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खादी के नाम पर फ्रॉड! Flipkart, Amazon, Snapdeal को हटाने पड़े 160 नकली प्रोडक्ट के वेब लिंक

KVIC ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए 'खादी इंडिया' ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं.

KVIC ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए 'खादी इंडिया' ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं.

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FE Online
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KVIC forces Flipkart, Amazon, Snapdeal to remove fake khadi products

KVIC की इस कार्रवाई से देश भर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे.

देश में खादी उत्पादों को पसंद और इस्तेमाल करने वाला एक बड़ा वर्ग है. लेकिन, मार्केट में नकली खादी उत्पाद बेचने का भी खेल धड़ल्ले से चल रहा है. हाल ही में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) की तरफ से इन ​नकली खादी उत्पादों लेकर सख्त एक्शन लिए गए, जिसके चलते Amazon, Flipkart, Snapdeal और अन्य ई-कॉमर्स कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म से ‘खादी’ ब्रांड नाम से उत्पाद बेचने वाले 160 से अधिक वेब लिंक हटा दिए हैं. KVIC ने 1,000 से अधिक उन कंपनियों को कानूनी नोटिस भेजा था जो अपने उत्पादों को बेचने के लिए 'खादी इंडिया' ब्रांड नाम का उपयोग कर रही थीं. इससे न केवल खादी की साख प्रभावित हो रही थी बल्कि खादी कारीगरों को काम का भी नुकसान हो रहा था. केवीआईसी के नोटिस के बाद ई-कॉमर्स प्‍लेटफॉर्मों ने यह कार्रवाई की है.

KVIC ने बयान में कहा कि उसके नोटिस के बाद खादी ग्लोबल ने अपनी वेबसाइट का इस्तेमाल बंद कर दिया है और साथ ही ट्विटर, फेसबुक व इंस्टग्राम से अपने सोशल मीडिया पेज हटा दिए है. साथ ही उसने ऐसी सभी सामग्री और उत्पाद को हटाने के लिए 10 दिन का समय मांगा है जो 'खादी' ब्रांड नाम का उपयोग कर रहे थे. केवीआईसी की इस कार्रवाई से देश भर में ऐसे कई स्टोर बंद हो गए हैं जो नकली खादी उत्पादों को बेच रहे थे.

मास्क से जैकेट तक की हो रही थी बिक्री

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KVIC के अनुसार, ये ई-कॉमर्स पोर्टल खादी मास्क, हर्बल साबुन, शैंपू, सौंदर्य प्रसाधन, हर्बल मेहंदी, जैकेट, कुर्ता और 'खादी' ब्रांड नाम का इस्तेमाल करने वाले विभिन्न विक्रेताओं के ऐसे तमाम उत्पादों की बिक्री कर रहे थे. इससे ऑनलाइन खरीदारों के बीच गलत धारणा बनाई जा रही थी कि ये वस्तुएं असली 'खादी' उत्पाद थे. KVIC ने यह भी कहा है कि हटाए गए अधिकतर उत्पादों की बिक्री एक आयुष ई-ट्रेडर्स द्वारा की जा रही थी. इस फर्म ने केवीआईसी को पुष्टि की है कि उसने विभिन्न उत्पादों के लिए 140 लिंक हटा दिए हैं जिन्हें 'वागड़ के खादी उत्पाद' के तौर पर बेचा जा रहा है.

KVIC का अपना पोर्टल

हाल के वर्षों में खादी की लोकप्रियता में कई गुना वृद्धि हुई है और ऐसे में खादी ट्रेडमार्क के उल्लंघन के मामले भी बढ़े हैं. खासकर कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान इस तरह के फर्जी ऑनलाइन विक्रेताओं में काफी तेजी आई थी. हालांकि, ऑनलाइन ग्राहकों को असली खादी उत्पादों की खरीदारी करने में समर्थ बनाने के लिए केवीआईसी ने www.kviconline.gov.in/khadimask पर 300 उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री के लिए अपना ई-पोर्टल लॉन्च किया है.

देना पड़ सकता है भारी मुआवजा

KVIC के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने साफ तौर कहा है कि जो लेकर खादी के नाम पर उत्पाद बेच रहे हैं, वे तत्काल इसे बंद कर दें. अन्यथा, भारी क्षतिपूर्ति के लिए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी. सक्‍सेना ने कहा, 'खादी कारीगरों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक तौर पर विभिन्न फर्मों को कानूनी नोटिस जारी किए गए हैं. इस ट्रेडमार्क के उल्लंघन का सीधा असर हमारे कारीगरों की आजीविका पर पड़ता है जो असली दस्तकारी के साथ खादी उत्पाद बना रहे हैं.'

पिछले महीने KVIC ने खादी के नाम से अनधिकृत तौर पर सौंदर्य प्रसाधनों एवं अन्य उत्पादों की बिक्री करने के लिए दो फर्मों- खादी इसेंशियल और खादी ग्लोबल- को कानूनी नोटिस जारी किया था. बयान में कहा गया है कि KVIC ने फैबइंडिया से 500 करोड़ रुपये का हर्जाना भी मांगा है जिसके लिए मामला फिलहाल मुंबई हाई कोर्ट में लंबित है.