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IT Sector: ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती के बीच आईटी सेक्टर पर भी दबाव बना हुआ है.
Wipro vs TCS vs Infosys: ग्लोबल इकोनॉमी में सुस्ती के बीच आईटी सेक्टर पर भी दबाव बना हुआ है. इस साल की बात करें तो बाजार की रिकवरी में जहां ज्यादातर सेक्टोरल इंडेक्स हरे निशान में आ गए हैं, बीएसई और निफ्टी आईटी इंडेक्स में 20 फीसदी से ज्यादा गिरावट है. भारतीय आईटी कंपनियों पर दबाव बढ़ने के पीछे कारण है कि इनका ज्यादातर रेवेन्यू उन देशों से आता है, जहां की अर्थव्यवस्था पर दबाव है. रूस और यूक्रेन वार ने भी परेशानी बढ़ाई है. जून तिमाही के नतीजों से भी आईटी सेक्टर में मंदी की बात साफ हुई है. एक्सपर्ट और ब्रोकरेज इस सेक्टर को लेकर पॉजिटिव नहीं हैं और TCS, Infosys में बिकवाली की सलाह दे रहे हैं. हालांकि Wipro पर उनकी खरीदारी की सलाह है. आखिर Wipro पर ब्रोकरेज क्यों बुलिश है.
इस साल आईटी शेयरों में गिरावट
अस साल की बात करें तो आईटी शेयरों में बिकवाली देखने को मिली है. TCS का शेयर इस साल अबतक 19 फीसदी गिरावट रही है; वहीं Infosys में 25 फीसदी और HCL Tech में 31 फीसदी गिरावट रही है. सबसे ज्यादा 42 फीसदी गिरावट Wipro के शेयरों में देखने को मिली है. आईटी इंडेक्स में शामिल ज्यादातर शेयर इस साल डबल डिजिट में गिरावट दिखा रहे हैं.
आईटी सेक्टर: EBIT मार्जिन पर दबाव
ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार आईटी कंपनियों के लिए EBIT मार्जिन Q1FY23 में कमजोर रहा है. यह टियर -1 कंपनियों के लिए पूर्व-कोविड स्तर से नीचे रहा है. कंपनियों ने FY23 की शुरुआत में अपने मार्जिन गाइडेंस को को कम कर दिया था, लेकिन ब्रोकरेज का मानना है कि हाई एट्रिशन के कारण दबाव जारी है. EBIT मार्जिन कंपनियों के गाइडेंस के लोअर एंड तक कमजोर हो सकता है.
पिछले एक साल में बीएसई का आईटी इंडेक्स जहां 20 फीसदी कमजोर हुआ है, वहीं इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 2.5 फीसदी की तेजी आ चुकी है. इस साल की बात करें तो आईटी इंडेक्स में 25 फीसदी कमजोर हुआ है, जबकि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 3.25 फीसदी और 3.5 फीसदी तेजी आई है.
Wipro पर "buy" रेटिंग
ब्रोकरेज हाउस गोल्डमैन सैक्स ने Wipro में निवेश की सलाह दी है, जबकि TCS, Infosys में बिकवाली की सलाह है. ब्रोकरेज का कहना है कि Wipro का शेयर हालिया गिरावट के बाद आकर्षक वैल्युएशन पर ट्रेड कर रहा है. वहीं कंपनी का ऑर्डरबुक भी मजबूत है. ब्रोकरेज का मानना है कि Wipro का डॉलर रेवेन्यू ग्रोथ तिमाही आधार पर सितंबर तिमाही में जून तिमाही की तुलना में बेहतर रहने का अनुमान है. बिजनेस सीजनैलिटी और मजबूत ऑर्डरबुक के चलते ऐसा संभव है. वहीं FY23E की बची हुई तिमाही में भी EBIT मार्जिन में सुधार दिखने की उम्मीद है. यह 4QFY23 तक 17.4 फीसदी हो सकता है.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)