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Sansera Engineering IPO has received SEBI's nod.
IPO Arrivals : देश के प्राइमरी मार्केट में इन दिनों एक के बाद एक IPO की झड़ी लगी हुई है. इस साल अब तक 28 आईपीओ आ चुके हैं. कंपनियों ने इनसे 42 हजार करोड़ रुपये जुटाएं हैं. माना जा रहा है बाकी पांच महीनों में इसी तरह आईपीओ की भरमार रही तो निवेशकों से एक लाख करोड़ रुपये तक जुट सकता है. पांरपरिक कंपनियां तो आईपीओ लेकर आ रही हैं लेकिन जोमैटो जैसी इंटरनेट प्लेटफॉर्म कंपनी के पब्लिक इश्यू को जिस तरह से निवेशकों का जबरदस्त रेस्पॉन्स मिला है, उसने इस बाजार में भारी हलचल पैदा कर दी है.
54 कंपनियां आईपीओ लाने का ऐलान कर चुकी हैं
जोमैटो (Zomato) के आईपीओ को मिली भारी सफलता के बाद पेटीएम ( Paytm) फोन पे (PhonePe),मोबीक्विक (MobiKwik),ग्रोफर (Grofers),पॉलिसीबाजार (PolicyBazaar), फ्लिपकार्ट इंटरनेट जैसी कंपनियों के आईपीओ को भी खासी कामयाबी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. ये सभी न्यू-एज कंपनियां इस साल आईपीओ लाने की तैयारी में लगी हैं. इस साल अब तक 54 कंपनियां आईपीओ लाने का ऐलान कर चुकी हैं. इनमें से सिर्फ अकेले 21 कंपनियां ही 70 हजार करोड़ रुपये जुटाने का इरादा रखती हैं. इनमें सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी शामिल नहीं, जो अकेले 50 हजार करोड़ रुपये जुटा सकती है. प्राइमरी मार्केट में कंपनियों के पब्लिक इश्यू की ऐसी बारिश 2017 में दिखी थी. उस साल कंपनियों ने 36 आईपीओ के जरिये 67,147 करोड़ रुपये जुटाए थे.
नए आईपीओ का आना बुलिश मार्केट पर निर्भर
प्राइमरी मार्केट में कंपनियों के नए इश्यू की भले ही इस वक्त भरमार हो लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है यह ट्रेंड शेयर मार्केट के बुलिश रहने पर ही जारी रहेगी. प्राइम डेटाबेस के प्रणव हल्दिया ने 'इंडियन एक्सप्रेस' से कहा कि आने वाले दिनों में आईपीओ के आने की रफ्तार शेयर बाजार में तेजी पर निर्भर करेगी. 2013 में जब शेयर मार्केट में मंदी चल रही थी तो आईपीओ लाने का ऐलान कर चुकी कंपनियों ने 75 हजार करोड़ रुपये पब्लिक इश्यू रोक लिए थे.