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Landmark Cars के IPO में पैसा लगाने वाले रह गए खाली हाथ, कमजोर लिस्टिंग, हर शेयर पर 47 रुपये का नुकसान

Landmark Cars आफ्टर-सेल्स सेगमेंट में अपनी प्रेजेंस बढ़ा रही है. कंपनी के प्रमोटर्स अनुभवी हैं, ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है.

Landmark Cars आफ्टर-सेल्स सेगमेंट में अपनी प्रेजेंस बढ़ा रही है. कंपनी के प्रमोटर्स अनुभवी हैं, ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है.

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Sushil Tripathi
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Landmark Cars के IPO में पैसा लगाने वाले रह गए खाली हाथ, कमजोर लिस्टिंग, हर शेयर पर 47 रुपये का नुकसान

Landmark Cars का शेयर बीएसई पर 7 फीसदी डिस्‍काउंट पर लिस्‍ट हुआ.

Landmark Cars Listing Today: ऑटोमोबाइल डीलरशिप चेन लैंडमार्क कार्स लिमिटेड (Landmark Cars Ltd) के शेयरों में आज से स्‍टॉक एक्‍सचेंज (BSE, NSE) पर ट्रेडिंग शुरू हो गई है. हालांकि कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग पर निवेशकों को निराशा हाथ लगी है. Landmark Cars का शेयर बीएसई पर 7 फीसदी डिस्‍काउंट पर लिस्‍ट हुआ. IPO प्राइस 506 रुपये था, जबकि यह 471 रुपये पर लिस्‍ट हुआ. वहीं कारोबार में यह इश्‍यू प्राइस से 9 फीसदी टूटकर 459 रुपये पर आ गया. यानी आईपीओ में पैसे लगाने वालों को आज शुरूआती कारोबार में हर शेयर पर 47 रुपये का नुकसान हुआ.

यह IPO 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक सब्‍सक्रिप्‍शन के लिए खुला था. इश्‍यू का साइज 552 करोड़ रुपये था, जबकि इसके लिए प्राइस बैंड 481-506 रुपये प्रति शेयर तय किया गया था. आईपीओ से मिलने वाली रकम का इस्‍तेमाल कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा.

लिस्टिंग डे स्‍ट्रैटेजी

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Swastika Investmart के सीनियर टेक्निकल एनालिस्‍ट प्रवेश गौर का कहना है कि बाजार की उठापटक में Landmark Cars की लिस्टिंग कमजोर रही. हालांकि इश्‍यू को ठीक ठाक रिस्‍पांस मिला था. कंपनी आफ्टर-सेल्स सेगमेंट में भी अपनी प्रेजेंस बढ़ा रही है. इसका बिजनेस मॉडल एंटायर कस्‍टमर वैल्‍यू चेन पर कैप्‍चर करता है. कंपनी के प्रमोटर्स अनुभवी हैं, ट्रैक रिकॉर्ड बेहतर है. बाजार की मौजूदा स्थितियों के तहत, इसकी लिस्टिंग से ज्यादा उम्मीद करना उचित भी नहीं था. जिन्‍होंने लिस्टिंग गेंस के लिए पैसा लगाया है, उन्‍हें 440 रुपये पर स्‍टॉप लॉस लगाकर रखना चाहिए.

निवेशकों का कैसा था रिस्‍पांस

Landmark Cars के आईपीओ को रिटेल निवेशकों से सुस्‍त रिस्‍पांस मिला था. हालांकि ओवरआल यह इश्‍यू 306 फीसदी भरा था. इश्यू का आधा हिस्सा यानी 50 फीसदी क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था और यह 8.71 गुना भरा था. 35 फीसदी रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था और यह 0.59 गुना भरा था. 15 फीसदी हिस्‍सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व था और यह 1.32 गुना भरा था. कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्‍से को 2.93 गुना सब्‍सक्रिप्‍शन मिला.

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क्‍या हैं कंपनी के साथ रिस्‍क

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्‍योरिटीज के अनुसार कंपनी के LMC बिजनेस का बड़ा हिस्‍सा गुजरात और महाराष्‍ट्र तक सीमित है. सर्विसेज और रिपेयर वर्टिकल से आने वाले मार्जिन पर LMC के OEM सप्‍लायर्स द्वारा सेट प्राइसिंग गाइडलाइंस का असर हो सकता है. सेक्‍टर में प्रतियोगिता बढ़ रही है. सीजनेलिटी का भी असर होगा.

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कंपनी का फाइनेंशियल

ब्रोकरेज हाउस के अनुसार FY20-22 के दौरान LMC की सेल्‍स 15.8 फीसदी CAGR से बढ़ी है. कंपनी अब मुनाफे में दिख रही है. FY22 में PAT 66 करोड़ रहा है. EBITDA मार्जिन प्रोफाइल में सुधार हुआ है. यह FY20 में 3 फीसदी के मुकाबले 6 फीसदी रहा. FY22 में RoE, RoCE 27% और 15% रहा. अपर प्राइस बैंड के लिहाज से यह 28x P/E as of FY22 पर वैल्‍यूड है.

क्‍या करती है कंपनी

TPG बैक्‍ड लैंडमार्क कार्स मर्सिडीज-बेंज, होंडा, जीप, फाक्सवैगन और रेनॉल्ट के डीलरशिप के साथ भारत में एक प्रमुख प्रीमियम ऑटोमोटिव रिटेल बिजनेस है. लैंडमार्क कार की ऑटोमोटिव रिटेल वैल्यू चेन में मौजूदगी है, जिसमें नए वाहनों की बिक्री, बिक्री के बाद सर्विस और रिपेयर, स्पेयर पार्ट्स, लुब्रिकेंट्स और एसेसरीज, व यात्री वाहनों की बिक्री शामिल है.

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