को मिला था. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के लॉन्ग टर्म में डैमेज होने की उम्मीद कम है.

मौजूदा संकट बहुत ज्यादा लंबा नहीं चलना चाहिए, जैसा कि कोविड 19 महामारी के दौरान देखने को मिला था. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था के लॉन्ग टर्म में डैमेज होने की उम्मीद कम है.

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Sushil Tripathi
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Stock Market: मार्च के 5 दिनों में ही निवेशकों को 10 लाख करोड़ का घाटा, गिरते बाजार में क्या करें, कहां लगाएं पैसे

मार्च के 5 कारोबारी दिनों में बीएसई लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 10.5 लाख करोड़ की गिरावट आई है. (pixabay)

Stock Market Strategy: शेयर बाजार में इस साल के शुरू से ही दबाव देखने को मिला है. लेकिन फरवरी महीने में यह दबाव और बढ़ गया, जब रूस ने यूक्रेन की घेराबंदी शुरू कर दी. फरवरी से अबतक बाजार में बड़ी गिरावट रही है और बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 16 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा घट गया. वहीं मार्च के सिर्फ 5 ट्रेडिंग सेशन में मार्केट कैप में करीब 10.5 लाख करोड़ की गिरावट आई है. एक्सपर्ट का कहना है कि बाजार में यह गिरावट और बढ़ सकती है. आगे निफ्टी के लिए 15500 का लेवल बेहद अहम है. इसके नीचे आने पर गिरावट बड़ी हो सकती है. फिलहरल इस करेक्शन में डोमेस्टिक इकोनॉमी फेसिंग सेक्टर के मजबूत शेयरों पर नजर रखनी चाहिए.

बाजार अपने हाई से 15 फीसदी नीचे

TrustPlutus Wealth के मैनेजिंग पार्टनर विनीत बागरी का कहना है कि अन्य प्रमुख इंडेक्स के साथ भारतीय शेयर बाजारों में गिरावट जारी है. भारतीय बाजार अब अपने हाई से 15 फीसदी नीचे हैं. भारत अपनी तेल की जरूरतों का करीब दो-तिहाई से अधिक इंपोर्ट करता है. ऐसे में क्रूड की बढ़ी कीमतें देश के ट्रेड और करंट अकाउंट डेफिसिट को बढ़ाएंगी. बता दें कि सोमवार को क्रूड ने 138 डॉलर प्रति बैरल का लेवल टच किया था. यह 14 साल का हाई है. इसके चलते रुपये में भी गिरावट बढ़ेगी, महंगाई में बढ़ोतरी होगी. हालांकि एक फैक्टर यह है कि मौजूदा संकट बहुत ज्यादा लंबा नहीं चलना चाहिए, जैसा कि कोविड 19 महामारी के दौरान देखने को मिला था. ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था को लॉन्ग टर्म सस्टेंड डैमेज होने की उम्मीद कम है.

लंबी अवधि में खरीदारी का मौका

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Tradingo के फाउंडर पार्थ न्याती का कहना है कि बाजार में जियोपॉलिटिकल टेंशन के चलते कई फैक्टर निगेटिव हो रहे हैं. FIIs द्वारा बिकवाली, एनर्जी की हाई कीमतें, कमोडिटी कीकीमतों में तेजी, महंगाई और रुपये में कमजोरी इनमें प्रमुख हैं. जियो पॉलिटिकल टेंशन अभी भी सबसे बड़े मुद्दों में से एक है, नहीं तो हम एक स्ट्रक्चरल बुल मार्केट में हैं, जहां मीनिंगफुल करेक्शन देखने को मिल रहा है. यह लंबी अवधि के निवेशकों के लिए खरीदारी का मौका है.

निफ्टी कहां तक जा सकता है

पार्थ न्याती का कहना है कि टेक्निकली ओवरआल स्ट्रक्चर कमजोर है. निफ्टी के लिए अब 15500 के लवेल पर बेहद अहम सपोर्ट है. अगर नीचे की ओर यह लेवल ब्रेक हुआ तो निफ्टी 15000 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. वहीं सबसे बुरे केस में निफ्टी 14000 के लवेल तक कमजोर हो सकता है. वहीं अपसाइड में अब 16300-16500 पहला रेजिसटेंस लेवल है. इसके पार बने रहने पर ही निफ्टी 17000 की ओर मूव करेगा.

कहां करें निवेश

पार्थ न्याती की सलाह है कि अभी निवेशकों को डोमेस्टिक इकोनॉमी फेसिंग सेक्टर के बेहतर शेयरों पर फोकस करना चाहिए. इन सेक्टर में कैपिटल गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर, रीयल एस्टेट और बैकिंग हैं. वहीं IT सेक्टर में भी करेक्शन के बाद मौके बने हैं. आटो सेक्टर फेवरेबनल रिस्क रेवार्ड रेश्यो प्रोवाइड करा रहा है. टॉप पिक्स में Thermax, KNR Construction, LT, SBI, ICICI Bank, Infosys, KPIT, Tata Power, Tata Motors, Minda Industries, SBI Life insurance, Bajaj Finserv, Canfin homes, Sobha, Brigade Enterprises, Kajaria Ceramics और Reliance शामिल हैं.

(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह एक्सपर्ट के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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