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Tax Evasion: टैक्स चोरी पर चौंकाने वाला खुलासा, मोदी सरकार के पास सात वर्षों में कार्रवाई का कोई रिकॉर्ड नहीं

Tax Evasion: पिछले सात वित्त वर्षों में 9359 करोड़ रुपये के टैक्स छिपाने के मामले पकड़ में आए लेकिन इसे लेकर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.

Tax Evasion: पिछले सात वित्त वर्षों में 9359 करोड़ रुपये के टैक्स छिपाने के मामले पकड़ में आए लेकिन इसे लेकर क्या कार्रवाई हुई है, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है.

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Issued show cause notices but no record of outcome of cases DGGI in RTI reply

वित्त वर्ष 2021 तक छह वर्षों में 9259 करोड़ रुपये के टैक्स छिपाने को लेकर 158 कारण बताओ नोटिस भेजा गया लेकिन इन मामलों में कार्रवाई क्या हुई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है.

Tax Evasion: टैक्स चोरी के मामले में कार्रवाई को लेकर चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पिछले सात वित्त वर्षों में 9359 करोड़ रुपये के टैक्स छिपाने के मामले पकड़ में आए लेकिन मोदी सरकार ने इसे लेकर क्या कार्रवाई की है, इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं है. यह चौंकाने वाला खुलासा सूचना के अधिकार के तहत मांगे गए एक सवाल के जवाब से हुआ है. डायरेक्टरोट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलीजेंस (DGGI) ने खुलासा किया है वित्त वर्ष 2021 तक छह वर्षों में 9259 करोड़ रुपये के टैक्स छिपाने (Tax Evasion) को लेकर 158 कारण बताओ नोटिस भेजा गया लेकिन इन मामलों में कार्रवाई क्या हुई, इसका कोई रिकॉर्ड नहीं है.

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कितनी कार्रवाई पूरी और पेंडिंग, कोई रिकॉर्ड नहीं

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आरटीआई एक्टिविस्ट अभय कोलारकर ने डीजीजीआई के डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी से इसे लेकर सूचना मांगी थी. इसके जवाब में वित्त वर्ष 2015-2021 के बीच के भेजे गए कुल कारण बताओ नोटिस और इस पर कार्रवाई को लेकर खुलासा हुआ. आरटीआई से इसका जवाब नहीं मिल सका कि कितने मामलों में कार्रवाई पूरी हुई और कितने पेंडिंग हैं क्योंकि इसका रिकॉर्ड ही नहीं है.

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डेटा नहीं हो रहा है मेंटेन

कोलारकर का कहना है कि डायरेक्टोरेट को इन सभी मामलों को ट्रैक करना चाहिए और इनका पूरा रिकॉर्ड रखना चाहिए लेकिन ऐसा कोई भी डेटा मेंटेन नहीं किया जा रहा है. आरटीआई एक्टिविस्ट कोलारकर ने बताया कि वर्ष 2017 में जीएसटी लागू होने से पहले डीजीजीआई डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सेंट्रल एक्साइज इंटेलीजेंस (डीजीसीईआई) के रूप में काम करती थी.

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