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Covid-19 Vaccine: देश में साल के अंत तक मिलेगी Johnson & Johnson की सिंगल डोज वैक्सीन, Biological E करेगी इसका उत्पादन

Johnson & Johnson की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत सरकार ने पिछले महीने ही इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी.

Johnson & Johnson की सिंगल डोज वैक्सीन को भारत सरकार ने पिछले महीने ही इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी.

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Covid-19 Vaccine: देश में साल के अंत तक मिलेगी Johnson & Johnson की सिंगल डोज वैक्सीन, Biological E करेगी इसका उत्पादन

जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन इस साल के अंत तक बाजार में आ जाएगी

Corona Single Dose Vaccine: जॉनसन एंड जॉनसन (Johnson & Johnson) की सिंगल डोज वैक्सीन (Single Dose Vaccine) साल के अंत तक देश में मिलने लगेगी. कंपनी के चीफ साइंटिफिक ऑफिसर पॉल स्टॉफेल्स (Paul Stoffels) ने यह जानकारी दी. भारत सरकार ने पिछले महीने जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वैक्सीन को इमरजेंसी यूज की मंजूरी दे दी थी. भारत में मंजूर कोरोना की वैक्सीन्स में से कोविडशील्ड के अलावा सिर्फ जॉनसन एंड जॉनसन के टीके को ही विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का अप्रूवल प्राप्त है. इस  वजह से जॉनसन एंड जॉनसन के सिंगल डोज टीके को लेकर देश में काफी उत्सुकता है. 

Biological E Ltd  बनाएगी भारत में सिंगल डोज टीका 

जॉनसन एंड जॉनसन के टीके में इसकी लोकल पार्टनर कंपनी बायोलॉजिकल ई (Biological E Ltd) बनाएगी.कंपनी की ओर से कहा गया है कि यह अपने मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में टीके के निर्माण को अंतिम रूप दे रही है. यह यहां वैक्सीन को वेलिडेट करा रही है. दुनिया भर में जॉनसन एंड जॉनसन की 70 करोड़ डोज दी जा चुकी है. देश में उपलब्ध होने वाली यह पांचवीं वैक्सीन होगी. इससे पहले भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड, रूसी स्पूतनिक और जाइडस कैडिला की zycov-D भारत में मिल रही है. 

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तीसरी लहर की आशंका से सिंगल डोज टीके की अहमियत बढ़ी 

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फार्मास्यूटिकल्स कंपनी ( IFPMA) की ओर से आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पॉल स्टोफेल्स ने कहा कि हम भारत में बायोलॉजिकल ई को अपनी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि हमारी 50 फीसदी वैक्सीन जल्द ही कम और मध्य आय वाले देशों को उपलब्ध होने लगेगी. कोरोना की तीसरी लहर की बढ़ती आशंका और डेल्टा और Mu वैरिएंट के उभरने के साथ ही नई वैक्सीन जल्द से जल्द उपलब्ध कराने की जरूरत काफी बढ़ गई है. खास कर ऐसे में सिंगल डोज वैक्सीन की उपयोगिता काफी बढ़ गई है. 

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