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Lakshmi Vilas Bank Merger: कैश की कमी के चलते संकट में जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का DBS बैंक के साथ मर्जर का रास्ता साफ हो गया है.
Lakshmi Vilas Bank Merger: कैश की कमी के चलते संकट में जूझ रहे लक्ष्मी विलास बैंक का DBS बैंक के साथ मर्जर का रास्ता साफ हो गया है. कैबिनेट ने आज रिजर्व बैंक आफ इंडिया के मर्जर प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद सिंगापुर के सबसे बड़े बैंक DBS बैंक की भारतीय इकाई में लक्ष्मी विलास बैंक का विलय हो जाएगा. रिजर्व बैंक ने कहा है कि यह विलय 27 नवंबर से अमल में आएगा और इसके चलते लक्ष्मी विलास बैंक पर लगाया गया मोरेटोरियम भी उसी दिन हट जाएगा.
बॉम्बे स्टॉक एकसचेंज ने बताया कि लक्ष्मी विलास बैंक के इक्विटी शेयर 26 नवंबर से ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध नहीं होंगे.
ऐसा पहली बार होगा कि जब किसी भारतीय बैंक को डूबने से बचाने के लिए विदेशी बैंक में विलय किया जा रहा है. इस विलय के तहत 27 नवंबर से लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड की ब्रांच DBS बैंक इंडिया लिमिटेड की ब्रांच के तौर पर काम करेंगी. रिजर्व बैंक ने यह भी कहा है कि लक्ष्मी विलास बैंक के डिपॉजिटर शुक्रवार से अपने खातों को डीबीएस बैंक इंडिया के ग्राहकों के तौर पर ऑपरेट कर सकेंगे.
क्या है ये पूरी डील
लक्ष्मी विलास बैंक इस साल का दूसरा बैंक है जिसे RBI ने डूबने से बचाया है. इससे पहले मार्च में RBI ने यस बैंक को डूबने से बचाया था. आरबीआई के प्लान के मुताबिक सिंगापुर सरकार समर्थित डीबीएस, लक्ष्मी विलास बैंक में 2500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा. इसके तहत लक्ष्मी विलास बैंक की 560 शाखाओं के जरिये डीबीएस बैंक की पहुंच इसके होम, पर्सनल लोन और स्मॉल स्केल इंडस्ट्री लोन ग्राहकों तक हो जाएगी.
इस डील के तहत DBS इंडिया को 563 ब्रांच, 974 ATM और रिटेल बिजनेस में 1.6 अरब डॉलर की फ्रेंचाइजी मिलेगी. वहीं, 94 साल पुराने लक्ष्मी विलास बैंक की इक्विटी भी पूरी तरह खत्म हो जाएगी. बैंक का पूरा डिपॉजिट DBS इंडिया के पास चला जाएगा.
ग्राहकों, शेयर धारकों पर क्या असर
बेलआउट पैकेज के तहत लक्ष्मी विलास बैंक के जमाकर्ताओं को उनका पूरा पैसा मिल जाएगा. अगर वे बैंक में अपना पैसा रखना चाहें तो भी वह सुरक्षित रहेगा. RBI के प्लान के मुताबिक लक्ष्मी विलास बैंक के कर्मचारी DBS बैंक के कर्मचारी बन जाएंगे. लेकिन लक्ष्मी विकास बैंक के शेयर होल्डर्स को घाटा होगा. अभी लक्ष्मी विलास बैंक का नेटवर्थ निगेटिव है. ऐसे में विलय में बैंक के शेयर होल्डर्स को पैसा नहीं मिलेगा.
बैंक पर मोरेटोरियम है लागू
बता दें कि RBI ने लक्ष्मी विलास बैंक पर इसी महीने 1 महीने का मोरेटोरियम लागू किया था. उसने बैंक के ग्राहकों के लिए पैसे निकालने की सीमा भी तय कर दी. बैंक के ग्राहक अपने खाते से 25000 रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे. भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार लक्ष्मी विलास बैंक की वित्तीय स्थिति लगातार बिगड़ती रही है. पिछले तीन सालों में इसने नुकसान उठाया है, जिससे इसका नेटवर्थ खत्म हो चुका है. किसी तरह का रणनीतिक प्लान नहीं होने, घटते एडवान्स और बढ़ते नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स की वजह से नुकसान जारी रहने की उम्मीद है. बैंक को सितंबर 2019 में प्रॉम्पट करेक्टिव एक्शन (PCA) फ्रेमवर्क में रखा गया था.