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IPO Market: मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में आईपीओ से जुटाए जाने वाला फंड पिछले साल की समान अवधि से कम रहा है. (file image)
IPO Fund Raising in H1 FY24: मौजूदा वित्त वर्ष 2024 के पहले छह महीने यानी 1 अप्रैल 2023 से 30 सितंबर 2023 में आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) के जरिए जुटाया गया फंड सालाना आधार पर 26 फीसदी घटकर 26,300 करोड़ रुपये रहा है. हालांकि, इस दौरान आईपीओ की संख्या डबल से अधिक होकर 31 हो गई है. प्राइम डाटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 14 आईपीओ के जरिये 35,456 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.
एलआईसी आईपीओ सबसे बड़ा फैक्टर
इस वित्त वर्ष के पहले 6 महीनों में आईपीओ से जुटाए जाने वाला फंड पिछले साल की समान अवधि से कम रहा है, जिसके पीछे बड़ा कारण एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) है. पिछले साल मई 2022 में एलआईसी के आईपीओ को अगर हटा दें तो इस साल फंड जुटाने के मामले में सालाना आधार पर 76 फीसदी का उछाल आया है. पोर्टल के प्रबंध निदेशक प्रणव हल्दिया के अनुसार अप्रैल से सितंबर तक शेयर, बॉन्ड आदि के जरिये फंड रेजिंग 69 फीसदी बढ़कर 73,747 करोड़ रुपये हो गया, जो बीते वित्त वर्ष की पहली छमाही में 43,694 करोड़ रुपये था.
एसएमई आईपीओ से भी फंड रेजिंग घटी
उन्होंने कहा कि इसमें लघु एवं मध्यम उद्यम (SME) निर्गम प्लेटफॉर्म, बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट), रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट), बिक्री पेशकश (ओएफएस), क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट (क्यूआईपी) और सार्वजनिक बॉन्ड जारी करने के माध्यम से जुटाया गया फंड शामिल है. एसएमई आईपीओ (SME IPO) के जरिये मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में 29,032 करोड़ रुपये जुटाए गए, जो बीते वित्त वर्ष की पहली छमाही में 36,594 करोड़ रुपये था. बिक्री पेशकश (इनविट और रीट समेत) के तहत चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 1,446 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 15,541 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. क्यूआईपी के माध्यम से अप्रैल-सितंबर, 2023 में 5,238 करोड़ रुपये जुटाए गए, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इस माध्यम से 20,748 करोड़ रुपये जुटाए गए थे.