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While the importance of a stop loss is a no-brainer, placing multiple stops for the sake of it can turn out to be counter-productive and more often than not lead to capital destruction.
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मई के पहले कारोबारी दिन यानी 4 मई को शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. कारोबार में सेंसेक्स करीब 1700 अंक टूट गया है और यह 31964 के स्तर तक कमजोर हुआ. वहीं निफ्टी भी 475 अंक टूटकर 9400 से नीचे चला गया. बाजार में चौतरफा बिकवाली है और बैंक व आटो शेयरों में जमकर गिरावट है. इन सेक्टर में कुछ शेयरों में 8 से 10 फीसी गिरावट है. फिलहाल बाजार की इस गिरावट में पिछले 3 दिन में जितना निवेशकों ने कमाया था, वह सब गंवा दिया. आज निवेशकों की दौलत में 1 घंटे में करीब 5 लाख करोड़ की कमी आ गई. आखिर बाजार में गिरावट के पीछे क्या हैं बड़ी वजह....
मार्केट कैप 5 लाख करोड़ घटा
आज सेंसेक्स में 1700 अंकों से कुछ ज्यादा तक गिरावट रही और यह 31964 के स्तर तक कमजोर हुआ. इस स्तर पर बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप घटकर 1,24,32,945.77 करोड़ रह गया. वहीं 30 अप्रैल को यह 1,29,39,082.75 करोड़ रुपये पर बंद हुआ था. इस लिहाज से महज 1 घंटे में निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ का झटका लगा है. 30 अप्रैल को कंपनियों के मार्केट कैप में 3.16 लाख करोड़ की बढ़ोत्तरी देखी गई थी. वहीं आज को छोड़ दें तो पिछले 4 दिन में करीब 7.5 लाख करोड़ दौलत निवेशकों की बढ़ गई है.
लॉकडाउन पार्ट 3
आज से देश में लॉकडाउन पार्ट 3 की शुरूआत हो गई है, जिससे अर्थव्यवस्था को लेकर सेंटीमेंट को बड़ा झटका लगा है. 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद यह 2 हफ्तों के लिए और बढ़ा दिया गया है. इससे बाजार में अनिश्चितता बए़ी है और निवेशकों ने जमकर बिकवाली की.
कोरोना के मामले बढ़ने में तेजी
पिछले 3 दिनों से कोरोना के नए मामलों में तेज बढ़ोत्तरी हुई है. जहां पहले 1200 से 1500 मामले रोज आ रहे थे, वहीं पिछले 3 दिनों से औसतन रोज 2300 से 2400 मामले सामने आ रहे हैं. इस वजह से भी निवेशकों का सेंटीमेंट बिगड़ा है. 2 लॉकडा न के बाद भी कोरोना के मामले सिथर न होने से इस बीमारी को लेकर भी बाजार में अनिश्चितता बढ़ी है.
खराब कॉरपोरेट नतीजे
मार्च तिमाही के नतीजे उम्मीद से भी खराब रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से कंपनियों के मुनाफे पर दबाव का जो अनुमान था, नतीजे उससे भी कमजोर रहे हैं. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने उम्मीद से कम मुनाफा कमाया. एचयूएल के भी नतीजे निराश करने वाले रहे हैं. अब तक पेश हुए नतीजों में करीब 70 फीसदी कंपनियों के नतीजे या तो निगेटिव रहे या फ्लैट.
कमजोर ग्लोबल सेंटीमेंट
यूएस में दिग्गज कंपनियों के नतीजे खराब रहे हैं. अमेजॉन हो या बर्कयाायर हैथवे सभी को भारी नुकसान हुआ है. वहीं कोरोना को लेकर भी अमेरिका सहित अन्य ग्लोबल बाजारों में डर बढ़ा है. शुक्रवार को अमेरिकी बाजारों में भी भारी गिरावट रही. डाउ जोंस में 622 अंकों की गिरावट रही. आज एशियाई बाजारों में भी भारी बिकवाली है.