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सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल ने कोटक महिंद्रा AMC को लेकर SEBI के एक आदेश पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है.
सिक्योरिटी अपीलेट ट्रिब्यूनल (SAT) ने कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी को लेकर सेबी द्वारा दिए गए एक आदेश पर आंशिक रूप से रोक लगा दी है. ट्रिब्यूनल के इस फैसले से कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी को काफी राहत मिली है. सेबी ने अपने आदेश में कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी को यूनिट होल्डर्स से लिये गये इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस का एक हिस्सा रिफंड करने के लिए कहा था. ट्रिब्यूनल ने एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) को चार सप्ताह के भीतर ब्याज वाले खाते में 20 लाख रुपये डिपॉजिट करने को कहा है.
क्या कहा ट्रिब्यूनल ने
SAT ने 21 अक्टूबर के अपने आदेश में कहा, ‘‘अपीलकर्ता (कोटक महिंद्रा AMC) के यूनिट होल्डर्स से वसूले गए इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस के एक हिस्से को वापस करने के सेबी के निर्देश पर रोक रहेगी.’’ ट्रब्यूनल के अनुसार, यह इस शर्त पर निर्भर है कि कोटक महिंद्रा एएमसी सेबी को एक हलफनामा देगी कि अगर अपील में निर्णय उसके खिलाफ आता है, तो वह इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस के साथ नियामक के आदेश का पालन करेगी.
सेबी को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करना है. उसके बाद कोटक महिंद्रा एएमसी को जवाबी हलफनामा दायर करने के लिये तीन सप्ताह का समय मिलेगा. हालांकि, ट्रिब्यूनल ने 50 लाख रुपये जुर्माना और नई FMP स्कीम्स पेश करने को लेकर छह महीने की पाबंदी को नहीं हटाया है.
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सेबी का आदेश
सेबी ने अगस्त में एएमसी को 6 फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (FMC) स्कीम्स में यूनिट होल्डर्स से वसूले गए इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस का एक हिस्सा लौटाने के लिए कहा था. इसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने के लिए कहा गया था. इसके अलावा सेबी ने नियमों के उल्लंघन को लेकर कोटक महिंद्रा AMC पर 50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और कंपनी को छह महीने के लिये कोई नई FMP स्कीम पेश करने से रोक दिया था. कंपनी ने सेबी के इस आदेश के खिलाफ अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील की थी.