/financial-express-hindi/media/post_banners/75ejaffL9FsXjUQCllQ4.jpg)
IPO negative returns in last fiscal: ब्लूमबर्ग ने इस बात की जानकारी दी.
IPO negative returns in last fiscal: पिछले दो सालों में कई कंपनियां मार्केट में लिस्टेड हुईं. इनमें से कई कंपनियों की लिस्टिंग बहुत ही धूमधाम से हुई, जिनसे सभी को उम्मीदें थीं. हालांकि यह अपने वादे पर खरा नहीं उतर पाई और इससे उन निवेशकों को भारी नुकसान हुआ, जिन्होंने उन पर दांव लगाया था. वित्तीय वर्ष 23 में FY23 में 161 IPO की लिस्टिंग हुए, जिसमें 50,514 करोड़ रुपये जुटाए गए. हालांकि इसमें से 63 IPO ने निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाया.
रिपोर्ट में क्या है?
ब्लूमबर्ग ने पिछले दो साल में आईपीओ की लिस्टिंग से जुड़े आंकड़े जारी किए हैं. आंकड़ों के अनुसार FY23 में मात्र 24 IPO ही 100 फीसदी से अधिक रिटर्न दिए, जबकि बाकी 74 ने 10 फीसदी और 99 फीसदी के बीच रिटर्न दिया. जबकि FY22 में लिस्टिंग की संख्या 117 से कम थी, जिसमें 1.2 ट्रिलियन जुटाए गए. यह अमाउंट FY23 में IPO के जरिये इकट्ठे किए गए कुल राशि से दोगुनी से अधिक थी. FY22 में 23 लिस्टिंग ने 100 फीसदी से अधिक रिटर्न दिए और 48 ने 10 फीसदी और 99 फीसदी के बीच रिटर्न दिया और 46 ने नुकसान उठाया.
जानकारों का क्या है कहना?
PMS फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी, जो नाम नहीं छापने के शर्त पर कहते हैं कि अधिकांश प्रमुख आईपीओ उन कंपनियों के थे जो बहुत जल्दी लिस्ट हो गए थे. उन्होंने कहा, "ये कंपनियां बिल्कुल प्रॉफिटेबल नहीं थीं, लेकिन अपने निवेशकों को बाहर निकलने की जल्दी में थीं. वो हाई प्राइज पर लिस्ट हुए थे लेकिन अंत में बाजार ने विश्वास खो दिया. KRChoksey Group के प्रमोटर देवेन चोकसी के अनुसार, जिन कंपनियों को नुकसान उठाना पड़ा उनके साथ बड़ी समस्या यह है कि संचार के मामले में उनके और निवेशकों के बीच संपर्क नहीं था.
वो बड़ी कंपनियां जहां निवेशकों ने उठाया घाटा
- कई बड़ी कंपनियों के आईपीओ से निवेशकों की काफी उम्मीदें थीं लेकिन वह उसपर खरा नहीं उतर सकीं. LIC 949 रुपये पर लिस्ट थी. इसे FY23 का ब्लॉकबस्टर IPO माना गया, जिसने 20,557 करोड़ रुपये जुटाए. हालांकि स्टॉक को अपने इनिशियल प्राइज से 43.7 फीसदी लॉस उठाना पड़ा और अब अब इसका स्टॉक प्राइज 549.15 रुपये के आस-पास कारोबार कर रहा है.
- पेटीएम की मूल कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस की स्थिति और खराब है. इस फिनटेक दिग्गज ने लिस्टिंग के जरिये 18,300 करोड़ रुपये जुटाए, जो वित्त वर्ष 22 का सबसे बड़ा आईपीओ था. हालांकि, उस वित्तीय वर्ष के अंत में, शेयर अपने इनिशियल प्राइज 2,150 रुपये से 75.4 फीसदी नीचे था. फिलहाल सोमवार तक यह 655.20 रुपये पर ट्रेड कर रहा था, जो इसके ऑफर प्राइस से लगभग 70 फीसदी कम है.
- Delhivery, FY23 की दूसरी सबसे बड़ी लिस्टिंग थी. उसने 5,236 करोड़ रुपये जुटाया. हालांकि 31 मार्च तक इसके इश्यू प्राइस 487 रुपये से 32 फीसदी कम था सोमवार तक, यह ऑफर प्राइस की तुलना में 33 फीसदी कम होकर 328.10 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. कंपनी ने दिसंबर 2022 तक 166 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया.
Written by Siddhant Mishra