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हाई वैल्युएशन और डिमांड घटने की आशंका में टूटे IT स्टॉक, एक्सपर्ट- लंबी अवधि में सेक्टर का आउटलुक मजबूत

एक्सपर्ट का कहना है कि इंडियन आई सेक्टर का हाई वैल्युएशन, सप्लाई के दबाव के चलते डिमांड घटने की आंशका से आईटी शेयरों पर दबाव बढ़ा है.

एक्सपर्ट का कहना है कि इंडियन आई सेक्टर का हाई वैल्युएशन, सप्लाई के दबाव के चलते डिमांड घटने की आंशका से आईटी शेयरों पर दबाव बढ़ा है.

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Sushil Tripathi
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हाई वैल्युएशन और डिमांड घटने की आशंका में टूटे IT स्टॉक, एक्सपर्ट- लंबी अवधि में सेक्टर का आउटलुक मजबूत

आज के कारोबार में आईटी शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली है. (image: pixabay)

IT Sector Outlook: आज के कारोबार में आईटी शेयरों में भारी बिकवाली देखने को मिली है. घरेलू लेवल पर इंफोसिस और टीसीएस के नतीजे आए हैं. हालांकि नतीजे अनुमान से कुछ कमजोर रहे. वहीं इस हफ्ते कई बड़ी अमेरिकी कंपनियां अपने नतीजे जारी करने जा रही हैं. इसके पहले निवेशक बिकवाली कर रहे हैं. आज इंफोसिस में 9 फीसदी तक, TECHM में 5 फीसदी, WIPRO और TCS में 3.5 फीसदी और HCLTECH में 23 फीसदी गिरावट देखने को मिली है. निफ्टी आईटी आज निफ्टी की तुलना में अंडरपरफॉर्मर रहा है. एक्सपर्ट का कहना है कि इंडियन आई सेक्टर का हाई वैल्युएशन, सप्लाई के दबाव के चलते डिमांड घटने की आंशका से आईटी शेयरों पर दबाव बढ़ा है. हालांकि लंबी अवधि में सेक्टर का आउटलुक मजबूत है.

डिमांड में कमी की आशंका

Swastika Investmart Ltd. के रिसर्च हेड, संतोष मीना का कहना है कि निफ्टी IT अंडरपरफॉर्मर रहा है, क्योंकि सप्लाई साइड से दबाव है, पश्चिमी देशों में मैक्रो हेडविंड की वजह से डिमांड में कमी की आशंका है. वहीं ज्यादा वैल्युएशन भी इसके पीछे वजह है. इंडियन आईटी सेक्टर 10 साल के P/E के 18 गुना की तुलना में 1 साल के फारवर्ड P/E के 28 मल्टीपल पर ट्रेड कर रहा है. TCS और इंफोसिस दोनों के रिजल्ट में एक कॉमन सब्जेक्ट यह था कि एट्र्रिशन का उच्चतम स्तर बना हुआ है. वहीं प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है और कंपनियां अपनी प्राइसिंग पावर खो रही हैं. सैलरी हाइक, आफिस में धीरे-धीरे वापसी से खर्च में बढ़ोतरी होगी और EBIT मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा. हालांकि, डील पाइपलाइन मजबूत बनी हुई है.

लंबी अवधि में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद

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आईटी कंपनियों के बीच एक आम धारणा है कि ग्राहक अपनी वित्तीय स्थिति और इंडस्ट्रीकी स्थिति की परवाह किए बिना डिजिटलाइजेशन के लिए खर्च करने को तैयार हैं. लेकिन महंगाई और कमजोर वैश्विक आर्थिक संकेतों के कारण यह सोच बदल सकती है. इन वजहों से क्लाइंट के पेमेंट करने की क्षमता प्रभावित होगी. इस तरह से डिजिटलाइजेशन पर खर्च कम होगा. ध्यान देने वाली एक और बात यह है कि वैश्विक ब्याज दरें बढ़ रही हैं, इसलिए पैसा ग्रोथ स्टॉक से वैल्यू स्टॉक की ओर बढ़ रहा है. संतोष मीना का कहना है कि आईटी सेक्टर शॉर्ट से मिड टर्म में कमजोर प्रदर्शन कर सकता है लेकिन लंबी अवधि में डिजिटलाइजेशन के महत्व, आईटी का उपयोग करने की क्षमता और क्लाउड माइग्रेशन के बढ़ते महत्व को दूर नहीं कर सकते हैं. भारतीय आईटी कंपनियां लंबी अवधि में अच्छा प्रदर्शन करेंगी.

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