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IPO Market: इस साल अबतक आईपीओ मार्केट में पिछले 2 साल की तरह एक्शन नहीं देखने को मिला है.
IPO Market 2023: घरेलू शेयर बाजार एक के बाद एक अपना नया आलटाइम हाई बना रहा है. सेंसेक्स पहली बार 65000 के पार निकल गया तो निफ्टी भी 19300 का लेवल पार कर गया. इस साल बाजार की रिकॉर्ड रैली में जहां सेकंडरी मार्केट में जमकर एक्शन देखने को मिला है, वहीं प्राइमरी मार्केट यानी आईपीओ मार्केट में पिछले 2 साल की तरह एक्शन नहीं देखने को मिला है. इस साल अबतक मेनबोर्ड पर सिर्फ 11 आईपीओ ने दस्तक दी है, जिनमें से 3 की लिस्टिंग होनी अभी बाकी है. अगर यही स्पीड आगे भी जारी रही तो यह साल आईपीओ के लिहाज से साल 2021 और 2022 की तुलना में बेहद कमजोर साबित हो सकता है.
एक्सपर्ट यह मान रहे हैं कि इस साल कंपनियां और निवेशक दोनों सतर्क हैं. एक्सपर्ट को 2021 और 2022 में बिना हर फैक्टर की स्टडी किए निवेश करने का मलाल है, वहीं कंपनियां भी मैक्रो कंडीशंस स्टेबल होने के बाद बाजार में स्टेबल लिक्विडिटी का इंतजार करने में लगी रही हैं. हालांकि अब चीजें बेहतर हो रही हैं, जिसके चलते प्राइमरी मार्केट में एक्शन भी बढ़ रहा है. उनका मानना है कि आने वाले दिनों में जब बाजार पूरी तरह से स्टेबल दिखने लगेगा तो आईपीओ के नंबर्स भी बढ़ेंगे. हालांकि अभी बाजार हाई वैल्युएशन पर है तो एक करेक्शन की गुंजाइश बनी है, बाजार में लिस्ट होने का इंतजार कर रही कंपनियों के ध्यान में यह फैक्टर भी होगा. असल में किसी भी आईपीओ के लिए मैक्रो एन्वायरमेंट, इन्वेस्टर्स का बाजार पर भरोसा और बाजार का आउटलुक मायने रखता है. लेकिन अभी ग्लोबल मैक्रो को लेकर चुनौतियां हैं.
इस साल अबतक 11 IPO
इस साल की बात करें तो अबतक 11 आईपीओ लॉन्च हुए हैं, जिनसे 11500 करोड़ से ज्यादा कंपनियों द्वारा जुटाए गए हैं. इनमें 4326 करोड़ के इश्यू साइज का मैनकाइंड फार्मा, 3200 करोड़ का Nexus Select Trust REIT, 865 करोड़ का एवलॉन टेक्नोलॉजीज, 606 करोड़ का IKIO लाइटिंग, 592 करोड़ का साइंट DLM, 567 करोड़ का ideaForge Tech, 480 करोड़ का HMA एग्रो और 379 करोड़ का PKH वेंचर्स ग्लोबल सरफेस शामिल हैं.
साल 2021 और 2022 में कितने IPO
साल 2022 में ओवरआल 40 आईपीओ आए थे, जिनसे कंपनियों ने करीब 59302 करोड़ रुपये जुटाए थे. वहीं साल 2021 में 63 आईपीओ आए थे, जिनसे कंपनियों ने करीब 1,18,723 करोड़ जुटाए थे. 2021 में ज्यादातर आईपीओ तब आए थे, जब बाजार कोविड 19 महामारी के दौरान 2020 में लो लेवल पर जाने के बाद से तेजी से रिकवरी दिखाई थी. लेकिन 2022 में बाजार में हाई वोलेटिलिटी के बाद भी प्राइमरी मार्केट में एक्शन बना रहा.
न्यू एज कंपनियां अब ज्यादा अलर्ट
साल 2022 और 2021 दोनों के दौरान बाजार में नए जमाने के बिजनसे वाली कंई कंपनियां लिस्ट हुई हैं. इनमें पेटीएम, नाइका, कारट्रेड टेक, मैप माई इंडिया, जोमैटो, नजारा टेक, पॉलिसी बाजार, ईज माई र्अिप, फिनो पेमेंट बैंक जैसी कंपनियां शामिल हैं. लेकिन इनमें से ज्यादातर का हाल बुरा हुआ और ये सबसे खराब रिटर्न देने वाले आईपीओ में शामिल रहे. इसकी सबसे बड़ी वजह यह थी कि इन कंपनियां ने अपने बिजनेस की तुलना में वैल्युएशन बहुत ज्यादा रखा. इनके बिजनेस मॉडल और प्रॉफिटेबिलिटी को लेकर क्लेरिटी नहीं थी. दूसरी ओर बुल रन पर सवार निवेशकों ने भी वैल्युएशन को समझने में लापरवाही की. ऐसे में अब इस तरह की कंपनियां भी लिस्टिंग के पहले अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव कर मुनाफा आने का इंतजार कर रही हैं, वहीं निवेशक भी अलर्ट हैं.
टल रहे हैं IPO
एक रिपोर्ट के अनुसार टेक्नोलॉजी स्टार्टटप्स अपना आईपीओ लगातार टाल रही हैं या साइज में कटौती कर रही हैं या फिर आईपीओ लाने का प्लान ही ड्रॉप कर रही हैं. उदाहरण के तौर पर ट्रैवल कंपनी Ixigo का DRHP मार्च 2023 में एक्सपायर हो चुका है, लेकिन कंपनी का इसे फिर से सेबी के पास जमा करने का कोई इरादा नहीं दिख रहा है. इसी तरह से OYO ने अपना इश्यू साइज घटाकर आधा कर दिया है. वहीं बायजू के आईपीओ में भी लगातार देरी हो रही है. आईपीओ में देरी या टलने की एक वजह यह भी है कि पिछले दिनों इस तरह नामी गिरामी कंपनियों ने स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग कराई, लेकिन उनका हाल बुरा रहा है. वहीं ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते भी इन कंपनियों का उत्साह ठंडा पड़ा है.